खाद्यान्न नहीं मिलने पर बच्चे ने निगला जहर,कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश
रतलाम,31 दिसम्बर (इ खबरटुडे)। जिले के आदिवासी अंचल बाजना में एक आदिवासी बालक द्वारा खाद्यान्न नहीं मिलने पर जहर खाने के मामले में कलेक्टर रुचिका चौहान ने तीन दिन के भीतर जांच करने के आदेश दिए है। कलेक्टर के आदेश पर एसडीएम समेत प्रशासनिक अधिकारियों का दल मौके पर जांच के लिए पंहुच गया है।
उल्लेखनीय है कि बाजना अंचल के ग्राम पोनबट्टा मेें एक दस वर्षीय आदिवासी बालक सुनील पिता नानूराम ने शनिवार को कीटनाशक दवा पी ली थी। बालक को गंभीर अवस्था में बाजना के शासकीय अस्पताल में ले जाया गया था,जहां से उसे रतलाम जिला चिकित्सालय में रैफर कर दिया गया था। जिला चिकित्सालय में उपचार के बाद बालक की स्थिति खतरे से बाहर बताई गई है। बालक का उपचार अभी जारी है। स्थिति संभलने के बाद आदिवासी बालक ने बताया कि वह ग्राम आम्बापाडा स्थित सरकारी राशन की दुकान पर पिछले कई दिनों से रियायती दर का राशन लेने जा रहा था,लेकिन उसे राशन नहीं दिया जा रहा था। भूख से परेशान होकर आखिरकार नन्हे बालक ने जहर पीकर जान देने की ठान ली और घर में रखा कीटनाशक पी लिया। बच्चे के माता पिता मजदूरी करने के लिए कोटा(राजस्थान) गए हुए थे। घटना की जानकारी मिलते ही उसके माता पिता भी लौट आए। बच्चे के पिता नानूराम ने मौके पर पंहुचे मीडीयाकर्मियों को बताया कि उसके पास गरीबी रेखा का राशन कार्ड है,जिस पर रियायती दर पर राशन दिया जाता है। उसकी आर्थिक स्थिति बेहद खराब है और इसीलिए वह मजदूरी करने कोटा गया था।
मीडीया में घटना उजागर होने के बाद प्रशासन भी सक्रिय हुआ। कलेक्टर रुचिका चौहान ने मामले की जांच के आदेश दिए है। श्रीमती चौहान ने इ खबरटुडे से चर्चा में बताया कि तहसीलदार बाजना के नेतृत्व में जांच दल गठित किया गया है। जांच दल को तीन दिन में जांच पूरी कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए है। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद जो भी दोषी होगा,उसके विरुध्द कडी कार्यवाही की जाएगी। कलेक्टर द्वारा जांच के आदेश दिए जाने के बाद एसडीएम लक्ष्मी गामड के नेतृत्व में प्रशासनिक अधिकारियों का दल मौके पर पंहुच गया है। एसडीएम लक्ष्मी गामड ने इ खबरटुडे से चर्चा करते हुए कहा कि वे इस समय मौके पर ही है। उनके द्वारा मामले के सभी पहलूओं की जांच की जा रही है।