December 27, 2024

कोरोना वायरस से बचाव के लिए ग्राम स्तर तक जनजागरूकता का प्रसार करें-कलेक्टर

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कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने कार्यशाला में दिए निर्देश

रतलाम,19 मार्च (इ खबर टुडे )। कोरोना वायरस से बचाव के लिए जनजागरूकता अत्यंत आवश्यक है। लोगों को पता होना चाहिए कि वह क्या करें क्या नहीं करें। इस संबंध में जिले के ग्रामीण इलाकों तक व्यापक रूप से इस बात का सघन प्रचार-प्रसार किया जाए कि कोरोना वायरस से कैसे बचा जा सकता है।

यह निर्देश कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने गुरुवार को आयोजित कार्यशाला में अधिकारियों एवं कर्मचारियों को दिए। कार्यशाला में कोरोना वायरस से उत्पन्न बीमारी एवं बचाव तथा सावधानियों के संबंध में विस्तृत जानकारी पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी गई।

कार्यशाला में डिप्टी कलेक्टर सुश्री शिराली जैन, एसडीएम सुश्री लक्ष्मी गामड़,प्रवीण फुलपगारे, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर प्रभाकर नानावरे, डीपीएम डॉ. अजहर अली, जिला सर्विलेंस अधिकारी डॉ. प्रमोद प्रजापति, मीडिया अधिकारी स्वास्थ्य आशीष चौरसिया, जिला महिला बाल विकास अधिकारी श्रीमती सुनीता यादव, जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, महिला बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी आदि उपस्थित थे। विकासखंडों से भी वीसी के माध्यम से विकासखंड स्तरीय अधिकारी कार्यशाला से कनेक्ट थे।

कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने कार्यशाला में निर्देश दिए कि विकासखंड स्तर के शासकीय अधिकारियों, कर्मचारियों को भी इसी प्रकार कोरोना वायरस के संबंध में प्रशिक्षित किया जाए ताकि वह ग्रामीण क्षेत्रों में सघन रूप से जागरुकता का प्रसार कर सकें।

कार्यशाला में सामान्य जुकाम तथा कोरोना वायरस के बीच में अंतर को समझाया गया। बताया गया कि सामान्य जुकाम में इनक्यूबेशन अवधि 1 से 3 दिन, फ्लू में 1 से 4 दिन, कोरोना वायरस में 2 से 14 दिन की होती है। लक्षणों का दिखना सामान्य जुकाम में, धीरे-धीरे फ्लू में एकदम से तथा कोरोना वायरस में धीरे-धीरे होता है। लक्षणों की अवधि सामान्य जुकाम में 2 से 7 दिन, फ्लू में 3 से 7 दिन तथा कोरोना वायरस में मंद प्रकरण के तहत 2 सप्ताह तथा गंभीर प्रकरण में 3 से 6 सप्ताह की अवधि होती है। सामान्य लक्षणों के तहत सामान्य जुकाम में कभी-कभी बुखार प्रायः नाक का बहना, गले में खराश, खांसी होती है। यदा-कदा शरीर में ऐंठन तथा सांस लेने में कठिनाई होती है जबकि फ्लू में आमतौर पर बुखार रहता है।

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