स्कूली बच्चाें के चिकित्सकीय मूल्यांकन के लिए शिविर
384 बच्चाें को है मदद की दरकार
रतलाम 24 अप्रैल (इ खबरटुडे)। जिला शिक्षा केन्द्र ने 21 से 23 अप्रैल 2012 के दौरान जिले के प्रत्येक विकासखण्ड मुख्यालय में विशेष आवश्यकता वाले बच्चाें के चिकित्सीय मूल्यांकन के लिए शिविराें का आयोजन किया। इन शिविराें में कुल 253 अस्थि बाधित, 27 दृष्टि बाधित, 47 श्रवण बाधित, 57 मूक-बधिर व मानसिक विकलांग बच्चाें की पहचान की।
जिला परियोजना समन्वयक जी.एल.साहू ने बताया कि बाजना विकासखण्ड में 69 अस्थि बाधित,5 दृष्टि बाधित,15 श्रवण बाधित तथा 10 मानसिक एवं मूक-बधिर विकलांग बच्चाें की पहचान की गई। इसी प्रकार जावरा विकासखण्ड में 47 अस्थि बाधित, 7 दृष्टि बाधित, 9 श्रवण बाधित एवं 9 मानसिक एवं मूक-बधिर विकलांग बच्चे पाए गए। विकासखण्ड आलोट में विशेष आवश्यकता वाले 7 अस्थि बाधित एवं 4 मानसिक व मूक-बधिर विकलांग बच्चाें की पहचान की गई। पिपलौदा विकासखण्ड में 41 अस्थि बाधित,12 दृष्टि बाधित,10 श्रवण बाधित एवं 16 मानसिक एवं मूक-बधिर विकलांग बच्चे पहचाने गए। सैलाना विकासखण्ड में 26 अस्थि बाधित,एक दृष्टि बाधित, 5 श्रवण बाधित एवं 6 मानसिक एवं मूक-बधिर विकलांग बच्चाें की पहचान की गई। रतलाम विकासखण्ड में 63 अस्थि बाधित, 2 दृष्टि बाधित, 8 श्रवण बाधित एवं 12 मानसिक एवं मूक-बधिर विकलांग बच्चे पहचाने गए।
इन शिविराें में डा.शशांक आचार्य,डा.सुजीत कुमार,डा.बी.आर.रत्नाकर, डा.भरत निनामा, डा.निर्मल जैन, डा.आनंद कातरकर एवं डा.शर्मा ने बच्चाें का चिकित्सीय मूल्यांकन किया। शिविराें के दौरान सी.एल.सालित्रा, आर.सी.गोदार, एम.एल.डामर, वासुदेव मईडा, गोपाल बैरागी, सुश्री अरूणा व सुनीता पंवार, कन्हैयालाल बोस एवं कमलेश रायकवार का सहयोग उल्लेखनीय रहा।