बीस फ्लार्इंग स्क्वाड करेंगे त्वरित कार्यवाही
रतलाम 27सितम्बर कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी राजीव दुबे ने स्वतंत्र एवं निष्पक्ष निर्वाचन सुनिश्चित करने की दृष्टि से मतदाताओं को उपकृत अथवा भयभीत करने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध त्वरित कार्रवाई के लिए बीस फ्लार्इंग स्क्वाड गठित किए हैं। ये फ्लार्इंग स्क्वाड प्रतिदिन निर्धारित प्रारूप में पुलिस अधीक्षक को रिपोर्ट भेजेंगे और इसकी प्रति जिला निर्वाचन अधिकारी एवं संबंधित क्षेत्र के रिटर्निंग आफिसर तथा प्रेक्षकों को भेजेंगे। यह जानकारी अगले दिन भारत निर्वाचन आयोग नईदिल्ली तथा मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी भोपाल को भी भेजी जाएगी। फ्लार्इंग स्क्वाड की कार्यवाही कार्यपालिक मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में होगी और इस कार्यवाही की वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी।
फ्लार्इंग स्क्वाड आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतों पर नियमानुसार कार्यवाही करेंगे। वे निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों या राजनैतिक दलों व्दारा प्राधिकृत या वहन किए गए निर्वाचन व्यय के संबंध में मिलने वाली शिकायतों पर भी कार्य करेंगे।
वे वीडियो निगरानी दल की मदद से वीडियोग्राफी कराएंगे।साथ ही सभी मुख्य रैलियों, सार्जनिक बैठकों या निर्वाचन की घोषणा के बाद राजनैतिक दलों व्दारा अन्य मुख्य व्यय के मामलों में वांछित कार्यवाही करेंगे। निषिद्ध की गई सामग्री जिस व्यक्ति से जप्त की जाएगी उनके विरूद्ध फ्लार्इंग स्क्वाड एफआईआर दर्ज करेंगे।अवैध गतिविधियों में लिप्त व्यक्तियों के बारे में प्राप्त शिकायत पर कार्यवाही करते हुए वे एफआईआर दर्ज करेंगे। मतदाताओं को प्रलोभन देने या उन्हें डराने-धमकाने तथा समाज विरोधी तत्वों या गोला-बारूद आदि की आवाजाही से संबंधित शिकायत मिलने पर फ्लार्इंग स्क्वाड तत्काल उस स्थान पर पहुंचेगा और अवैध सामग्री को जप्त कर साक्ष्य एकत्रित करेगा। गवाहों और उन व्यक्तियों के बयान दर्ज किए जाएंगे जिनसे अवैध सामग्री जप्त की गई है। फ्लार्इंग स्क्वाड उस क्षेत्र के निकटतम पुलिस थाने या निगरानी दल को सूचित करेगा जो आवश्यक कार्यवाही के लिए उस स्थान पर दल भेजेंगे।
जिला मजिस्ट्रेट ने आगाह किया है कि भारतीय दण्ड संहिता की धारा 171 ख के मुताबिक निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान किसी भी व्यक्ति को उसके मताधिकार का प्रयोग करने के लिए नगद या अन्य सामग्री के रूप में परितोषण देने वाला या स्वीकार करने वाला एक वर्ष के कारावास या जुर्माने अथवा दोनों के व्दारा दंडित किया जा जा सकता है। इसी प्रकार दंड संहिता की धारा 171 ग के अनुसार अभ्यर्थी या मतदाता या अन्य किसी व्यक्ति चोट पहुंचाने की धमकी देने पर संबंधित दोषी व्यक्ति के लिए एक वर्ष के कारावास अथवा जुर्माने या दोनों दंड दिए जाने का प्रावधान है।