December 24, 2024

खतरे के निशान से ऊपर पहुंचा यमुना का जलस्तर, दिल्ली में बाढ़ का खतरा बढ़ा

narmda river

नई दिल्ली,28 जुलाई(इ खबरटुडे)। पिछले तीन दिनों से हो रही लगातार बारिश से यमुना उफान पर है। वहीं, हरियाणा के यमुनानगर स्थित हथनीकुंड बैराज से पानी छोड़े जाने और पहाड़ी राज्यों में बारिश के चलते दिल्ली में यमुना का जल स्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। यमुना का जलस्तर बढ़ने के चलते दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने यमुना के किनारे निचले इलाकों में रह रहे लोगों को अलर्ट जारी कर दिया है।

समचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक, फिलहाल यमुना का जल स्तर 204.92 मीटर है जो कि खतरे के निशान से 0.09 मीटर ऊपर है। बताया जा रहा है कि यमुना के जलस्तर में बढ़ोतरी हुई तो इससे सटे इलाके डूब सकते हैं। यहां पर बता दें कि यमुना में जल स्तर 204.83 मीटर के ऊपर जाते ही खतरा बढ़ जाता है। गौरतलब है कि बीते 40 साल में यमुना 1967, 1971, 1975, 1976, 1978, 1988, 1995 और 2013 में खतरे के निशान को पार कर चुकी है।

दिल्ली सरकार की चेतावनी के बाद जागा प्रशासन
यमुना के किनारे बसे इलाकों में संभावित बाढ़ के मद्देनजर दिल्ली सरकार की चेतावनी के बाद प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है। बताया जा रहा है कि दिल्ली सरकार के सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग ने निचले इलाकों में रह रहे 100 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की तैयारी कर ली है।

झुग्गी-झोपड़ियां खाली कराने के निर्देश
इसके मद्देनजर दिल्ली सरकार के सिंचाई व बाढ़ नियंत्रण विभाग ने चेतावनी जारी कर निचले इलाकों में रह रहे लोगों को झुग्गी झोपड़ियों को खाली करने का निर्देश दिया है।

इससे पहले शुक्रवार को ही दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया था। इसका कारण हरियाणा के यमुना नगर के हथिनीकुंड बैराज से करीब एक लाख 15 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जाना और लगातार हो रही बारिश थी। जानकारी के मुताबिक, यमुना में अचानक आए इतने पानी का दबाव छोटी नहरें सहन नही कर पातीं, लिहाजा सभी नहरें बंदकर यह पानी यमुना में छोड़ दिया गया।

हरियाणा के हथिनी कुंज बैराज से लगातार काफी मात्र में पानी छोड़े जाने के कारण दिल्ली में भी यमुना का पानी चेतावनी स्तर को शुक्रवार को ही पार कर गया था। इसके बाद शुक्रवार शाम छह बजे हथिनी कुंड बैराज से 40680 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। पहले ही कहा जा रहा था कि शनिवार रात तक यमुना में पानी का स्तर खतरे के निशान के और करीब पहुंच जाएगा।

गंगा के बढ़ते जलस्तर ने उड़ाई नींद
वहीं, गढ़मुक्तेश्वर में गंगा में जलस्तर बढ़ने से गंगा किनारे बसे खादर क्षेत्र के दर्जनों गावों के निवासियों में बाढ़ आने की आशंका के कारण दहशत में हैं। खादर क्षेत्र के दर्जनों गावों को प्रत्येक वर्ष बाढ़ कहर झेलना पड़ता है। इस कारण इन गावों के निवासी बरसात के मौसम में गंगा का जल स्तर बढ़ने से चिंतित होने लगते हैं। खादर क्षेत्र के ग्रामीणों का कहना है कि गंगा का जलस्तर बढ़ने से पानी इस क्षेत्र के जंगल में फैल जाता है। जलस्तर अधिक बढ़ जाने के कारण पानी आबादी क्षेत्र तक पहुंच जाता है। प्रत्येक वर्ष बाढ़ के पानी से किसानों की हजारों एकड़ फसल तबाह हो जाती है। पशु आदि भी बह जाते हैं। अनाज एवं अन्य कीमती सामान नष्ट हो जाता है। प्रशासन का कहना है कि अभी बाढ़ के हालात नहीं है। सभी को तैयार रहने के निर्देश दिए हैं।

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