गुटबाजी के चलते नहीं हो पाई रेडक्रास की पहली बैठक
सदस्यों के व्यवहार से भडके कलेक्टर,बाजी अब कलेक्टर के हाथ
रतलाम,6 अगस्त (इ खबरटुडे)। जैसी कि आशंकाएं व्यक्त की गई थी,रेडक्रास के संचालक मण्डल के चुनाव के बाद गुटबाजी असर दिखाएगी। रेडक्रास की पहली ही बैठक में सदस्यों की खींचतान में उलझ कर रह गई। सदस्यों की खींचतान के चलते कलेक्टर बी चन्द्रशेखर भडक गए और बैठक को स्थगित कर दिया गया। जानकार सूत्रों का कहना है कि अब रेडक्रास की पूरी बाजी कलेक्टर के हाथों में आ गई है।
उल्लेखनीय है कि रेडक्रास सोसायटी के निर्वाचित सदस्यों की बैठक गुरुवार शाम पांच बजे कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आहूत की गई थी। बैठक के निर्धारित समय पर पहले तो सिर्फ दो सदस्य पंहुचे। कुछ अन्य सदस्य कलेक्टोरेट तो पंहुचे लेकिन काफी देर तक बाहर ही घूमते रहे। रेडक्रास की पदेन सचिव सुश्री ममता खेडे ने सदस्यों से कहा कि वे भीतर आ जाए,ताकि कलेक्टर को सूचना देकर बैठक शुरु की जा सके। काफी मशक्कत के बाद शाम करीब साढे पांच बजे आठ सदस्य सभाकक्ष में पंहुचे। सुश्री खेडे ने कलेक्टर बी चन्द्रशेखर को सूचना दी और बैठक शुरु करने का प्रयास किया गया। इसी दौरान रेडक्रास सोसायटी के एक निर्वाचित सदस्य के भाई ने सभाकक्ष में पंहुचकर यह सूचना दी कि उक्त सदस्य का स्वास्थ्य खराब है और उन्हे अस्पताल में भर्ती किया गया है। इसी दौरान कुछ सदस्यों ने यह आपत्ति उठाई कि बैठक की सूचना लिखित ढंग से नहीं दी गई है। इसलिए निर्धारित ढंग से सूचना दी जाए और फिर बैठक बुलाई जाए। सभाकक्ष में मौजूद सूत्रों के मुताबिक सदस्यों की खींचतान से कलेक्टर भडक गए और बैठक को स्थगित करते हुए वहां से चले गए।
जानकार सूत्रों का कहना है कि भाजपा के दो गुटों का विवाद अब रेडक्रास को अपनी छाया में ले चुका है। सूत्रों के मुताबिक रेडक्रास में उभरे नए सदस्यों के गुट ने कई सदस्यों को अपनी ओर कर लिया है। ऐसे में यदि चुनाव करवाए जाते तो पूर्व चैयरमेन को अपना पद गंवाना पड सकता था। इसीलिए येन केन प्रकारेण चुनाव को टालने की कोशिश की गई। सूत्रों के मुताबिक शहर विधायक से जुडे एक नेता का दूसरे गुट के एक व्यक्ति से जमकर विवाद भी हुआ।
सदस्यों की खींचतान के चलते अब यह स्पष्ट हो गया है कि सेवा से जुडी यह संस्था भी अब राजनीति से अछूती नहीं बची है और इसे भी राजनीति का अखाडा बनाया जा रहा है। जानकार सूत्रों का यह भी कहना है कि बैठक के निरस्त होने के बाद अब सारी बाजी कलेक्टर के हाथ में आ गई है। रेडक्रास नियमों के मुताबिक यदि कलेक्टर चाहे तो बिना चुनाव कराए स्वयं पदाधिकारियों को मनोनीत कर सकते है और यदि चाहे तो बिना मनोनयन के भी संस्था का संचालन कर सकते है। कलेक्टर रेडक्रास के अध्यक्ष होते है,जबकि रेडक्रास सचिव के पद पर भी शासकीय अधिकारी को ही नियुक्त किया जाता है।