पेरिस 15 नवंबर (इ खबरटुडे)। : पेरिस में अब तक के सबसे वीभत्स हमलों की जांच अंतरराष्ट्रीय जांचकर्ताओं द्वारा तेज कर दिए जाने के साथ ही फ्रांसीसी पुलिस ने इस जनसंहार में शामिल सात बंदूकधारियों में से पहले हमलावर की पहचान कर ली है। कम से कम 129 लोगों की जान लेने वाली इस हिंसा की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट समूह ने ली है।
फ्रांसीसी अधिकारियों ने कल पहले हमलावर की पहचान 29 वर्षीय उमर इस्माइल मुस्तेफई के रूप में की। उमर की पहचान बाटाक्लां कॉन्सर्ट हॉल में मिली कटी हुई उंगली के जरिए हुई। इन हमलों में सबसे भयावह हिंसा इसी हॉल में हुई थी। आईएस ने कहा कि गोलीबारी और आत्मघाती हमलों के पीछे उसका हाथ था। इन हमलों के तहत सभी टिकटें बेच चुके कॉन्सर्ट हॉल को, बार और रेस्तरांओं को और फ्रांस के राष्ट्रीय स्टेडियम के बाहरी क्षेत्र को निशाना बनाया गया। राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने शुक्रवार रात किए गए इस समन्वित हमले को युद्ध का कृत्य करार दिया राजधानी की जो सड़कें आम तौर पर गुलजार रहती हैं, हमले के बाद वहां भय का सन्नाटा पसर गया। इन हमलों से 10 माह पहले शार्ली एब्दो नामक पत्रिका पर किए गए हमलों से देश दहल गया था।
एक बयान में आईएस ने इन हमलों की जिम्मेदारी ली
पेरिस प्रॉसीक्यूटर फ्रांस्वा मोलिंस ने कहा कि वह चरमपंथी होने के नाते वर्ष 2010 में अधिकारियांे के रेडार पर आ गया था लेकिन कभी भी किसी आतंकी नेटवर्क या योजना के मामले में वह फंसा नहीं था। अपने पिता के साथ कल रात को हिरासत में लिए जाने से पहले मुस्तफेई के भाई ने कांपती आवाज में एएफपी से कहा, यह बेवकूफाना है, पागलपन है। उसने कहा, कल मैं पेरिस में था और मैंने देखा कि वहां क्या हाल था। कल इंटरनेट पर डाले गए एक बयान में आईएस ने इन हमलों की जिम्मेदारी ली और इसकी वजह सीरिया में आईएस पर फ्रांस के हवाई हमलों को बताया।
बंधकों को मौत के घाट उतारने से पहले अल्लाहु अकबर के नारे
सीरिया और इराक के बड़े इलाकों पर कब्जा जमा चुके समूह ने धमकी दी है कि जब तक फ्रांस उसके खिलाफ अपना अभियान जारी रखेगा, तब तक वह फ्रांस में हमले करता रहेगा। बाताक्लां में सशस्त्र लोगों ने 89 लोगों की जान ले ली थी। ये सशस्त्र लोग संगीत समारोह में जा रहे लोगों को गोली मारने से पहले और बंधकों को मौत के घाट उतारने से पहले अल्लाहु अकबर के नारे लगा रहे थे।
दो बंदूकधारियों ने खुद को विस्फोटकों से उड़ा लिया ,तीसरे को पुलिस ने गोली मार दी
आतंकवादियों को फ्रांसीसी राष्ट्रपति और सितंबर में उनके द्वारा लिए गए फैसले पर गुस्सा जाहिर करते सुना गया। सितंबर में राष्ट्रपति ने अमेरिका के नेतृत्व में सीरिया में आईएस के खिलाफ हवाई हमलों में शामिल होने का फैसला किया था। जब पुलिस मौके पर पहुंची तो दो बंदूकधारियों ने खुद को विस्फोटकों से उड़ा लिया जबकि तीसरे को पुलिस ने गोली मार दी।
कई रेस्तरांओं को निशाना बनाया गया
फ्रांस के राष्ट्रीय स्टेडियम के बाहर भी तीन आत्मघाती बमधारियों ने खुद को विस्फोटकों से उड़ा लिया। स्टेडियम में फ्रांस और जर्मनी के बीच फुटबॉल का दोस्ताना मैच चल रहा था और राष्ट्रपति ओलांद वहां मौजूद थे। हमलों के बाद उन्हें वहां से निकाला गया। इन हमलों में कई रेस्तरांओं को निशाना बनाया गया, जिनमें कैनल सेंट मार्टिन क्षेत्र का एक मशहूर कंबोडियाई भोजनालय शामिल था। वहां कम से कम 12 लोग मारे गए। अन्य 19 लोग पास के एक व्यस्त रेस्तरां रू दे कैरों में मारे गए। सातवें हमलावर ने कन्सर्ट हॉल के पास बेहद व्यस्त रास्ते पर खुद को विस्फोटक से उड़ा लिया था। इससे एक अन्य व्यक्ति घायल हेा गया था।