December 26, 2024

औद्योगिक निवेश के माध्यम से युवाओं को रोजगार देना सर्वोच्च प्राथमिकता- मुख्यमंत्री श्री चौहान

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चीन और भारत को परस्पर आर्थिक सहयोग में आगे बढ़ना होगा-  लिन यांग नान

भोपाल ,22 दिसम्बर (इ खबरटुडे)। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा है कि ज्यादा से ज्यादा औद्योगिक निवेश के माध्यम से युवाओं को रोजगार देना मध्यप्रदेश का फोकस है। उन्होंने चीनी कम्पनियों और निवेशकों को मध्यप्रदेश में निवेश करने के लिये आमंत्रण देते हुये कहा कि प्रदेश में बेहतर निवेश के लिये जमीन, बिजली और पानी जैसी सभी जरूरी अधोसरंचनाएं मौजूद हैं। आज यहाँ हाट ऑफ इण्डिया निवेश सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुये श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश भारत का सबसे तेज गति से बढ़ता प्रदेश है। प्रदेश की आर्थिक वृद्धि दर और कृषि वृद्धि भी अन्य प्रदेशों से ज्यादा रही है। इस तीन दिवसीय सम्मेलन का आयोजन राज्य आजीविका फोरम, ग्रामीण विकास एवं उद्योग विभाग और भारतीय चीन आर्थिक और सांस्कृतिक परिषद द्वारा किया गया था।

समापन समारोह में अपर मुख्य सचिव उद्योग  पी के दाश, अपर मुख्य सचिव तकनीकी शिक्षा श्रीमती अजिता वाजपेयी पाण्डे, आधुनिक कृषि उपकरण संस्थान चीन के संचालक लिन यांग नान और अस्सी चायनीज कंपनियों के एक सौ पचास प्रतिनिधि उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि चीन और भारत दुनिया के दो बड़े देश हैं दोनों की सभ्यताएं पुरानी हैं और दोनो का वैभवशाली इतिहास रहा है। चीन और भारत के सांस्कृतिक संबंध मजबूत रहे हैं। दोनो देश साथ-साथ मिलकर आर्थिक विकास करें तो दोनो देशों के लोगों का जीवन स्तर और ऊंचा उठेगा साथ ही दुनिया की अर्थव्यवस्था भी गतिशील होगी। श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में लघु और मध्यम उद्योगों का जाल बिछाने की तैयारियाँ शुरू हो गयी हैं। इस दिशा में चीनी कंपनियों के निवेश प्रस्ताव स्वागत योग्य है। उन्होंने सात, आठ और नौ अक्टूबर 2014 को इंदौर में आयोजित होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में भाग लेने के लिये चीनी निवेशकों को आमंत्रित किया।

लिन यांग नान ने कहा कि मध्यप्रदेश में निवेश नीतियाँ निवेश सहयोगी हैं और निवेश की यहाँ अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने मध्यप्रदेश में स्वागत-सत्कार की परंपरा की प्रशंसा करते हुये आशा व्यक्त की कि भविष्य में निवेश में प्रदेश सरकार की ओर से भरपूर सहयोग मिलेगा। श्री नान ने कहा कि आम लोगों को समृद्धशाली बनाने केलिये चीन और भारत को परस्पर आर्थिक सहयोग की दिशा में आगे बढ़ना होगा।

अपर मुख्य सचिव ग्रामीण विकास श्रीमती अरूणा शर्मा ने बताया कि कृषि और गैर कृषि क्षेत्र में लघु उद्योगों को बढ़ावा देकर एक लाख लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य तय किया गया है। उन्होंने बताया कि इस समिट में एग्रो टेक्नालॉजी पार्क चायनीज उत्पादों के लिये विशेष आर्थिक प्रक्षेत्र बनाने के लिये चायनीज कंपनियों ने रूचि दिखायी है। इस प्रकार करीब 15 हजार करोड़ रूपये का निवेश का अनुमान लगाया गया है। उन्होंने बताया कि चीन की कंपनियाँ और उनके विशेषज्ञों के साथ प्रदेश के एक हजार स्वसहायता समूहों का परस्पर संवाद कराया गया है ताकि वे कम लागत में गुणवत्तापूर्ण उत्पादन और बाजार में बने रहने के गुर सीख सकें।

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