राजस्थान में भाजपा ने नहीं छोड़ी उम्मीद, परिणाम के बाद की रणनीति पर काम शुरू
जयपुर,09दिसम्बर(इ खबरटुडे)। राजस्थान में चुनाव के बाद एक्जिट पोल के नतीजे भले ही यहां से भाजपा की विदाई तय बता रहे हों, लेकिन पार्टी ने अभी उम्मीद नहीं छोड़ी है। भाजपा को पूरी उम्मीद है कि मतदान के बाद सामने आए मत प्रतिशत के आंकड़े पार्टी को बहुमत के आसपास पहुंचा रहे हैं। यही कारण है कि पार्टी के रणनीतिकारों ने अब प्लान-बी पर भी काम शुरू कर दिया है।
राजस्थान में सत्तारूढ़ भाजपा इस बार सत्ता विरोधी लहर का सामना कर रही थी और इसका अंदाजा इस वर्ष की शुरुआत में अजमेर और अलवर लोकसभा सीट तथा मांडलगढ़ विधानसभा सीट के उपचुनाव में लग गया था, जब पार्टी न सिर्फ तीनों चुनाव हारी, बल्कि लोकसभा सीटों के तहत आने वाली 16 विधानसभा सीटों पर भी पीछे रही। विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी की हार तय मानी जा रही थी और यहां तक कहा जा रहा था कि इस बार बहुत बड़ी हार का सामना करना पड़ सकता है।
टिकट वितरण में चार मंत्रियों सहित 56 विधायकों के टिकट काटे गए और जब कांग्रेस के टिकट वितरण में खामियां सामने आई तो स्थिति कुछ सुधरी। इसके बाद पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की रणनीति, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित पार्टी के स्टार प्रचारकों के आक्रामक प्रचार अभियान से लगा कि पार्टी एक बार फिर टक्कर में आ गई है। अब मतदान प्रतिशत पिछली बार के मुकाबले नहीं बढ़ने को पार्टी के नेता अपने पक्ष में बता रहे हैं।
रणनीतिकार हुए सक्रिय
इस बीच पार्टी के रणनीतिकार सक्रिय हो गए हैं। शनिवार को दिनभर पार्टी मुख्यालय में हर सीट और बूथ पर हुए मतदान का विश्लेषण किया गया। जिलों से रिपोर्ट मंगाई गई और जीतने की संभावना वाले निर्दलीय प्रत्याशियों से भी संपर्क शुरू कर दिया गया।