धर्म की रक्षा के लिए खडा होना वास्तविक धर्म
विवेकानन्द सार्ध शती वर्ष के तहत भारत जागो दौड सम्पन्न
रतलाम,22 सितम्बर(इ खबर टुडे)। भारत भूमि वह पावन भूमि है जहां जन्म लेने वाले ऋ षि मुनि,संत,महात्माओं के संपर्क में आने से घोर नास्तिक व्यक्ति भी आस्तिक हो जाता है। हिन्दुत्व के गौरव को विश्व में पुनस्र्थापित करने वाले स्वामी विवेकानन्द जी भी नास्तिक थे,लेकिन पूज्य रामकृष्ण परमहंस के संपर्क में आने से आस्तिक हो गए। जिस समय हिन्दू होने पर शर्म महसूस होती थी,देश पराधीन था,उन विपरित परिस्थितियों में हिन्दू समाज में स्वाभिमान का भाव जागृत कर हिन्दू संस्कृति की महानता को विश्व में स्थापित करने वाले स्वामी विवेकानन्द पहले व्यक्ति थे।
उक्त विचार स्वामी विवेकानन्द सार्ध शती समारोह समिति द्वारा आयोजित भारत जागो दौड कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विश्व हिन्दू परिषद के सह प्रान्त मंत्री नंदकिशोर उपाध्याय ने अपने उद्बोधन में व्यक्त किए। उन्होने कहा कि स्वामी विवेकानन्द ने हिन्दू समाज को सिखाया कि केवल धर्म का आचरण करना ही धर्म नहीं है अपितु धर्म की रक्षा के लिए उठ खडे होना वास्तविक धर्म है। यदि समाज धर्म की रक्षा करेगा तो धर्म समाज की रक्षा करेगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे खेल प्रशिक्षक गोपाल मजावदिया ने स्वामी विवेकानन्द के विचारों के माध्यम से व्यक्तित्व विकास की आवश्यकता पर बल दिया। महापौर शैलेन्द्र डागा ने अपने उद्बोधन में कहा कि गांव के चौपाल से नगरों के चौराहों तक तय हो चुका है,कि हिन्दू संस्कृति ही देश एवं दुनिया को राह दिखा सकती है।
कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों द्वारा स्वामी विवेकानन्द के चित्र पर माल्यार्पण किया गया। अतिथि परिचय समिति की महिला संयोजिका श्रीमती सुमित्रा अवतानी ने कराया। अतिथियों का स्वागत समिति के संयोजक शेखर यादव,सुमित्रा अवतानी एवं वीरेन्द्र वाफगांवकर ने किया। कार्यक्रम का संचालन दीपक जोशी ने किया और आभार शेखर यादव ने व्यक्त किया।
समापन कार्यक्रम के पूर्व नगर के ७ प्रमुख केन्द्रों से प्रारंभ होकर भारत जागो दौड नगर के विभिन्न मार्गों से होती हुई महलवाडा परिसर पंहुची। इस भारत जागो दौड में नगर के दो हजार से अधिक समाजजन शामिल हुए। इस दौड में नगर के धार्मिक,आध्यात्मिक,व्यावसायिक,सामाजिक,सेवा,खेल एवं विद्यालयीन संगठनों का योगदान विशेष सराहनीय रहा। भारत जागो दौड का विशेष आकर्षण कुछ समाजजनों का स्वामी विवेकानन्द की वेशभूषा धारण कर कार्यक्रम में सम्मिलित होना रहा।