जननी एक्सप्रेस संचालकों की मनमानी से जिला अस्पताल पहुंचे नवजात की रास्ते में मौत
अस्पताल प्रबंधन की अव्यवस्था
रतलाम\ताल,16अप्रैल (इ खबरटुडे)।अस्पताल प्रबंधन की अव्यवस्था के चलते एक बार फिर नवजात को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। परिजनों का आरोप है कि ताल के सरकारी अस्पताल में प्रसव के बाद बच्चे की तबीयत नाजुक होने पर उसे जिला अस्पताल रैफर किया, लेकिन जननी एक्सप्रेस संचालकों की मनमानी के चलते वह विलंब से जिला अस्पताल पहुंचे। इससे नवजात की मौत हो गई।
शुक्रवार शाम करीब 6 बजे संगीता (35) पति दिलीप सेन को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन ताल सरकारी अस्पताल लेकर पहुंचे। ड्यूटी पर मौजूद स्टाफ नर्स ने सामान्य प्रसव के बाद नवजात बालक की हालत गंभीर होने पर 20 मिनट बाद जिला अस्पताल के शिशु गहन चिकित्सा इकाई के लिए रेफर किया।
परिजन का आरोप है कि जिस जननी एक्सप्रेस वाहन से उन्हें रतलाम के लिए रैफर किया, उसने जावरा सरकारी अस्पताल में दूसरी जननी से जिला अस्पताल भेजने के लिए वाहन खड़ा कर दिया। इसके चलते करीब 30 मिनट उन्हें विलंब हुआ। रात करीब 9.10 बजे जावरा से दूसरी जननी से जज्जा-बच्चा को लेकर जिला अस्पताल पहुंचने पर एसएनसीयू (शिशु गहन चिकित्सा इकाई) के डॉ. दिलीप वास्कले ने नवजात को मृत घोषित कर दिया।
जननी में नहीं ऑक्सीजन
प्रारंभिक तौर पर बच्चे की मौत ऑक्सीजन नहीं मिलना बताया गया है। परिजन ने बताया कि वाहन में ऑक्सीजन नहीं थी, नहीं तो उनके घर का चिराग बच जाता। इसके अलावा परिजन का आरोप है कि जिस जननी से उन्हें रतलाम के लिए रैफर किया था, वह समय पर रतलाम स्थित एसएनसीयू वार्ड पहुंच जाती तो उसकी मौत नहीं होती।