गरीबों को तत्काल सहायता पहुंचे,लापरवाही बर्दाश्त नहीं करूंगा
ट्रिपल एस मीटिंग में कलेक्टर ने दिए कडे निर्देश
रतलाम 1 दिसम्बर(इ खबरटुडे)। कलेक्टर डा.संजय गोयल ने आज समन्वय व समय सीमा (ट्रिपल एस) की बैठक में अधिकारियों को कडे शब्दों में हिदायत दी है कि शासन की जन कल्याण योजनाओं का लाभ गरीबों को त्वरित रूप से मिले।उन्होंने कहा कि गरीबों तक लाभ पहुंचने में लापरवाही और किसी भी प्रकार की बहानेबाजी को वे बर्दाश्त नहीं करेंगे। डा.गोयल ने बैठक में कहा कि येन केन प्रकारेण लेट लतीफी करने वाले लोकसेवकों के विरूध्द वे कडी कार्यवाही करेंगे।कार्यों में देरी करने वाले लोक सेवकों की शिकायत कलेक्टर डा. गोयल को सीधे ईमेल informusratlam@gmail.com पर की जा सकती है।
डा.गोयल ने समय सीमा संबंधी प्रकरणों पर विभागों द्वारा की जा रही कार्यवाही पर असंतोष प्रकट करते हुए कहा कि अधिकारीगण संबंधित प्रकरणों के निराकरण के लिए मैदानी स्तर के अमले से सीधे बात करें और जमीनी हकीकत को जानकार प्रकरणों का निपटारा करना सुनिश्चित करें।कलेक्टर इंदिरा आवास योजना में एक विकलांग को योजना का लाभ न मिलने,शिक्षा विभाग में एक महिला शिक्षिका द्वारा की गई शिकायत का निराकरण न होने, खेलकूद सामग्री का सदुपयोग न हो पाने संबंधी प्रकरणों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कलेक्टर को की जाने वाली शिकायतों अथवा जन सुनवाई में कलेक्टर को प्राप्त होने वाले आवेदन पत्रों के निराकरण्ा के लिए ग्राम पंचायत सचिव, पटवारी एवं अन्य जमीनी अमले से तत्काल दूरभाष पर वास्तविकता का पता लगाए। डा.गोयल ने कहा कि जिलास्तर पर आम गरीब आदमी की शिकायत का पहुंचना ही चिंताजनक है,और समय पर उसका निराकरण न होना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने जिलाधिकारियों को हिदायत दी कि इसप्रकार की लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
प्रकरण निपटारे में देरी अधिकारी की जिम्मेदारी
कलेक्टर डा.संजय गोयल ने विभिन्न प्रकरणों के निपटारे में होने वाली देरी के लिए अधिकारियों को जिम्मेदार माना। उन्होंने कहा कि प्रकरणों का समय सीमा में निपटारा नहीं होना और संबंधित शाखा प्रभारी के द्वारा समय पर फाईल प्रस्तुत नहीं किया जाना ढीले प्रशासन का द्योतक है।डा.गोयल द्वारा स्पष्ट रूप से चेताया गया कि ऐसे अधीनस्थ कर्मचारियों के विरूध्द जिलाधिकारी कार्यवाही करना सुनिश्चित करें, अन्यथा अधीनस्थों के विरूध्द सख्त कार्यवाही की जाएगी और जिलाधिकारियों के संबंध में शासन को लिखा जाएगा। डा.गोयल ने समय सीमा के प्रकरणों के निपटारे में देरी के कारणो की पडताल के लिए नस्तियां बुलाने के निर्देश एडीएम श्री कैलाश वानखेडे को दिए।
चल-अचल सम्पत्ति का ब्यौरा सभी को देना होगा
कलेक्टर डा.गोयल ने बैठक में समस्त अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे अपने मातहत अधिकारी कर्मचारियों को प्रतिवर्ष चल-अचल सम्पत्ति का ब्यौरा अनिवार्य रूप से प्राप्त करें। चल-अचल संपति का ब्यौरा प्रस्तुत नहीं करने वाले अधिकारियों,कर्मचारियों के स्वत्वो का जिसमें तनख्वाह भी शामिल है का भुगतान नहीं करें। कलेक्टर डा.गोयल ने कहा कि शासन से वेतन प्राप्त करने वाले कर्मचारियों चाहे वह राज्य अथवा केन्द्र शासन के हों या कि अनुदान प्राप्त संस्थानों के हों। शासकीय, अर्ध्दशासकीय या संविदा पर हो सभी लोकसेवकों की श्रेणी में आते हैं और सभी की जिम्मेदारी है कि वह आम व्यक्ति को लाभांवित करने में सौंपे गए दायित्वों का भलीभांति निर्वहन करें। ऐसे लोकसेवक जिन्होंने अपनी आय से अधिक सपंति का अर्जन किया हो उनकी शिकायतें ईमेल informusratlam@gmail.com पर की जा सकती है।
कम वजन वाले नवजात शिशुओं को ज्यादा देखरेख की जरूरत
कलेक्टर डा.संजय गोयल ने बैठक में कहा कि कम वजन वाले नवजात शिशुओं की ज्यादा देखभाल करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जनता में जागरूकता आई है और संस्थागत प्रसव में वृध्दि हुई है। डा.गोयल ने कहा कि औसतन ढाई किलो से कम वजन के बच्चे का जन्म होने पर अस्पतालों द्वारा शिशु की देखरेख में ढिलाई नहीं बरतना चाहिए और धात्री माता और नवजात शिशु को सहज ही अस्पताल से छुट्टी नहीं देनी चाहिए। डा.गोयल ने कहा कि ऐसे बच्चों को आवश्यकता पडने पर सीधे पोषण पुनर्वास केन्द्र पर अस्पताल द्वारा ही भेजा जाना चाहिए,ताकि उनकी समुचित देखरेख की जा सके।
खेल सामग्री का सदुपयोग हो, तालाबंदी न करें
कलेक्टर डा.गोयल ने बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी,सहायक आयुक्त आदिवासी विकास एवं जिला खेल अधिकारी को पाईका योजनांतर्गत जिले की 88शालाओं को उपलब्ध कराई गई खेल सामग्री का सदुपयोग सुनिश्चित कराए जाने हेतु निर्देश जारी करने को कहा है।उन्होंने कहा कि खेल सामग्री की तालाबंदी खेदजनक है।उल्लेखनीय है कि पाईका योजना तहत रतलाम विकासखण्ड की 24,आलोट की 21,पिपलौदा की 16,जावरा एवं बाजना की 10-10 एवं सैलाना की 7 ग्राम पंचायतों के विद्यालयों को खेल सामग्री उपलब्ध कराई गई है। इसमें कसरत करने के लिए एक सेट,वालीबाल गोल पोस्ट के दो सेट, खो खो पोल के तीन सेट,हैण्डबाल का एक सेट, कुश्ती जूडो इत्यादि के लिए मल्टीपरपज मेट (गद्दे 20नग) उपलब्ध कराए गए है। कलेक्टर डा.गोयल ने कहा कि संबंधित ग्राम पंचायतों के माध्यमिक अथवा उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापक/प्राचार्य/गेम्स टीचर सामग्री के इंचार्ज रहेंगे और वे खेलकूद सामग्री का सदुपयोग कराना सुनिश्चित करेंगे।
चेहल्लुम तक अवकाश प्रतिबंधित
कलेक्टर डा.संजय गोयल ने बैठक में नगरीय निकाय निर्वाचन संबंधी आचार संहिता समाप्त होने के बाद भी चेहल्लुम के समापन तक समस्त प्रकार के अवकाश प्रतिबंधित किए है। उन्होंने कहा है कि अधिकारी-कर्मचारी नोटशीट पर अवकाश स्वीकृति का पूर्व में अनुमोदन प्राप्त करने के बाद ही अवकाश पर जा सकेंगे।
विकलांगों को इंदिरा आवास योजना में प्राथमिकता
कलेक्टर डा.संजय गोयल ने बैठक में कहा कि इंदिरा आवास योजना अंतर्गत सुरक्षित रखी गई तीन प्रतिशत राशि से उनकी अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा पात्र हितग्राहियों का चयन कर स्वीकृति आदेश किए जाए।उन्होंने बताया कि सुरक्षित रखी गई राशि से योजना का लाभ विकलांगों,विमुक्त बंधुआ मजदूरों,विधवा परित्यक्ताओं,युध्द में शहीद सैनिक/अर्ध्दसैनिक की विधवाओं या उनके संबंधियों जो आवासहीन है को दिया जाएगा। इस राशि से जिला स्तर पर इंदिरा आवास योजना के लिए स्वीकृति प्रदान की जाती है। जिला स्तर पर योजना का लाभ लेने के लिए जिला पंचायत में एपीओ श्री प्रवीण शर्मा एवं लिपिक श्री नरेन्द्र पेण्डारकर से फार्म प्राप्त किए जा सकते है। यदि फार्म की उपलब्धता में परेशानी हो तो सीधे कलेक्टर से संपर्क किया जा सकता है।