चातुर्मास की आराधना का क्रम चलता रहे निरंतर: लोकसंत
रतलाम 11 नवम्बर (इ खबरटुडे)। चातुर्मास का अवसर आराधना के लिए सर्वोतम है। चातुर्मास में हमारे द्वारा जो आराधना हुई है, उसका क्रम निरंतर चलना चाहिए। संसार में सोचा हुआ नही होता, लेकिन नहीं सोचा हुआ हो जाता है। ऐसी विचित्रताओं से भरे संसार में धर्म को सदैव साथ रखना चाहिए, क्योंकि वही हमारे साथ हमेशा रहता है । धर्म का अंश हमें हर प्रतिकूलता से मुक्त करके पुन: अनुकूलता में ले जाता है ।
यह उद्गार लोकसन्त, आचार्य, गच्छाधिपति, श्रीमद् विजय जयन्तसेन सूरीश्वरजी म.सा. ने जयन्तसेन धाम में आए गुरुभक्तों को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि भगवान महावीर ने धर्म का जो मार्ग बताया है, उसका अनुसरण करके हर व्यक्ति मोक्ष प्राप्त कर सकता है । महावीर को इसलिए सिर्फ सुनने तक सीमित न रखें, अपने जीवन और आचरण में लाएं । लोकसन्तश्री से शुक्रवार को प्रसिद्ध कवि एवं चिन्तक प्रो. अजहर हाशमी, योगाचार्य ओम चौरसिया व पूर्व सिविल सर्जन डॉ. कैप्टन एन.के. शाह. ने सहित कई गुरुभक्तों ने दर्शन-वन्दन कर आशीर्वाद प्राप्त किया ।
उत्तराध्ययन सूर्त के हर शब्द में अनन्त शक्ति: मुनिराजश्री
मुनिराजश्री निपुणरत्न विजयजी म.सा. ने लोकसन्तश्री की निश्रा में उत्तराध्ययन सूत्र के वाचन का समापन किया । अंतिम तीन अध्यायों की व्याख्या करते हुए उन्होंने कहा कि शब्दों की दुनिया अनोखी होती है। शब्द सर्जन भी कर सकता है विसर्जन भी। शब्द मिर्त भी बना देते हैं, शत्रु भी, शब्द के द्वारा सम्मान भी पा सकते हैं अपमान भी। अत: शब्दों का उपयोग सोच-समझकर ही करना चाहिए। उत्तराध्ययन सूत्र का हर शब्द अनंत शक्ति से भरा है। इन शब्दों में आत्मा को परमात्मा बनाने का सामर्थ्य है। शब्दों में भरे भावों को जीवन में अनुसरण करना भी आवश्यक है। मुनिश्री ने कहा कि उत्तराध्ययन श्रवण की सार्थकता तभी होगी, जब हम संसार के विभावों से दूर रहने का सफल प्रयत्न करते रहेंगे। जयन्तसेन धाम चार माह तप तो लोकसन्तश्री के सानिध्य से महका है, अब इस महक को बनाए रखने की जिम्मेदारी आप सबकी है। मुनिश्री ने श्रद्धालुओं को जयन्तसेन धाम से जुड़ाव बनाए रखने की प्रेरणा देते हुए 9 नियम बताए, जिसमें से अनेकों ने शक्ति अनुसार 1/2/3 नियम पालन का संकल्प लिया। इस मौके पर श्री महावीर महिला सेवा समिति बाजना बस स्टैण्ड द्वारा चातुर्मास आयोजक व राज्य योजना आयोग उपाध्यक्ष चेतन्य काश्यप परिवार की श्रीमती तेजकुंवरबाई काश्यप का अभिनन्दन किया। दादा गुरुदेव की आरती का लाभ गिरधारीलाल लेवा परिवार ने लिया ।
150 आराधकों ने किया दीपक एकासणा –
लोकसन्तश्री की निश्रा में जयन्तसेन धाम में शुक्रवार को दीपक एकासणा का आयोजन किया गया, जिसमें चातुर्मास आयोजक परिवार की नीता काश्यप ने दीपक प्रगटाकर एकासणा प्रारंभ करवाया। इस तप में जब तक दीपक चलता है, उसी समय में एकासणा करना होता है। मुनिराज श्री चारित्ररत्न विजयजी म.सा. ने मंगलाचरण करते हुए सभी को इस तपस्या को करते हुए दैनिक जीवन में भी तप के भावों को अपनाने का मार्गदर्शन दिया। उन्होंने कहा कर्मों की निर्जरा करने के लिए तप सर्वश्रेष्ठ मार्ग है।
सेवा-अभिनन्दन समारोह आज –
लोकसन्तश्री की निश्रा में 12 नवम्बर को प्रात: 10.00 बजे जयन्तसेन धाम में ‘सेवा अभिनन्दन’ समारोह आयोजित होगा । चातुर्मास आयोजक व राज्य योजना आयोग उपाध्यक्ष चेतन्य काश्यप परिवार द्वारा आयोजित इस समारोह में रतलाम चातुर्मास को ऐतिहासिक व सफल बनाने वाले सहयोगियों की सेवा का अभिनन्दन किया जाएगा।