जनाधार विहीन नेताओं को महत्व मिलने से कांग्रेस में नाराजगी
प्रेसवार्ता में सामने आई कांग्रेसी एकता के दावों की हकीकत
रतलाम,6 नवंबर (इ खबरटुडे)। रतलाम झाबुआ उपचुनाव को लेकर यूं तो कांग्रेस बेहद गंभीर है और कांग्रेस के कद्दावर नेताओं ने रतलाम में डेरा डाल दिया है। लेकिन स्थानीय स्तर पर जनाधार विहीन नेताओं को अधिक महत्व दिए जाने की पुरानी बीमारी के चलते कार्यकर्ताओं में नाराजगी पनपने लगी है।
उपचुनाव के लिए पुराने वरिष्ठ कांग्रेसी महेश जोशी को रतलाम जिले का प्रभारी बनाया गया है। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और मध्यप्रदेश प्रभारी मोहन प्रकाश खुद रतलाम में है। प्रदेश उपाध्यक्ष रामेश्वर नीखरा व राउ के विधायक जीतू पटवारी भी रतलाम में डेरा जमाए हुए है। पिछले दिनों कुशलगढ में हुई बैठक में तमाम नेताओं के बीच आपसी सुलह सफाई होने की खबरों के बाद कार्यकर्ताओं में उम्मीद जगी थी कि शायद अब नेता एकजुट होकर तैयारियों में जुटेंगे। लेकिन जनाधार विहीन नेताओं को महत्व दिए जाने की पुरानी बीमारी का कोई हल नहीं निकाला गया। नतीजा यह है कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नाराजगी पनपने लगी है।
शुक्रवार को राष्ट्रीय महासचिव मोहन प्रकाश की प्रेसवार्ता के दौरान प्रमोद गुगालिया और अनिल झालानी जैसे नेताओं को महत्व दिया जा रहा था। प्रमोद गुगालिया कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा चुनाव में सबसे कम वोट पाने का रेकार्ड बना चुके है। उन्हे मात्र चार हजार वोट मिले थे। इसी तरह अनिल झालानी बसपा के टिकट पर चुनाव लडे थे और उन्हे भी गिनती के ही वोट मिले थे। राष्ट्रीय महासचिव की प्रेस वार्ता में कांग्रेस के शहर अध्यक्ष भी नदारद थे। इन दृश्यों पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं की टिप्पणी थी कि इन्ही वजहों से कांग्रेस की दुर्दशा हुई है। लेकिन अब भी इसमें कोई बदलाव नहीं आया है।