जम्मू-कश्मीर में 5 अगस्त के बाद एक भी व्यक्ति की मौत पुलिस की गोली से नहीं हुई: अमित शाह
नई दिल्ली,20 नवंबर (इ खबरटुडे)। राज्यसभा में बुधवार को विपक्ष में जम्मू-कश्मीर के हालात का मुद्दा उठाया। इस पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में 5 अगस्त के बाद एक भी व्यक्ति की मौत पुलिस की गोली से नहीं हुई। जहां तक इंटरनेट की बात है, तो इस पर पहले भी रोक लगाई गई थी। जब हम इंटरनेट पर रोक लगाएंगे, तो यह फैसला जम्मू-कश्मीर के अधिकारियों से पूछकर लिया जाएगा। कश्मीर क्षेत्र में पाकिस्तान की तरफ से आतंकी गतिविधियां जारी रहती हैं। लिहाजा हमें सुरक्षा को भी ध्यान में रखना होता है।
‘घाटी में स्थिति पूरी तरह सामान्य’
शाह ने कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर में दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता है। अस्पतालों में काफी संख्या में लोग ओपीडी में आ रहे हैं। कहीं भी स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं में कोई परेशानी नहीं है।’’
‘‘घाटी में स्थिति पूरी तरह सामान्य हो चुकी है। देश-दुनिया में कई तरह की भ्रांतिया फैली हुई है। पत्थरबाजी की घटनाओं में पिछले साल के मुकाबले काफी कमी आई है। इस साल पत्थरबाजी की 544 घटनाएं हुईं। सभी स्कूल खुले हैं। परीक्षा अच्छी तरह से ली जा रही है। 10वीं और 12वीं के 97% छात्रों ने परीक्षा दी है।’’
‘‘राज्य में पेट्रोल, डीजल, कैरोसिन, एलपीजी और चावल की पर्याप्त उपलब्धता है। इस बार 22 लाख मीट्रिक टन सेब का उत्पादन होने की उम्मीद है। सभी लैंडलाइन काम कर रहे हैं।’’
‘सुरक्षा पक्षपात से परे हो’
इससे पहले कांग्रेस ने राज्यसभा में गांधी परिवार को एसपीजी सुरक्षा हटाने का मुद्दा उठाया। कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने राज्यसभा में पार्टी नेताओं सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा से एसपीजी सुरक्षा वापस लेने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि हमारे नेताओं की सुरक्षा का मुद्दा पक्षपातपूर्ण राजनीतिक विचारों से परे होना चाहिए।
इसके जवाब में भाजपा नेता जेपी नड्डा ने कहा, ‘‘फैसले में कुछ भी राजनीतिक नहीं है। सुरक्षा वापस नहीं ली गई है। गृह मंत्रालय का एक निर्धारित पैटर्न और प्रोटोकॉल है। इसका फैसला किसी नेता द्वारा नहीं, बल्कि गृह मंत्रालय द्वारा किया जाता है। खतरे की आशंका को देखते हुए सुरक्षा दी जाती है और वापस ले ली जाती है।’’
अरुणाचल में सेना द्वारा जमीन लेने के बदले मुआवजे का मुद्दा उठा
लोकसभा में भाजपा सांसद तापिर गाओ ने अरुणाचल प्रदेश में सेना द्वारा जमीन लेने के बदले मुआवजे का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा- मैंने पूर्व रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और वर्तमान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को स्थानीय लोगों की जमीन के बदले मुआवजे देने का आग्रह किया था, लेकिन उन्हें अब तक कोई मुआवजा नहीं मिला है। इसके जवाब में सीतारमण ने कहा कि मैं वहां गई थी और मुख्यमंत्री के साथ बात की थी। कई लोगों के मुआवजे का मुद्दा सुलझा लिया गया था।