भारत ने चीनी सेना को दी पटखनी, जीत के लिए बड़ा ऐक्शन ले सकते हैं शी जिनपिंग: विश्लेषक
वॉशिंगटन,12 सितम्बर (इ खबरटुडे)। लद्दाख में भारत और चीन की सेना के बीच तनातनी पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हुई हैं। चीनी दादागिरी के खिलाफ भारतीय सेना के जोरदार जवाबी कार्रवाई की अब अमेरिकी मीडिया में भी प्रशंसा हो रही है। प्रतिष्ठित अमेरिकी पत्रिका न्यूज वीक में चर्चित स्तंभकार गॉर्डन जी चांग ने कहा कि भारत ने चीनी सेना को जोरदार पटखनी दी है और अब हमें शी जिनपिंग के अगले कदम की ओर नजर रखना होगा।
गॉर्डन ने कहा कि चीन का क्रूर सफाई अभियान अब आने वाला है। शी जिनपिंग पहले ही ‘सुधार’ अभियान चला रहे हैं और अपने विरोधियों को दंडित करने में जुटे हुए हैं। हालांकि भारतीय सेना के जवाबी कार्रवाई अब शी जिनपिंग का भविष्य खतरे में पड़ता दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि लद्दाख में घुसपैठ की यह पूरी योजना शी जिनपिंग और उनकी सेना ने बनाई थी लेकिन यह बुरी तरह से फ्लाप रही है।
शी जिनपिंग सेना में अपने विरोधियों पर गाज गिराएंगे
उन्होंने कहा कि इस असफलता के बाद अब शी जिनपिंग सेना में अपने विरोधियों पर गाज गिराएंगे और उनकी जगह अपने समर्थक लाएंगे। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि चीन की तीनों सेनाओं के प्रमुख शी जिनपिंग भारत के खिलाफ एक और आक्रामक कार्रवाई कर सकते हैं। गॉर्डन ने बताया कि जब से शी जिनपिंग ने सत्ता संभाली है, तब से भारत में चीनी सेना की घुसपैठ बढ़ गई है।
गॉर्डन ने कहा कि गलवान हिंसा में चीन के कम से कम 43 सैनिक मारे गए और यह दोनों के बीच पिछले 45 साल में सबसे घातक संघर्ष था। चीनी सैनिकों के मारे जाने की संख्या 60 तक हो सकती है। हालांकि चीन अपनी इस हार को स्वीकार नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना के ऊंचाई वाले इलाकों में कब्जा करने के बाद अब चीन सकते में आ गया है। वहीं उसके सैनिकों को पीछे हटना पड़ा।
चीन अभी भारत से करेगा युद्ध? बड़ा सवाल
अमेरिकी विश्लेषक ने कहा कि चीनी चाहकर भी भारतीय सैनिकों के कदम का तोड़ नहीं तलाश पा रही है। उन्होंने कहा कि चीनी सेना ने भले ही लद्दाख में घुसपैठ की है लेकिन वह जंग में कितना प्रभावी होगी यह देखना होगा। चीनी सेना ने आखिरी लड़ाई वर्ष 1979 में लड़ी थी। वियतनाम के साथ इस जंग में चीनी सेना को हार का मुंह देखना पड़ा था। उन्होंने कहा कि चीनी सेना अभी काफी प्रशिक्षित है और हथियारों से लैस है लेकिन उतना प्रभावी नहीं है। भारतीय सैनिक अब और ज्यादा आक्रामक होकर अपनी रक्षा कर रहे हैं।
शी जिनपिंग को चाहिए जीत, भड़क सकता है विवाद
भारतीय विश्लेषक जयदेव रानाडे कहते हैं कि लद्दाख में शी जिनपिंग को बड़ा झटका लगा है और उन्हें एक ‘जीत’ की जरूरत है। इससे लद्दाख में और ज्यादा संघर्ष बढ़ सकता है। चीनी मामलों के विशेषज्ञ रिचर्ड फिशर कहते हैं कि चीनी नेता यह कोशिश करेंगे कि लद्दाख के झटके को शी जिनपिंग की हार न मानी जाए। इसके अलावा पीएलए के कमांडर शी जिनपिंग के आतंक से बचने के लिए भारत के खिलाफ और ज्यादा आक्रामक कार्रवाई कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि साल 2020 से हमें सबक मिला है कि पीएलए को लग रहा है कि वह अब जंग को तैयार है और शी जिनपिंग जीत के लिए सेना के इस्तेमाल को उत्सुक हैं। चीन के राष्ट्रपति जो खुद को अपराजेय समझते थे, अब उन्हें खुद को साबित करना पड़ रहा है। शी जिनपिंग अब भारत को टुकड़ों में बांटने के लिए बड़ा ऐक्शन ले सकते हैं।