इंदौर
कोर्ट कर्मचारी ने थाने में लगाई फांसी
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इंदौर,20 दिसम्बर (इ खबरटुडे)। वाहन चोरी के मामले में पूछताछ से घबराए कोर्ट कर्मचारीने एमआईजी थाने के बाथरुम में फांसी लगा ली। जब वह काफी देर तक बाहर नहीं निकला तो पुलिसकर्मियों ने दरवाजा तोड़ा और फंदे से उतारकर उसे अस्पताल ले गए, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। हिरासत में मौत की सूचना मिलते ही वरिष्ठ अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और मामले की जांच शुरु कर दी।
पुलिस के अनुसार शनिवार रात पंकज पिता विष्णुदास वैष्णव(25) निवासी नया बसेरा गांधी नगर को पुलिसकर्मी एमवायएच लेकर पहुंचे थे। डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया।
एमआईजी टीआई एमए सैयद ने बताया कि वाहन चेकिंग के दौरान स्कूटी क्रमांक एमपी 09 सीएच 2314 लेकर जा रहे दिनेश राजपूत को रोककर कागजात मांगे तो वह नहीं दे सका। पूछताछ करने पर उसने बताया कि उसे स्कूटी पंकज वैष्णव ने दी है। इस पर पुलिस ने दिनेश के मोबाइल फोन से पंकज को फोन कर थाने बुलाया और वाहन चोरी के मामले में पूछताछ करने लगी।
बाथरूम में पहुंचा और लगा ली फांसी
पूछताछ के दौरान पंकज थाना परिसर में बने बाथरुम में गया और दरवाजा बंद कर लिया। काफी देर बाद भी जब वह बाहर नहीं निकला तो प्रधान आरक्षक भोला सिंह उसे देखने पहुंचा। काफी आवाजे देने के बाद भी जब उसने दरवाजा नहीं खोला तो पुलिसकर्मियों ने दरवाजा तोड़ दिया।
जूतों की लैस बांधकर फंदा बनाया और रौशनदान से लटककर फांसी लगा ली
भीतर का दृष्य देखकर पुलिसकर्मी हक्के-बक्के रह गए। पंकज ने जूतों की लैस बांधकर फंदा बनाया और रौशनदान से लटककर फांसी लगा ली। आनन-फानन में उसे फंदे से उतारकर एमवायएच ले जाया गया। सूचना मिलते ही एसपी ओपी त्रिपाठी, एएसपी राकेश सिंह और राजेश सहाय सहित अन्य अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए।
कोर्ट कर्मचारी था…
एसपी त्रिपाठी ने बताया कि पंकज कोर्ट में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी था। उसे शाम चार बजे पूछताछ के लिए बुलाया गया था। उसके साथ किसी तरह की मारपीट नहीं की गई थी। पकड़े जाने के बाद नौकरी छूटने और बदनामी के डर से उसने फांसी लगा ली। पूरे मामले की न्यायिक जांच होगी। इस मामले में जिस किसी की भी लापरवाही होगी उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।