गुजरात से आई 16 दृष्टिहीन बालिकाओं को वीआईपी कोटे से भस्म आरती की अनुमति
उज्जैन,24 जनवरी (इ खबरटुडे)। विश्व प्रसिद्ध बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक दक्षिणमुखी श्री महाकालेश्वर मन्दिर में भगवान महाकाल की भस्म आरती की परमिशन मकर संक्रान्ति पर्व से दिव्यांगजनों को वीआईपी कोटे से प्रदान की जा रही है। प्रज्ञा चक्षु चेरिटेबल ट्रस्ट जूनागढ़ गुजरात की 16 दृष्टिहीन बालिकाओं एवं उनके सहायकों को शनिवार को प्रात: होने वाली भस्म आरती की अनुमति मन्दिर प्रशासन द्वारा जारी की गई।
तत्कालीन कलेक्टर संकेत भोंडवे के समय श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति में दिव्यांगों के लिए कई कार्य करते हुए उनके हित के निर्णय लिए गए। श्री भोंडवे के कार्यों को वर्तमा कलेक्टर शशांक मिश्रा ने आगे बढाते हुए दिव्यांगों को भस्मार्ती अनुमति वीआईपी कोटे से देने का निर्णय मकर संक्रांति से लिया है।
इसी के तहत बालिकाओं के आधार कार्ड व सहायकों के पहचान-पत्र प्राप्त कर वीआईपी कोटे से भस्म आरती परमिशन दी गई । इस मौके पर मन्दिर के सहायक प्रशासक मूलचन्द जूनवाल का संस्था द्वारा दुंपट्टा ओढ़ाकर सम्मान किया गया।श्री महाकालेश्वर मन्दिर में हजारों श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन के साथ कई श्रद्धालु भस्म आरती में शामिल होते हैं।
महाकाल मन्दिर में दिव्यांग श्रद्धालुओं को सुविधा देने के लिये दिव्यांग फ्रेंडली अवार्ड भी मिल चुका है। अधिकतम 20 दिव्यांगों तथा इनके साथ आने वाले एक अटेंडर को भी भस्म आरती की वीआईपी कोटे से परमिशन प्रदान की जाती है। दिव्यांगजनों को भस्म आरती अनुमति के दौरान विकलांगता का प्रमाण-पत्र, अन्य पहचान-पत्र तथा उनके साथ आये अटेंडर का परिचय-पत्र दिखाने पर परमिशन दी जा रही है।