December 24, 2024

भगवान श्री महाकालेश्वर की श्रावण-भादो मास की सवारी का क्रम शुरू,पालकी में सवार गले में सफेद मोती की माला पहन नगर भ्रमण को निकले मनमहेश

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उज्जैन,30 जुलाई(इ खबरटुडे)।  श्रावण माह के प्रथम सोमवार को पहली सवारी में पालकी में भगवान मनमहेश अपने भक्तों को दर्शन देने के लिये नगर भ्रमण पर निकले। पुष्प सज्जित पालकी में सवार भगवान ने सफेद मोतियों की माला धारण कर रखी थी। पालकी के उपरी तल पर गुलाव का गुलदस्ता पालकी की शोभा बढा रहा था। कहारों की टोली पालकी को उठाए हुए चल रही थी। भगवान की पालकी तय मार्ग पर जहां से निकली भक्तों ने दोनों हाथ उठाकर जय महाकाल के जयघोष से भगवान का अभिवादन किया। भगवान श्री महाकाल के श्री मनमहेश स्वरूप का विधिवत पूजन-अर्चन महाकाल मन्दिर के सभा मण्डप में किया गया।

भगवान महाकाल के पालकी में नगर भ्रमण पर रवाना होने से पहले केंद्रीय सिंहस्थ समिति के अध्यक्ष माखन सिंह चौहान  महापौर श्रीमती मीना जोंनवाल, संभाग आयुक्त एम्.बी.ओझा, आई.जी. राकेश गुप्ता, डी.आई.जी. रमण सिंह सिकरवार, कलेकटर मनीष सिंह, एवं प्रशासक अभिषेक दुबे, समिति सदस्य विभाष उपाध्याय आदि ने पूजन-अर्चन किया और पालकी को कांधा देकर नगर भ्रमण के लिए रवाना किया। विधिवत पूजन-अर्चन  पं. घनश्याम पुजारी ने संपन्न कराया । पालकी जैसे ही श्री महाकालेश्वर मंदिर के मुख्य द्वार पर पहुंची, सशस्त्र पुलिस बल के जवानों ने  भगवान श्री महाकालेश्वर को सलामी दी । सलामी देने के बाद पालकी नगर भ्रमण की ओर रवाना हुई। भगवान श्री मनमहेश का रामघाट शिप्रा तट पर शिप्रा के जल से अभिषेक व पूजन-अर्चन पश्चात सवारी पुनः परम्परागत मार्ग से होते हुए मन्दिर पहुंची ।सवारी मार्ग के दोनों और श्रद्धालुओं ने खडे होकर भगवान के दर्शन किए । मार्ग पर कई स्थानों से भगवान का पालकी पूजन भी किया गया।सवारी श्री महाकाल मन्दिर से अपने निर्धारित समय सायं 04 बजे निकली।

ये था सवारी का परंपरागत मार्ग-

सवारी श्री महाकाल रोड, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाडी,रामघाट पहुचेगी। जहा सवारी का पूजन होने के बाद रामानुजकोट, मोढ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर,  ढाबा रोड,  टंकी चौराहा, छत्रीचौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी बाजार होती हुई श्री महाकालेश्वर में वापस पहुंची।

दुसरी सवारी 6 अगस्त को-

दूसरी सवारी 06 अगस्त को निकलेगी। जिसमें पालकी में भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर व हाथी पर श्री मनमहेश विराजित होंगे। तीसरी सवारी 13 अगस्त को निकलेगी। इस दौरान पालकी में श्री चंद्रमौलेश्वर रहेंगे और हाथी पर श्री मनमहेश तथा गरूड़ रथ पर शिवतांडव विराजित होंगे। चोथी सवारी 20 अगस्त को निकलेगी जिसमें पालकी में श्री चंद्रमौलेश्वर व हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव की प्रतिमा, नन्दी रथ पर श्री उमा-महेश विराजित होंगे। पांचवी सवारी 27 अगस्त को निकलेगी। इस दौरान पालकी में श्री चंद्रमौलेश्वर व हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव की प्रतिमा, नन्दी रथ पर श्री उमामहेश, डोल रथ पर होल्कर स्टेट का मुखारविंद रहेगा। अन्तिम शाही सवारी 03 सितम्बर को निकाली जायेगी। इस दौरान पालकी में भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर व हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव की प्रतिमा, नन्दी रथ पर श्री उमामहेश, डोल रथ पर होल्कर स्टेट का मुखारविंद रथ पर श्री घटाटोप का मुखौटा तथा रथ पर सप्तधान्य मुखारविंद रहेंगे।

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