May 16, 2024

ग्रामीण विकास के निर्माण कार्य समय पर पूर्ण करें

संभागायुक्त ने अक्टूबर माह में 200 मुख्यमंत्री सड़क पूर्ण करने के निर्देश
संभाग स्तरीय कार्यशाला हुई
उज्जैन 12 सितम्बर। संभागायुक्त अरूण पाण्डेय ने कहा है कि बारिश का सीजन समाप्ति की ओर है। ग्रामीण विकास के अन्तर्गत स्वीकृत किये गये मनरेगा एवं अन्य विभागीय मद के काम शीघ्र प्रारम्भ करते हुए युद्ध तर पर इनको पूर्ण किया जाये। उन्होंने कहा है कि जो कार्य अभी तक अप्रारम्भ हैं, उन्हें भी इसी सप्ताह प्रारम्भ किया जाये। संभागायुक्त ने कहा है कि निर्माण कार्यों में गुणवत्ता से किसी तरह का समझौता नहीं किया जाये तथा हर जिले में निर्माण सामग्री की जाँच करने हेतु प्रयोगशाला कार्यशील स्थिति में रहना चाहिये। निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की मॉनीटरिंग हेतु उन्होंने जिला पंचायत के एवं जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को निरन्तर क्षेत्र में भ्रमण करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने ऐसे निर्माण कार्य, जो या तो पूर्ण हो चुके हैं या पूर्णता की ओर हैं, उनके पूर्णता प्रमाण-पत्र जारी करने हेतु सितम्बर माह में अभियान चलाने को कहा है। संभागायुक्त ने अक्टूबर माह में 200 मुख्यमंत्री सड़क पूर्ण करने के निर्देश दिये हैं।
इसके पूर्व संभागायुक्त अरूण पाण्डेय ने पं.सूर्यनारायण व्यास संकुल में ग्रामीण विकास योजनाओं पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला का शुभारम्भ माँ वाग्देवी के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलन कर किया। इस अवसर पर संभाग की जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं उपायुक्त विकास प्रतीक सोनवलकर मौजूद थे।
ग्रामीण विकास के अधिकारियों ने संभागायुक्त को बधाई दी
उज्जैन संभाग की सभी जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के अधीक्षण यंत्री, जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं सभी जिलों के कार्यपालन यंत्रियों ने संभागायुक्त को सुशीलचन्द्र वर्मा उत्कृष्ट पुरस्कार प्राप्त होने पर बधाई दी एवं पुष्पमाला भेंट कर उनका सम्मान किया। संभागायुक्त ने इस अवसर पर कहा कि गत वर्ष आयोजित की गई कार्यशाला के मंथन का ही परिणाम है कि उज्जैन संभाग ग्रामीण विकास की प्रगति में प्रदेश में सर्वश्रेष्ठ स्थान पर आया है। सभी की भागीदारी से यह संभव हुआ है, इस उपलब्धी के लिये सभी जिलों के कलेक्टर, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं अन्य अधिकारी-कर्मचारी सहभागी हैं। उन्होंने अपनी ओर से सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।
निर्वाचन के पूर्व लम्बित सड़कें व भवनों का निर्माण पूर्ण हो
संभागायुक्त ने सभी जिलों के ग्रामीण विकास विभाग के कार्यपालन यंत्रियों को निर्देश दिये हैं कि निर्वाचन के पूर्व सितम्बर-अक्टूबर माह में मुख्यमंत्री सड़क योजना के अन्तर्गत लम्बित सड़कें पूर्ण कराई जायें, जिससे चुनाव पार्टियों को ग्रामीण क्षेत्र में आने-जाने में सुविधा हो। साथ ही पंचायत भवनों एवं अन्य निर्माणाधीन भवनों को भी इसी अवधि में पूर्ण करा लिया जाये। इसका लाभ भी निर्वाचन में पोलिंग पार्टियों को मिलेगा।
कार्यशाला में विभिन्न योजनाओं की कार्य योजना पर चर्चा एवं प्रगति की समीक्षा हुई
पं.सूर्यनारायण व्यास संकुल में आयोजित ग्रामीण विकास की एक दिवसीय कार्यशाला में विभिन्न योजनाओं की कार्य योजना एवं प्रगति संभाग के विभिन्न जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों द्वारा प्रस्तुत की गई एवं इन पर समीक्षात्मक टिप्पणी करते हुए संभागायुक्त ने योजनाओं में गति लाने के टिप्स भी प्रस्तुति की समाप्ति के तुरन्त बाद दिये। संभागायुक्त ने समीक्षा के दौरान कहा कि मनरेगा में मंदसौर जिले का व्यय प्रतिशत कम है, सृजित मानव दिवसों में सभी जिले पिछड़ रहे हैं, रतलाम में एमआईएस का प्रतिशत औसत से कम है। इसी तरह पंच-परमेश्वर योजना में उन्होंने निर्देश दिये कि इस्टीमेट सही बनाना चाहिये तथा कांक्रीटिंग में अनिवार्य रूप से 24 दिन की तराई की जाये। सभी जिलों में वाइब्रोटर खरीद कर कांक्रीटिंग की गुणवत्ता में सुधार लाया जाये। उन्होंने मुख्यमंत्री आवास योजना में मंदसौर जिले की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया तथा निर्देश दिये कि पूर्व के वर्ष के बैकलाग इंदिरा आवासों को भी पूर्ण किया जाये। इंदिरा आवास योजना में देवास व रतलाम को छोड़कर शेष जिलों में फोटो अपलोडिंग कार्य में प्रगति धीमी है। मर्यादा अभियान में उन्होंने व्यक्तियों की सोच बदलने के प्रयास करने के निर्देश देते हुए कहा कि जनजागृति से सोच यदि बदलेगी तो निश्चित रूप से ग्रामीणजन शौचालय बनाने को राजी होंगे। मुख्यमंत्री सड़क योजना के अन्तर्गत उन्होंने अक्टूबर माह तक दो सौ सड़कें पूर्ण करने के निर्देश दिये हैं। सर्वप्रथम जिला पंचायत देवास के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अभिषेक सिंह ने ईएफएमएस (इलेक्ट्रॉनिकली फण्ड मॉनीटरिंग सिस्टम) तथा इलेक्ट्रॉनिकली फण्ड ट्रांसफर की अवधारण को विस्तृत रूप से पॉवर पाइन्ट प्रेजेंटेशन के माध्यम से मौजूद अधिकारियों, इंजीनियरों एवं अन्य परियोजनाओं के अधिकारियों को बताया। उन्होंने कहा कि मनरेगा में जॉब क्रिएट करना, मस्टर क्रिएट करना, मजदूरों की मजदूरी का आंकलन कर उनका भुगतान करना, सबकुछ ऑन लाईन हो गया है। इसमें किसी भी तरह की गड़बड़ी की आशंका अब नहीं है। जिला पंचायत से सीधे मजदूरों के खातों में पैसा बैंकों के माध्यम से ट्रांसफर होगा।
पंच-परमेश्वर योजना का प्रस्तुतिकरण जिला पंचायत रतलाम के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अर्जुनसिंह डाबर ने दिया। उन्होंने जानकारी दी कि पंच-परमेश्वर योजना में मूलभूत 12वां एवं 13वां वित्त आयोग तथा गौंण खनिज से जमा होने वाली राशि का एकीकरण कर ग्रामीण क्षेत्र में सीमेन्ट-कांक्रीट जैसे कार्य करवाये जा रहे हैं। श्री डाबर ने सीमेन्ट-कांक्रीट की गुणवत्ता बनाये रखने हेतु इसमें पहले बेस बनाने, उसके बाद कांक्रीट करने व एल शेप व यू शेप में नाली निर्माण करने की बात रखी।
जिला पंचायत मंदसौर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी  मानसिंह ने इंदिरा आवास, मुख्यमंत्री अन्त्योदय आवास, मुख्यमंत्री आवास पर प्रस्तुतिकरण दिया। जिला पंचायत नीमच के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डी.एस.रणदा ने मर्यादा अभियान पर प्रस्तुतिकरण देते हुए बताया कि गत वर्ष संभाग में 155 ग्राम पंचायतें निर्मल पंचायतों घोषित हुई हैं। जिला पंचायत उज्जैन के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ.एम.पी.पटेल ने एकीकृत जलग्रहण मिशन पर प्रस्तुतिकरण देते हुए वाटरशेड की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। जिला पंचायत शाजापुर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री मुकेश शुक्ला ने मुख्यमंत्री ग्रामीण हाट बाजार योजना, मध्याह्न भोजन योजना तथा राज्य आजीविका मिशन पर प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 52 हजार ग्रामों में से दो हजार ग्रामों में हाट लगते हैं तथा पाँच लाख लोग इनसे लाभान्वित होते हैं।
ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के अधीक्षण यंत्री  एस.के.जाधव ने मुख्यमंत्री सड़क योजना तथा मनरेगा एवं विभिन्न निर्माण कार्यों के तकनीकी पक्ष पर प्रतिभागियों के प्रश्नों के उत्तर दिये।
वन विस्तार व वानिकी की आवश्यकता पर वन मण्डलाधिकारी ने कार्य योजना प्रस्तुत की
वन मण्डलाधिकारी श्रीमती पद्मप्रिया बालकृष्णन् तथा मुख्य वन संरक्षक  पी.सी.दुबे ने उज्जैन संभाग में वन क्षेत्र के विस्तार की आवश्यकता पर बल देते हुए ग्रामीण विकास से समन्वय कर संभाग में गैर-वनक्षेत्र में वृक्षारोपण को बढ़ावा देने की बात कही। उन्होंने कार्य योजना प्रस्तुत करते हुए वन लक्ष्मी योजना, किसान लक्ष्मी योजना, वनदूत योजना तथा इन योजनाओं का जिला स्तर पर मनरेगा एवं आजीविका योजना से अभिसरण कर ग्रामीण क्षेत्रों में वानिकी विस्तार एवं क्रियान्वयन करने की योजना प्रस्तुत की। मुख्य वन संरक्षक ने बताया कि उज्जैन संभाग के रतलाम, उज्जैन, आगर व शाजापुर में नहीं के बराबर वन क्षेत्र हैं। इसमें वृद्धि बिना अन्य विभागों के सहयोग के संभव नहीं है।
कालापीपल, बड़ौद व मोहन बड़ोदिया के सीईओ से स्पष्टीकरण माँगने के निर्देश
संभागायुक्त ने कार्यशाला में शाजापुर जिले की कालापीपल, बड़ौद, मोहन बड़ोदिया जनपदों में पूर्णता प्रमाण-पत्र जारी होने की स्थिति शून्य पाये जाने पर सम्बन्धित जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों से स्पष्टीकरण लेने के निर्देश जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को दिये हैं। इसी तरह तत्कालीन जनपद पंचायत जावरा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अशोक को मुख्यमंत्री आवास योजना में प्रगति शून्य होने पर कारण बताओ सूचना-पत्र जारी करते हुए एक वेतन वृद्धि रोकने के निर्देश दिये हैं।

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