ग्राम रूपाखेड़ी में हुई तालाब की खुदाई ,सांसद मालवीय ने अपने जन्म दिवस को कर्म दिवस के रूप में मनाया
उज्जैन,25 मार्च (इ खबर टुडे )।जिले के सांसद आदर्श ग्राम रूपाखेड़ी में शनिवार को एक भगीरथी प्रयास को मूर्त रूप दिया गया। एक ही दिन में गांव के पास की शासकीय भूमि पर सांसद चिन्तामणि मालवीय के निर्देशन में दर्जनों मशीनों और हजारों व्यक्तियों के जन-सहयोग से 01 लाख वर्गफीट क्षेत्र (लगभग 01 है.) में तालाब खोदा गया। सांसद श्री मालवीय ने अपने जन्म दिवस को कर्म दिवस के रूप में मनाया । तराना तहसील के ग्राम रूपाखेड़ी में पचौला रोड पर क्षेत्र के 35 ग्रामों के पंच, सरपंच व ग्रामीणजनों ने मिलकर, अपने संसाधन लगाकर 01 दिन में 01 हेक्टेयर क्षेत्र का तालाब तैयार कर रिकार्ड कायम कर दिया। डॉ.चिन्तामणि मालवीय ने 25 मार्च की सुबह ग्राम रूपाखेड़ी में भूमि पूजन कर तालाब खोदने का शुभारम्भ किया। भूमि पूजन के अवसर पर महामण्डलेश्वर आचार्य शेखर, महामण्डलेश्वर डॉ.अवधेशपुरी, विधायक अनिल फिरोजिया, सहित गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
20 से अधिक पोकलेन मशीन व अन्य संसाधन लगे
एक दिन में तालाब खोदने का रिकार्ड बनाने हेतु आसपास के ग्रामों व तराना शहर से 20 जेसीबी, 15 पोकलेन, 10 लेवलर, 10 डम्पर तथा 25 ट्रेक्टर सुबह से ही लगे हुए थे। तालाब निर्माण के इस अनुष्ठान में आहूति देने आसपास के ग्रामीण धीरे-धीरे एकत्रित होना शुरू हुए और देखते ही देखते बड़ा जनसमूह बन गया। शासकीय कलापथक दल द्वारा जल संरक्षण के गीत गाकर लोगों को प्रेरणा दी गई।
पन्द्रह हजार क्यूबिक मीटर क्षेत्र में जलभराव होगा
रूपाखेड़ी में 01 दिन में 01 हेक्टेयर भूमि में बनाये गये इस तालाब में सबसे पहले पाल की तैयारी के लिये ग्रामीण यांत्रिकी सेवा और जल संसाधन विभाग के इंजीनियरों की देखरेख में पडलिंग का कार्य किया गया। इसके बाद मिट्टी चढ़ाकर पाल निर्माण का कार्य किया गया। तालाब में जलभराव के लिये सतह से 02 मीटर गहराई में मिट्टी की खुदाई की गई। खुदाई के बाद बनाये गये जलभराव क्षेत्र में ग्राम पचौला की ओर आने वाले नाले से लगभग 15 हजार क्यूबिक मीटर पानी का संग्रह किया जा सकेगा। इस तालाब के निर्माण से ग्राम रूपाखेड़ी सहित आसपास के अन्य कई ग्रामों को भविष्य में कृषि सिंचाई निस्तार के लिये पानी उपलब्ध होगा, वहीं आसपास के कुओं का जल स्तर भी बढ़ेगा।
अदभुत नजारा था
गांव के समीप की एक है. भूमि पर एक साथ दर्जनों मशीनों एवं हजारों व्यक्तियों द्वारा तालाब निर्माण के कार्य का अदभुत नजारा था। एक विशेष उत्साह हर व्यक्ति के अन्दर था, जो एक दिन में तालाब निर्माण के दुरूह सपने को साकार होते देखना चाहता था।