अंगदान करने वाले के परिवार को पांच साल का स्वास्थ्य बीमा मुफ्त
अंग निकालने वाले अस्पताल में ही सरकारी डॉक्टरों की मौजूदगी में होगा पोस्टमार्टम
इंदौर, 21 दिसम्बर(इ खबरटुडे)। अंगदान करने वाले के परिवार को पांच साल का स्वास्थ्य बीमा मुफ्त दिया जाएगा। इंदौर से भेजे गए इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार ने मंजूर कर लिया है। इसे लेकर सरकार नीति बना रही है। इसके बाद हर राज्य में इसे लागू किया जाएगा।
साथ ही प्रदेश में किसी निजी अस्पताल में भी अंगदान होने के बाद शव के पोस्टमार्टम के लिए सरकारी अस्पताल ले जाने का झंझट नहीं होगा। ऐसी व्यवस्था होगी कि अंगदान के दौरान सरकारी डॉक्टर वहीं मौजूद रहेंगे और अंगदान के बाद वहीं पोस्टमार्टम हो जाएगा।
गदान के बाद डेथ सर्टिफिकेट के लिए भी परिजन को परेशान नहीं होना पड़ेगा
इससे किसी ब्रेनडेड या सामान्य मृत्यु के केस में अंगदान के बाद परिजन को शव के पोस्टमार्टम के लिए एंबुलेंस का इंतजाम कर सरकारी अस्पताल नहीं जाना पड़ेगा। अंगदान के बाद डेथ सर्टिफिकेट के लिए भी परिजन को परेशान नहीं होना पड़ेगा। इसकी प्रक्रिया का भी सरलीकरण किया गया है।
इंदौर के महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज की ओर से काउंसिल के अध्यक्ष और संभागायुक्त संजय दुबे ने इस तरह का प्रस्ताव मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को भेजा है। सरकार ने इस पर अपनी सहमति दे दी है। जल्द ही इसके नियम जारी होने की संभावना है।
परिजन ही बता सकेंगे बॉडी अंगदान लायक है या नहीं
अंगदान में अब तक यह व्यवस्था है कि यदि कोई व्यक्ति अंगदान करना चाहता है और उसकी मौत के बाद परिजन जब शव को लेकर अस्पताल पहुंचते हैं तो कई बार डॉक्टर मना कर देते हैं। डॉक्टर बताते हैं कि बॉडी की हालत ठीक नहीं है, इसलिए अंग नहीं निकाले जा सकते। तब परिजन शव को वापस लाते हैं और इस प्रक्रिया में घंटों परेशान होना पड़ता है।
नई व्यवस्था में यह सुविधा जुड़ने वाली है कि परिजन बॉडी की कंडीशन देखकर फोन पर ही डॉक्टरों को बता सकेंगे कि बॉडी की हालत कैसी है। यदि शरीर पर फफोले नहीं हैं, शरीर नीला नहीं पड़ा है और उसे कोई इंफेक्शन नहीं है, तो डॉक्टर कह सकते हैं अंगदान के लिए शव ले आइए। उस कंडीशन में जब परिजन शव लेकर अस्पताल पहुंचेंगे तो डॉक्टर अंग लेने से मना नहीं कर सकेंगे। इसके साथ ही परिजन को डेथ सर्टिफिकेट भी मिल जाया करेगा।