December 24, 2024

दस रुपए के सिक्के नकली होने की अफवाह जोरों पर

2011-coin

दो तरह के सिक्के होने से फैल रहा है नकली होने का भ्रम

रतलाम,12 नवंबर (इ खबरटुडे)। शहर में इन दिनों दस रुपए का सिक्का नकली होने की अफवाहे जोरों पर है। इन अफवाहों की वजह से टेम्पो वाले,सब्जी भाजी वाले ग्राहकों से दस रुपए का सिक्का लेने को तैयार नहीं हो रहे है और लोगों को बेवजह परेशानी का सामना करना पड रहा है।

उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ दिनों से शहर में दस रुपए के सिक्के नकली होने की अफवाहे चल रही है। इन अफवाहों के चलते,मैजिक वाले,आटो वाले,सब्जी भाजी का व्यापार करने वाले और इस तरह के अन्य छोटे छोटे व्यवसायों में लगे लोग दस रुपए के सिक्के लेने से इंकार करने लगे है। दस रुपए के सिक्के को नकली बताकर लेने से इंकार करने के कारण सामान्य और गरीब वर्ग के लोगों को परेशानी का सामना करना पड रहा है।
सिक्कों की जानकारी रखने वाले इ खबरटुडे के जागरुक पाठक गिरीश शाह ने बताया कि दस रुपए के प्रचलित सिक्कों में कोई सिक्का नकली नहीं है। दस रुपए के सभी सिक्के पूरी तरह असली है। श्री शाह के मुताबिक दस रुपए के सिक्के को लेकर भ्रम की स्थिति असल में सिक्कों की दो डिजाईन के कारण बनी है। श्री शाह ने बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक ने वर्ष 2009 और 2011 दस रुपए के सिक्के निकाले थे। इन दोनो सिक्कों की डिजाइन में थोडा सा फर्क है। एक सिक्के में रुपए का निशान बनाया गया है,जबकि दूसरे में रुपए शब्द लिखा गया है। दो अलग अलग सिक्कों की वजह से कुछ लोगों को सिक्के के नकली होने का भ्रम फैलाने का मौका मिल गया।
श्री  शाह ने बताया कि वैसे भी दस रुपए का नकली सिक्का बनाकर बाजार में चलाना किसी अपराधी के लिए भी फायदे का सौदा नहीं हो सकता। रिजर्व बैंक को एक सिक्का बनाने में ६ रुपए दस पैसे की लागत आ रही है। यदि कोई अपराधी नकली सिक्का बनाने की कोशिश करेगा,तो उसके सिक्के की लागत भी कुछ खास कम नहीं होगी। यानी कि दस रुपए की कीमत वाला सिक्का बनाने पर करीब छ: रुपए खर्च करना होंगे। उसे बाजार में चलाने पर कुछ रकम और खर्च होगी। इस तरह एक नकली सिक्का चलाने पर मात्र तीन या चार रुपए की कमाई होगी। इतनी कम कमाई करने के लिए बडा खतरा कौन मोल लेना चाहेगा। नकली सिक्के बनाते या चलाते हुए पकडाने पर भादवि की धारा489(बी) और 489 (सी) के तहत सात वर्ष से आजीवन कारावास तक की कठोर कारावास जैसे प्रावधान है। ऐसी स्थिति में इतने कम लाभ के लिए इतना बडा खतरा कोई लेगा।
श्री शाह ने बताया कि दस रुपए के समस्त सिक्के असली है और किसी को भी इसे लेने या देने में आनाकानी करने की कोई आवश्यकता नहीं है।

You may have missed

Here can be your custom HTML or Shortcode

This will close in 20 seconds