रतलाम,१७ जुलाई (इ खबरटुडे)। नगर पालिक निगम में अवैध कॉलोनी में निर्माण कार्य की परमीशन देने में उपयंत्री सहायक यंत्री आँखें मूँद कर जारी करने में विश्वास रखते हैं। इसके एवज में मनचाहा शुल्क वसूल कर लेते हैं। यह कार्य उस बिल्ली की तरह करते हैं जो आँख मूँद कर चुपचाप दूध पी जाती है और सोचती है, कोई उसे देख नहीं रहा है।
यह मामला कृषि भूमि का है, जो बरगुण्डों का वास की होकर खाता नं. 1417 रकबा ०.88० खसरा नं. 639/1 का है, जिसे श्री प्रहलाद राय पालीवाल पिता स्व. खेमराज पालीवाल ने छोटे-छोटे भूखंडों के रूप में विक्रय कर अवैध कॉलोनी काट दी है। जिस कृत्य के लिए नगर निगम ने अधिनियम 1956 की धारा 292 (ग) के तहत अपराधिक कृत्य मानते हुए जारी नोटिस में लिखा है कि उक्त कृत्य के लिए 3 वर्ष एवं अधिकतम 7 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1० हजार रुपए जुर्माना का दोनों दंड का प्रावधान है। यह सूचना पत्र निगम के आयुक्त ने 17.6.11 को उपयंत्री, सहायक यंत्री एवं कार्यपालन यंत्री के द्वारा प्रचलित कार्रवाई से जारी किया है और फाईल को हे देकर ठंडे बस्ते में डाल दिया है।
इधर इसी कॉलोनी में ऊँकारलाल पिता पन्नाजी की 31.5.11 की शिकायत के बावजूद निगम के लोकनिर्माण विभाग ने श्रीमती रेहाना बानो पति आबिद हुसैन से 16.8.11 का आवेदन हेकर तरकीब निकाल कर अवैध कॉलोनी का उल्लेख करने के बजाय वेदव्यास कॉलोनी के पास के नाम पर भूतल एवं प्रथम तल की अनुमति जारी करने का अपराधिक कृत्य किया है, जिसमें कार्यपालन यंत्री मो. सलीम, सहायक यंत्री एसके जैन एवं उपयंत्री नागेश वर्मा का योगदान रहा है।
निगमायुक्त सोमनाथ झारिया प्रकरण में कार्रवाई करने से हिचक रहे है। इस संवाददाता ने जब उनसे जानकारी चाही, तो बोले कि अवैध कॉलोनी के मामले में जाँच कलेक्टर कर रहे हैं, जबकि अनुज्ञा निगम अधिकारी ने जारी की है। इधर ऊँकारलाल पिता पन्ना ने संभागायुक्त अरुण पांडेय को विस्तृत शिकायत भेजकर निगम कार्यपालन यंत्री मोहम्मद सलीम को निलंबित करने और उनके खिलाफ अपराधिक कृत्य का प्रकरण दर्ज करने की माँग की है। साथ ही अवैध कॉलोनाइजर के खिलाफ कार्रवाई को लंबित रखने वाले अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की माँग की है।