November 16, 2024

तरुण सांकला हत्याकाण्ड – सांप्रदायिक सद्भाव बिगाडने के लिए सूफ्फा ने रची थी साजिश,छ: गिरफ्तार

रतलाम,21 अक्टूबर (इ खबरटुडे)। कट्टरपंथी इस्लामिक आंतकवादी संगठन आईएसआईएस और तालिबान की जेहादी सोच ने अब स्थानीय युवाओं को भी अपनी  चपेट में लेना शुरु कर दिया है। नवरात्रि के प्रथम दिन हुए तरुण सांकला हत्याकाण्ड इसी सोच का नतीजा था। तरुण सांकला हत्याकाण्ड में पुलिस ने कुल आठ आरोपियों को नामजद किया है। इनमें से छ: को गिरफ्तार कर लिया गया है,जबकि सूफ्फा ग्रुप के मास्टर माईण्ड दो आरोपी अभी फरार है।
पुलिस अधीक्षक अमित सिंह ने पुलिस कंट्रोल रुम पर आयोजित प्रेसवार्ता में इस सनसनीखेज हत्याकाण्ड की विस्तार से जानकारी दी। एसपी ने बताया कि विगत 21  व 22 सितम्बर की दरम्यानी रात में दो अज्ञात व्यक्तियों ने बीस वर्षीय युवक तरुण सांकला की गोली मारकर हत्या कर दी थी। आरोपी एक्टिवा स्कूटर पर सवार हो कर आए थे और मृतक को गोली मारने के बाद मौके से फरार हो गए थे। मृतक तरुण सांकला बजरंग दल से जुडा हुआ था और घटना का दिन नवरात्रि के प्रारंभ का दिन था। इस हत्याकाण्ड की वजह से शहर में तनाव फैल गया था और सांप्रदायिक विवाद होने की स्थिति बन गई थी।
इस सनसनीखेज हत्याकाण्ड की गुत्थी को सुलझाने के लिए पुलिस ने घटनास्थल पर लगे सीसीटीवी के फुटेज खंगाले। सीसीटीवी फुटेज में आरोपियों के पीछे का हिस्सा नजर आ रहा था,लेकिन उनके चेहरे नजर नहीं आ रहे थे। इसके बाद पुलिस ने शहर के अन्य कई स्थानों के सीसीटीवी फुटेज खंगाले। आखिरकार पुलिस को अन्य स्थानों के सीसीटीवी फुटेज में हत्यारों की रेकार्डिंग मिल ही गई। आरोपीगण घटनास्थल से हत्या करने के बाद नाहरपुरा होकर आबकारी चौराहा व सुभाष नगर होते हुए छोटू बादशाह की दरगाह तक गए थे। छोटू बादशाह की दरगाह के सीसीटीवी फुटेज में आरोपियों के चेहरे भी स्पष्ट हो गए। हत्यारों की पहचान अयाज पिता इदरिस दाबिश 22 तथा सलमान उर्फ पप्पन पिता हुसैन खान पठान दोनो नि.चिंगीपुरा रतलाम के रुप में हुई। पुलिस ने इन दोनो आरोपियों के साथ साथ इनके अन्य सहयोगियों की तलाश भी जारी रखी। आखिरकार दोनो आरोपियों के सहयोगी वसीम उर्फ पाण्डू पिता शब्बीर पठान 26,असीम पिता जहूर खां शैरानी 22,अज्जू उर्फ मोईन पिता मंसूर खां 20 तथा अल्तमश पिता बशीर खां शैरानी 21 वर्ष को गिरफ्त में ले लिया गया। इनके दो मुख्य साथी जुबेर पिता फकीर मोहम्मद 27 तथा असजद पिता जहूर खां 36 अभी फरार है।
एसपी अमित सिंह ने बताया कि मृतक तरुण का कुछ समय पूर्व आरोपी अयाज से छोटा मोटा विवाद हुआ था। घटना के पन्द्रह दिन पहले मृतक तरुण का अयाज से विवाद हुआ था,तब तरुण ने अयाज को दो-तीन थप्पड भी मारे थे। यह बात अयाज ने अपने साथियों जुबेर व असजद को बताई । असजद व जुबेर ने असीम,अज्जू,अल्तमश,सलमान अयाज व वसीम के साथ मिलकर तरुण की हत्या का षडयंत्र रचा। घटना के दो दिन पूर्व असजद व जुबेर ने असीम व अज्जू को एक पिस्टल व तीन जिन्दा राउण्ड अयाज को देने के लिए दिए। पिस्टल मिलने के बाद अयाज  व सलमान ने पूर्व निर्धारित षडयंत्र के मुताबिक डालूमोदी चौराहे से मृतक तरुण का पीछा किया और कालेज रोड पंहुचने पर उसकी गोली मारकर हत्या कर दी। हत्या के बाद आरोपीगण छोटू बादशाह की दरगाह होते हुए फरार हो गए। इनको फरार करवाने में भी अन्य आरोपियों ने पूरी मदद की थी। मुखबिरों से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने हत्या के षडयंत्र में शामिल आठ में से छ: आरोपियों को गिरफ्तार कर इनके कब्जे से हत्या में प्रयुक्त पिस्टल,एक्टिवा स्कूटर व अन्य सामग्रियां जब्त कर ली है।
एसपी श्री सिंह ने बताया कि फरार आरोपी असजद सूफ्फा ग्रुप का प्रमुख है। सूफ्फा ग्रुप,कट्टरपंथी इस्लामिक विचारधारा के लोगों का समूह है। इनकी विचारधारा आईएसआईएस और तालिबान से मिलती जुलती है। सूफ्फा ग्रुप के सदस्य मोहर्रम पर निकाले जाने वाले ताजियों को भी गैर इस्लामिक मानते है और इसी के चलते उन्होने हत्या के लिए ऐसा समय चुना था,जिससे कि नवरात्रि के साथ साथ मोहर्रम का त्यौहार भी बिगाडा जा सके।
एसपी श्री सिंह के मुताबिक आरोपी असजद पर पूर्व में भी राष्ट्रद्रोह का प्रकरण दर्ज है। एसपी ने कहा कि फरार आरोपियों को शीघ्र ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

आईएसआईएस की विचारधारा का असर

पूरे घटनाक्रम में सर्वाधिक चिन्ताजनक तथ्य यह है कि आईएसआईएस और तालिबान जैसी कट्टरपंथी विचारधारा का फैलाव अब रतलाम तक होता हुआ नजर आ रहा है। रतलाम के कुछ मुस्लिम युवकों द्वारा बनाया गया सूफ्फा ग्रुप पिछले कुछ वर्षों से मुस्लिम युवाओं को धर्म के नाम पर कट्टरपंथी और जेहादी विचारधारा में ढालने का काम कर रहा है। सूफ्फा ग्रुप के लोगों ने पहले भी कई मामलों में कट्टरपंथी विचारधार के लिए विवाद किए है। सूफ्फा के डर के कारण ही मोहर्रम के त्यौहार में शामिल होने वाले मुस्लिम धर्मावलम्बियों की संख्या में गिरावट आई है। सूफ्फा ग्रुप के सदस्यों द्वारा ताजिये बनाने वाले लोगों को भी धमकाये जाने की खबरें सामने आई है। एसपी अमित सिंह के मुताबिक तरुण की हत्या एक नवरात्रि के समय पर करवाने के पीछे सूफ्फा ग्रुप का मकसद यही था कि नवरात्रि तो बिगडे ही साथ ही साथ मोहर्रम का त्यौहार भी न मनाया जा सके। एसपी श्री सिंह ने कहा कि पुलिस सूफ्फा ग्रुप को मिलने वाले वैचारिक और आर्थिक सहयोग के एंगल को भी तलाश रही है,ताकि कट्टरपंथी विचारधारा फैलाने वाले तत्वो को पूर तरह नियंत्रित किया जा सके।

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