May 12, 2024

अहमदाबाद में पतंग के मांझे से 200 पक्षियों की मौत,पक्षियों की शवयात्रा निकाली गई

अहमदाबाद,16 जनवरी(इ खबरटुडे)।उत्तरायण में लोगों को पतंगबाजी करने में बहुत ही मजा आता है , परंतु पक्षियों के लिए यह सजा साबित होती है। अहमदाबाद शहर में पतंग के मांझे से कटने पर 200 पक्षियों की मौत हो गई जबकि 1200 से अधिक पक्षी घायल हो गये है। राज्य के वन विभाग ने यह आंकडे जारी किये है।

 शनिवार सुबह 37 पक्षियों की शवयात्रा निकाली गई, जिसमें बड़ी संख्या में शहरवासी जुड़े
गुजरात में आज अलग-अलग शहरों में 110 पक्षियों की शवयात्रा निकाल कर उनका अंतिम संस्कार किया गया। इन पक्षियों की मौत मकर संक्रांति पर पतंगबाजी के दौरान पतंग के मांजे की चपेट में आने से हुई। शनिवार सुबह 37 पक्षियों की शवयात्रा निकाली गई, जिसमें बड़ी संख्या में शहरवासी जुड़े।सैकड़ों पक्षी, अब कभी नहीं उड़ सकेंगे…
वन-विभाग के बताए अनुसार पूरे राज्य से अब तक लगभग 2200 पक्षियों के घायल होने के आंकड़ें मिले हैं। इनमें से 110 पक्षियों की मौत हो चुकी है। वहीं, सैकड़ों पक्षी गंभीर रूप से घायल हुए हैं और इनके पंख कट गए हैं, जिससे अब वे दोबारा पतंग की तरह हवा में उड़ान नहीं भर सकेंगे।

मरने वालों में सबसे ज्यादा कबूतर व कौवे:
मरने वाले पक्षियों में सबसे ज्यादा संख्या कबूतर व कौवों की है। पक्षियों को बचाने के लिए वन-विभाग की दर्जनों टीमों सहित कई सामाजिक संस्थाएं भी सक्रिय थीं। इससे 400 से अधिक पक्षियों की जान बचा ली गई है।

हर साल पतंगबाजी की भेंट चढ़ जाते हैं पक्षी:
गुजरात में प्रतिवर्ष पतंग महोत्सव के दौरान सैकड़ों की संख्या में पक्षी काल के गाल में समा जाते हैं। इसीलिए इस बार सभी बड़े-छोटे शहरों में घायल पक्षियों के इलाज के लिए चौबीसों घंटे की एंबुलेंस सुविधा शुरू की गई थी। दिन-रात एंबुलेंस शहरों में दौड़ रही थीं। इसके साथ ही घायल पक्षियों के इलाज के लिए हेल्प लाइन की व्यवस्था भी की गई थी।

राज्य के वन विभाग द्वारा घायल पक्षियों के उपचार के लिए 24 घंटे हेल्पलाइन शुरु किया गया है। 11 से 18 जनवरी तक चलने वाले वन विभाग के इस अभियान में 22 एनजीओं , 102 डाक्टर्स शामिल हुए है।
जीवदया चेरिटेबल ट्रस्ट के गीताबेन शाह ने बताया कि उत्तरायण पर राज्य में 2300 से अधिक पक्षी घायल हुए है। जिसमें केवल अहमदाबाद में 1200 से पक्षियों के घायल होने के समांचार है। अभी भी पेड़- पौधो में लटकते मांजो के कारण पक्षी घायल होते है। आगामी दिनों में यह संख्या बढ़ जाने की संभावना है।

 

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