आधार बनाने में भी भ्रष्टाचार
निशुल्क सेवा होने के बावजूद वसूले जा रहे है रुपए,नागरिक परेशान,प्रशासन मौन
रतलाम,23 दिसम्बर (इ खबर टुडे)। शासकीय योजनाओं के व्यवस्थित क्रियान्वयन और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की महत्वाकांक्षी परियोजना आधार कार्ड पर भी भ्रष्टाचार का घुन लग गया है। निशुल्क रुप से आधार कार्ड बनाने के सुस्पष्ट दिशा निर्देश के बावजूद कतिपय स्थानों पर कार्ड बनाने वाले नागरिकों से भारी राशि वसूल रहे है।
जब से रसोई गैस की टंकियों की सबसीडी हासिल करने के लिए आधार कार्ड को जरुरी बनाया गया है,तब से आधार कार्ड बनवाने वालों की भीड उमडने लगी है। ऐसे में आधार कार्ड बनाने वाली निजी एजेंसियों की चांदी हो गई है। रतलाम शहर को छोडकर जिले के दूर दराज के क्षेत्रों में आधार कार्ड बनाने वाले एजेन्ट लोगों से भारी राशि वसूलने लगे है।
सैलाना में आधार कार्ड बनाने वाला निजी एजेन्ट नागरिकों से प्रति कार्ड पचास से सौ रुपए तक वसूल रहा है। विगत दिनों आधार कार्ड बनवाने अपने परिवार के साथ गए एक शासकीय कर्मचारी से उक्त एजेन्ट ने आधार कार्ड बनाने के लिए राशि की मांग की। जब शासकीय कर्मचारी ने कहा कि आधार पूर्णत: निशुल्क बनाया जाना है,तब निजी एजेन्ट ने उक्त कर्मचारी के साथ अभद्रता करते हुए कहा कि अगर रुपए देंगे तो ही आधार बनेगा वरना नहीं। आखिरकार मजबूर होकर शासकीय कर्मचारी ने अपना व परिवार का आधार कार्ड बनवाने के लिए कार्ड बनाने वाले एजेन्ट को रुपए दिए। जब इस राशि की रसीद मांगी गई तब भी एजेन्ट ने अभद्रता करते हुए रसीद देने से साफ इंकार कर दिया। उसने कहा कि इसकी कोई रसीद नहीं दी जाती।
मजेदार बात यह है कि यूनिक आई डी और आधार कार्ड भारत की अत्यन्त महत्वाकांक्षी परियोजना है,जिसकी मदद से योजनाओं के सफल क्रियान्वयन और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना चाहती है। लेकिन अब आधार कार्ड की योजना को ही भ्रष्टाचार का घुन लगने लगा है। आधार कार्ड बनाने के लिए नियुक्त प्राइवेट एजेन्ट्स पर प्रशासनिक अधिकारियों का कोई नियंत्रण नहीं है। यहां तक कि जिले में नियुक्त निजी एजेन्ट्स कौन कौन है और कितने है,इसकी भी कोई जानकारी सहज में उपलब्ध नहीं हो पाती। ऐसे में आधार परियोजना के भविष्य को बहुत अच्छा नहीं कहा जा सकता।