December 26, 2024

कोरोना काल में दोगुना हो गई श्वान (Dogs) की कीमत, बेजुबान बने तन्हाई का सहारा

IMG-20201105-WA0012

लखनऊ,05 नवंबर (इ खबरटुडे)।कोरोना काल के दौरान अकेलेपन को दूर करने के लिए लोग पालतू जानवरों का सहारा ले रहे हैं। इसके चलते पिछले कुछ महीनों में देश के विभिन्न पालतू जानवरों की बिक्री में जबर्दस्त इजाफा हुआ है। वर्क फ्रॉम होम की वजह से बढ़ रहे तनाव को कम करने के लिए इन दिनों श्वान (Dogs) पालने का चलन बढ़ गया है और इसकी वजह से इसकी कीमत भी दो-ढाई गुना बढ़ गई है।

लखनऊ के इंदिरानगर निवासी शुभम वैश्य ने पग खरीदना चाहा। वे इसकी कीमत सुनकर चौंक गए, क्योंकि आमतौर पर 6 हजार रुपए तक मिलने वाला यह श्वान अब 16 हजार रुपए में बिक रहा है। कोरोना काल में मांग बढ़ने की वजह से इसकी कीमत में भी भारी इजाफा हुआ।

आलमबाग के सौरभ ने बताया, लैब्राडोर, जर्मन शेफर्ड, डाबरमैन और पग की डिमांड सबसे ज्यादा है। पंजाब से ब्रीडिंग के बाद श्वान की बड़े पैमाने पर डिलीवरी होती है, वैसे अब लखनऊ और आसपास के इलाकों में भी लोग श्वान की ब्रीडिंग कराकर उनको बेचते हैं। इन दिनों लैब्राडोर, जर्मन शेफर्ड और पग 16 हजार रुपये तक बिक रहे हें। डाबरमैन की कीमत 10 हजार रुपये है।

आगरा में भी श्वान की डिमांड :
आगरा में पालतू जानवरों के 200 विक्रेता है। लॉकडाउन से पहले शहर में हर महीने करीब 200 श्वान और बिल्लियां बिकती थी, लॉकडाउन के दौरान यह संख्या बढ़कर दोगुनी हो गई। लॉकडाउन के दौरान कोलकाता, जयपुर, पंजाब और दिल्ली के श्वान की सप्लाई बदं हो गई थी, जिसकी वजह से कीमतों में वृद्धि हुई। आगरा और उसके आसपास के क्षेत्रों में Dogs की कीमतों में दो गुना से ज्यादा इजाफा हुआ है।

डॉक्टर संजीव नेहरू ने कहा कि वैक्सीन के लिए आने वाले श्वान की संख्या बहुत बढ़ गई हैं। एनिमल बोर्ड वेलफेयर एसोसिएशन का नियम है कि पालतू जानवरों के विक्रेता इलाज नहीं कर सकते, इसलिए लोग श्वान खरीदने के बाद वैक्सीन लगाने के लिए हमारे पास आते हैं।

You may have missed

Here can be your custom HTML or Shortcode

This will close in 20 seconds