November 15, 2024

सुप्रीम कोर्ट ने कहा- महाभियोग पर चर्चा दुर्भाग्यपूर्ण, मीडिया रिपोर्टिंग रोकने के लिए AG से राय मांगी

नई दिल्ली,20 अप्रैल(इ खबरटुडे)। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर विपक्षी दलों की बैठक के बीच सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है। एक एनजीओ की जनहित याचिका में कहा गया है कि आर्टिकल 121 के तहत जब तक संसद में किसी जज को हटाने का प्रस्ताव नहीं रखा जाता, तब तक सांसद किसी जज के बारे में इस तरह पब्लिक फोरम में चर्चा नहीं कर सकते। चीफ जस्टिस के खिलाफ महाभियोग की चर्चा को सुप्रीम कोर्ट ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। साथ ही कहा कि हाल के दिनों में जो कुछ हुआ है, वह परेशान कर देने वाला है।

याचिका में कहा गया है, ‘सार्वजनिक रूप से चर्चा के चलते सवालों के घेरे में आया कोई भी जज सुचारू रूप से अपनी जिम्मेदारी को नहीं निभा सकता है, इस तरह की चर्चा से न्यायपालिका की स्वतंत्रता भी बाधित होती है।’ जनहित याचिका (PIL) में मीडिया को महाभियोग के मसले पर रिपोर्टिंग से रोकने की मांग भी की गई है। कोर्ट ने महाभियोग को लेकर हो रही मीडिया रिपोर्टिंग पर बैन की मांग पर अटॉनी जनरल से राय मांगी है।

अब सुप्रीम कोर्ट इस पर सुनवाई करेगा कि क्या मीडिया को महाभियोग पर चर्चा से रोका जा सकता है और क्या सांसदों को भी महाभियोग पर चर्चा से प्रतिबिंधित किया जा सकता है। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में इस याचिका पर सुनवाई ऐसे समय में हो रही है जब विपक्ष महाभियोग प्रस्ताव पर फिर सक्रिय हो गया है। शुक्रवार को ही कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी दलों की एक अहम बैठक होनेवाली है, जिसमें CJI के खिलाफ प्रस्तावित महाभियोग को अंतिम रूप दिया जा सकता है।

विपक्षी दल यह प्रस्ताव उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू को भी सौंप सकते हैं। सूत्रों के अनुसार संसद परिसर में हो रही इस बैठक में कांग्रेस, NCP, एसपी, बीएसपी के अलावा कुछ अन्य दल भी शामिल होंगे। इसके बाद विपक्षी दल राज्यसभा के चेयरमैन से मिलेंगे और प्रस्ताव आज ही उन्हें सौंप सकते हैं। चेयरमैन से पहले ही समय मांगा गया है।

सूत्रों का कहना है कि तृणमूल कांग्रेस और DMK, जो शुरुआत में CJI के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव के पक्ष में थीं, अब इसमें शामिल नहीं हैं। महाभियोग पर चर्चा ऐसे समय में तेज हुई है जब एक दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने जज बीएच लोया की मौत की स्वतंत्र जांच की मांग वाली कई याचिकाओं को खारिज कर दिया था। आपको बता दें कि जज लोया सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर केस की सुनवाई कर रहे थे। SC का फैसला चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच ने ही दिया है।

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