खुद हटेंगे नहीं तो हटाए जाएंगे प्रवीण तोगड़िया, बगावती सुर नहीं आ रहा संघ को रास
नई दिल्ली,20 जनवरी (इ खबरटुडे)। बगावती तेवर अपना चुके विश्व हिंदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया का जाना तय है। संघ चाहता है कि निर्देश के मुताबिक तोगड़िया और विहिप के अध्यक्ष राघव रेड्डी स्वेच्छा से पद छोड़ दें। अगर ऐसा नहीं हुआ तो इन्हें हटाने की कार्यवाही शुरू की जाएगी। संघ ने फरवरी महीने के अंत तक भारतीय मजदूर संघ, भारतीय किसान संघ सहित कुछ अन्य अनुषांगिक संगठनों के नेतृत्व में परिवर्तन करने की पटकथा नए सिरे से तैयार की है। गौरतलब है कि संघ मिशन 2019 के लिए अनुषांगिक संगठनों में सरकार विरोधी रुख को खत्म करना चाहता है।
संघ के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक तोगड़िया, रेड्डी समेत अनुषांगिक संगठनों के कुछ अन्य नेतृत्वकर्ताओं को पद छोड़ने का निर्देश दिया जा चुका है। वैसे भी इनका कार्यकाल पहले ही पूरा हो चुका है। मगर निर्देश का पालन करने के बदले इनकी ओर से शक्ति प्रदर्शन कर दबाव बनाया जा रहा है। खासतौर से तोगड़िया के बगावती सुर और पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ सीधे हमले से संघ बेहद नाराज है। गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान तोगड़िया की विद्रोही भूमिका ने संघ नेतृत्व पहले ही तोगड़िया से खफा था।
हालांकि पहले नेतृत्व परिवर्तन की योजना को बीते साल दिसंबर के अंत तक अमली जामा पहनाने की थी। मगर इन नेताओं के तेवरों से बदली परिस्थितियों में संघ ने अपनी इस योजना को अमली जामा पहनाने की पटकथा नए सिरे से लिखी है। संघ अब भी चाहता है कि विवाद खत्म करने के लिए ये सभी नेता स्वेच्छा से पद त्याग दें। अगर ऐसा नहीं हुआ तो संघ इन्हें पद से हटाने की अपनी ओर से प्रक्रिया शुरू करेगा।
वेलिंगकर जैसा हश्र होने का डर
अनुषांगिक संगठनों के नेतृत्व में परिवर्तन का मन चुके संघ को वेलिंगकर मामले की तरह विवाद भड़कने का भी डर सता रहा है। गौरतलब है कि गोवा में संघ के प्रमुख रहे सुभाष वेलिंगकर ने वर्ष 2016 में बगावत कर संगठन की किरकिरी करा दी थी। वेलिंगकर की तरह खासतौर पर तोगड़िया की विहिप, बजरंग दल में गहरी पैठ है। यही कारण है कि संघ किसी भी तरह तोगड़िया के स्वेच्छा से पद छोड़ने का इंतजार कर रहा है।