December 23, 2024

एन.सी.टी.सी. का प्रस्तावित स्वरूप संघीय ढाँचे के विरूद्ध

NCTC
राज्यों को विश्वास में लिया जाए,एन.सी.टी.सी. की बैठक में मुख्यमंत्री श्री चौहान
भोपाल,5 मई

(इ खबरटुडे)।

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आंतरिक सुरक्षा को सशक्त करने के लिये राज्य पुलिस इकाइयों को सुदृढ़ एवं प्रभावशाली बनाया जाना अत्यन्त महत्वपूर्ण है। गृह मंत्रालय द्वारा एन.सी.टी.सी. के गठन सम्बन्धी वर्तमान प्राप अधिसूचना संविधान में परिकल्पित संघीय ढाँचे के अनुरूप नहीं मानी जा सकती।

  श्री चौहान आज यहाँ एन.सी.टी.सी. पर मुख्यमंत्रियों की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। बैठक में प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह, केन्द्रीय गृह मंत्री श्री पी. चिदम्बरम, अन्य केन्द्रीय मंत्री, विभिन्न राज्य के मुख्यमंत्री, गृह मंत्री, केन्द्र और राज्य सरकार के अधिकारी उपस्थित थे
श्री चौहान ने कहा कि कानून व्यवस्था राज्य का विषय है। अपने वर्तमान प्रारूप में एन.सी.टी.सी. संविधान की संघीय व्यवस्था के विपरीत है। उन्होंने कहा कि एन.सी.टी.सी. को सूचना संकलन एवं विश्लेषण की नोडल एजेन्सी के रूप में विकसित किया जाय। इसके द्वारा आवश्यक अभियानों का संचालन राज्य की एन.सी.टी.सी. इकाइयों के माध्यम एवं समन्वय से ही किया जाय।
श्री चौहान ने कहा कि एन.सी.टी.सी. के गठन सम्बन्धी प्रपत्रों से प्रतीत होता है कि सभी राज्य संस्थाएँ एन.सी.टी.सी. को सूचना प्रेषित करेंगी और एन.सी.टी.सी. निर्णय करेगी कि कार्यवाही वह स्वयं करेगी या अन्य संस्थाओं को निर्देशित करेगी। यह प्रावधान राज्य एवं केन्द्रीय संस्थाओं के बीच समन्वय की भावना के प्रतिकूल है। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो आतंकवाद से लड़ने के लिये केन्द्र व राज्य की संस्थाओं के आपसी समन्वय पर जोर दिया जाता है, वहीं दूसरी तरफ आतंकवाद विरोधी नीतियों के निर्माण में राज्यों की अनदेखी की जाती रही है। आतंकवाद के उन्मूलन सम्बन्धी निर्णयों में राज्यों की निरन्तर उपेक्षा, केन्द्रीयकरण की भावना को प्रदर्शित करती है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2008 में यू.ए.पी.ए. में किये गये संशोधनों से पूर्व राज्यों की सहमति नहीं ली गई। इसी प्रकार, एन.आई.ए. के गठन के पूर्व भी राज्य सरकारों से विचार-विमर्श नहीं किया गया।
श्री चौहान ने कहा कि एन.सी.टी.सी. के सम्बन्ध में पूर्व की बैठक में राज्यों द्वारा उठाई गई आपत्तियों/शंकाओं का समाधान प्रस्तावित एस.ओ.पी. से नहीं होता। किसी भी परिस्थिति में राज्य पुलिस के समन्वय के बगैर एन.सी.टी.सी. के अधिकारियों द्वारा कार्यवाही की जाना उचित नहीं होगा।

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