November 23, 2024

उज्जैन,07 दिसंबर(इ खबर टुडे/ब्रजेश परमार)। । पंचागीय गणना के अनुसार पौषमास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि पर 16 दिसंबर को सोमवार के दिन दोपहर 3.28 बजे सूर्य का धनु राशि में प्रवेश होगा। धर्मशास्त्रीय मान्यता में सूर्य का धनु राशि में प्रवेश धनुर्मास कहलाता है। इसे मलमास भी कहा जाता है। इसमें शुभ मांगलिक कार्य निषेध माने गए हैं। अब मकर संक्रांति के बाद सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के बाद मांगलिक कार्यों की शुरुआत होगी।

ज्योतिषाचार्य पं. प्रणयन पाठक के अनुसार मलमास में साधना, उपासना, कल्पवास, तीर्थटन की दृष्टि से श्रेष्ठ है। इस माह में भक्तों को भागवत भजन व कथा पारायण काश्रवण करना चाहिए। धनुर्मास में दान का विशेष महत्व बताया जाता है। क्योंकि धनु राशि के स्वामी बृहस्पति हैं। इनका सूर्य से समसप्तक संबंध बताया गया है।

सूर्य साधना के लिए यह महीना विशेष है, इसलिए सूर्य की अनुकूलता के लिए सूर्य से संबंधित वस्तुओं का दान करना चाहिए।16 दिसंबर को सूर्य का धनु राशि में प्रवेश होगा। इस राशि में पहले से हीगुरु, शनि, केतु मौजूद हैं। ऐसे में चतुग्रही योग का निर्माण होगा। 24 दिसंबर को बुध भी धनु राशि में प्रवेश करेंगे, जो पंचाग्रही योग बनाएंगे।

26 दिसंबर को सूर्य ग्रहण होने से यह अलग-अलग क्षेत्रों में भिन्न प्रभाव डालेगा। इस पक्षकाल में अमानवीयता को लेकर धरना, प्रदर्शन व आंदोलन होंगे। ग्रह यूति का यह प्रभाव जनवरी में आधे माह तक लागू रहेगा। 16 दिसंबर से मकर संक्राति तक सभी शुभकार्य निषिद्ध रहेंगे।

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