आष्टा की एसडीएम ने मंदिर से लाउडस्पीकर हटाने का आदेश दिया, शिवराज बोले- तुष्टीकरण कर रही सरकार
सीहोर, 28 जनवरी (इ खबरटुडे)। आष्टा में प्राचीन शंकर मंदिर से एसडीएम द्वारा लाउडस्पीकर हटाए जाने के आदेश के बाद विरोध शुरू हो गया है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसकी आलोचना की है। शिवराज ने ट्वीट करके कमलनाथ सरकार के आदेश को शर्मनाक और तुष्टीकरण करने वाला बताया। उन्होंने कहा- कोलाहल नियंत्रण के नाम पर मंदिर से स्पीकर हटाने का जो आदेश जारी हुआ है, क्या रात्रि 10 से सुबह 6 बजे के बीच दूसरे धार्मिक स्थलों पर भी यह लागू करवा पाएंगे? प्रदेश के मुखिया की दृष्टि में तो सभी धर्म समान होने चाहिए या नहीं? सोमवार को आष्टा की एसडीएम ने कोलाहल नियंत्रण अधिनियम का हवाला देकर मंदिर से लाउडस्पीकर हटाने का आदेश दिया था।
इधर, मंगलवार को आष्टा में भाजपा और हिंदू उत्सव समिति ने आदेश के विरोध में जुलूस निकाला और तहसील कार्यालय पहुंचकर नारेबाजी की। यहां पर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देकर चेताया है कि आदेश वापस नहीं लिया गया तो तो अनिश्चितकालीन आष्टा बंद किया जाएगा।
एसडीएम ने मंदिर प्रबंधन को मंदिर बुलाया था
एसडीएम अंजू विश्वकर्मा ने शंकर मंदिर समिति के सदस्यों को सोमवार को अपने कार्यालय में बुलाया और कहा था कि आप लोग तत्काल मंदिर में बजने वाले लाउडस्पीकर को बंद कर दें। अगर लाउडस्पीकर बजाया तो आपके और पुजारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। एसडीएम ने कहा था कि कोलाहल नियंत्रण अधिनियम के तहत रात 10 से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर बजाने पर प्रतिबंध है। सुप्रीम कोर्ट भी इस संबंध में आदेश जारी कर चुका है।
धार्मिक परंपराओं में व्यवधान न डाला जाए
मंदिर समिति के सदस्यों की मानें तो उन्होंने भी एसडीएम के समक्ष दूसरे धर्म का हवाला दिया और कहा था कि वहां भी 5 बार लाउडस्पीकर बजाया जाता है। स्थानीय शंकर मंदिर के पुजारी हेमंत गिरी ने मांग की है कि धार्मिक परंपराओं और आरती आदि में व्यवधान पैदा न किया जाए।
सोमवार को एसडीएम ने जारी किया था आदेश
एसडीएम अंजू विश्वकर्मा ने शंकर मंदिर समिति के सदस्यों को सोमवार को अपने कार्यालय पर बुलाकर कहा था कि आप लोग तत्काल मंदिर में बजने वाले लाउडस्पीकर को बंद कर दें। अगर लाउडस्पीकर बजाया तो आपके और पुजारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। एसडीएम ने कहा था कि कोलाहल नियंत्रण अधिनियम के तहत रात 10 से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर बजाने पर प्रतिबंध सुप्रीम कोर्ट का नियम है। मंदिर समिति के सदस्यों ने दूसरे धर्म का हवाला दिया था और कहा था कि वहां भी तो 5 बार लाउडस्पीकर बजाया जाता है। स्थानीय शंकर मंदिर के पुजारी हेमंत गिरी ने मांग की है कि धार्मिक परंपराओं और आरती आदि में व्यवधान पैदा न किया जाए।
उज्जैन के महाकाल मंदिर के बारे में भ्रांति न फैलाएं
वहीं, सोशल मीडिया में एक वीडियो प्रसारित किया जा रहा है, जिसमें महाकालेश्वर मंदिर के लाउडस्पीकर को बंद करने संबंधी बातें की जा रही है। कुछ लोगों द्वारा इसे महाकाल मंदिर से जोड़कर देखा जा रहा है। इस पर मंदिर प्रबंधन ने स्पष्ट किया है कि ये मामला महाकाल मंदिर उज्जैन का नहीं है। बल्कि किसी अन्य जिले के मंदिर का है। लोगों से अपील की जाती है कि कृपया महाकाल मंदिर से जोड़कर भ्रांति ना फैलाएं, अन्यथा सुसंगत विधिक प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी।