September 23, 2024

मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना प्रदेश की अनूठी योजना – विधायक काश्यप

जनकल्याण योजना प्रकोष्ठ ने तिरूपति बालाजी तीर्थ के 194 यात्रियों को दी सम्मानपूर्वक विदाई

रतलाम ,07 मार्च(इ खबरटुडे)।मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत बुधवार को जिले के 194 यात्री तिरूपति बालाजी की यात्रा पर रवाना हुए। इन यात्रियों को मुख्यमंत्री जनकल्याण योजना प्रकोष्ठ द्वारा स्टेडियम मार्केट परिसर में समारोह आयोजित कर विदाई दी गई। समारोह में सभी यात्रियों का शॉल एवं फुल माला से विधायक एवं राज्य योजना आयोग उपाध्यक्ष चेतन्य काश्यप, महापौर डॉ. सुनीता यार्दे व जिला भाजपा अध्यक्ष कान्हसिंह चौहान के मुख्य आतिथ्य में सम्मान किया गया।समारोह को सम्बोधित करते हुए विधायक श्री काश्यप ने कहा कि मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना प्रदेश की अनूठी योजना है। देश के 70 सालों के इतिहास में कहीं ऐसी शुरूआत नहीं हुई, जो मध्यप्रदेश में हुई है। शासन का दायित्व केवल भौतिक विकास और सुविधाएं जुटाना ही नहीं होता, अपितु जनता की खुशी और संस्कारों का पोषण करना भी होता है। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के नेतृत्व में ऐसी योजनाओं के माध्यम से प्रदेश में संविधान अनुसार कल्याणकारी राज्य व्यवस्था को साकार किया जा रहा है।
इस योजना पर इस वर्ष बजट में 200 करोड़ का बजट रखा है। उन्होंने कहा कि तीर्थदर्शन की आकांक्षा हर व्यक्ति की होती है। यह हमारी हिन्दू संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा भी है। श्री काश्यप ने तीर्थ यात्रियों से अपनी यात्रा के दौरान आत्मकल्याण के साथ-साथ भगवान से मुख्यमंत्री के दीर्घायु व यशस्वी होने की कामना करने का आह्वान किया। भाजपा जिलाध्यक्ष श्री चौहान ने यात्रियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि देश में 29 राज्य है और बहुत सरकारें काम कर रही है, लेकिन मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान का व्यक्तित्व एवं कृतित्व अलग ही स्थान रखता है।
महापौर डॉ. यार्दे ने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री श्री चौहान के नेतृत्व में बचपन से लेकर हर वर्ग और आयु के लोगांे की चिंता की गई है। तीर्थदर्शन योजना भी उसी का परिणाम है। जनकल्याण योजना प्रकोष्ठ के प्रदेश सहसंयोजक आशीष शुक्ला ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया। अतिथियों ने सभी यात्रियों को शॉल और फूलमाला से सम्मानित किया।समारोह का संचालन कार्यालय मंत्री राकेश मिश्रा ने किया। समारोह पश्चात स्टेडियम मार्केट से रेलवे स्टेशन तक शोभायात्रा निकालकर तीर्थ यात्रियों को विदाई दी गई।

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