ईरान का कबूलनामा- गलती से मार गिराया था यूक्रेनी विमान, रूहानी बोले- जिम्मेदारों को नहीं बख्शेंगे
तेहरान,11 जनवरी( इ खबर टुडे)। ईरान ने आखिरकार कबूल कर ही लिया कि उसकी सेना ने गलती से यूक्रेनी यात्री विमान बोइंग 737 को मार गिराया था। इस विमान में 176 लोग सवार थे जिनकी मौत हो गई थी। सेना ने बयान जारी कर इसे मानवीय भूल करार दिया। यह घटना ऐसे समय पर हुई थी जब ईरान ने इराक में मौजूद अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमला किया था।
विमान ने तेहरान के इमाम खुमैनी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से यूक्रेन की राजधानी कीव के बोर्यस्पिल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे लिए उड़ान भरी थी। ईरानी अधिकारियों ने पहले दावा किया था कि इस दुर्घटना का कारण तकनीकी खामी थी।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के प्रवक्ता रजा जाफरजादेह ने बताया था कि यह विमान तेहरान के दक्षिण पश्चिमी इलाके में दुर्घटना का शिकार हुआ। जांचदल और बचाव कर्मी दुर्घटनास्थल पर पहुंचें तब उन्हें कोई भी जिंदा नहीं मिला।
सेना के बयान को लेकर ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा, ‘सशस्त्र बलों की आंतरिक जांच से निष्कर्ष निकला है कि मानवीय त्रुटि के कारण गलती से यूक्रेनी विमान को मिसाइल ने निशाना बनाया। जिसके कारण विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया और 176 लोगों की जान चली गई। इस त्रासदी और अक्षम्य गलती की जांच जारी रहेगी और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाया जाएगा।’
ईरान कई दिनों तक अपनी मिसाइल से विमान गिराए जाने की बात नकारता रहा है। लेकिन अमेरिका और कनाडा ने खुफिया जानकारी के हवाले से कहा था कि ईरान ने विमान को गिराया है। विमान ने यू्क्रेन की राजधानी कीव के लिए उड़ान भरी थी। जिसमें 167 यात्री और विभिन्न देशों के नौ क्रू सदस्य शामिल थे। अधिकारियों के अनुसार विमान में 82 ईरानी, लगभग 63 कनाडियन और 11 यूक्रेनियन सवार थे।
ईरान ही नहीं भारत-अमेरिका-रूस भी कर चुके हैं विमान गिराने की ‘गलती’
हालांकि यह कोई पहला मौका नहीं है जब ईरानी सेना ने यूक्रेनी विमान को गलती से मार गिराया। इससे पहले भी कई बार ऐसा हुआ है, जब अपने ही देश के हवाई हमले में कोई विमान हादसे का शिकार हो गया।
भारतीय वायुसेना ने गिराया अपना हेलीकॉप्टर
पिछले साल बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद 26 फरवरी को भारतीय वायुसेना ने श्रीनगर में गलती से अपना ही एमआई—17 वी5 हेलीकॉप्टर गिरा दिया। इस हेलीकॉप्टर में छह वायुसेना कर्मी मौजूद थे और हमले में सभी की जान चली गई।
अमेरिका ने अपने ही हेलीकॉप्टर को बनाया निशाना
खाड़ी युद्ध के बाद कई देशों ने बड़े पैमाने पर मानवता सहायता प्रयास शुरू किए। मगर 14 अप्रैल, 1994 को अमेरिकी वायु सेना ने गलती से अपने ही देश की सेना के दो ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर मार गिराए। इन हेलीकॉप्टरों में कुल 26 यात्री थे, जिनमें से 11 अन्य देशों के थे।
द्वितीय विश्व युद्ध में 300 की जान गई
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भी अमेरिका ऐसी ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना का गवाह बना। 2 जुलाई 1943 को अमेरिकी वायु सेना ने अपनी ही वायु सेना के विमान पर अंधाधुंध गोलियां बरसाना शुरू कर दी। इस घटना में 300 से ज्यादा लोगों की जान चली गई।
इराक युद्ध में अमेरिका ने गिराया ब्रिटिश विमान
वर्ष 2003 में इराक से युद्ध के दौरान अमेरिका ने रॉयल ब्रिटिश एयर फोर्स का विमान मार गिराया। लंबे समय तक यह विमान लापता बताया गया, लेकिन बाद में ब्रिटेन ने इसका खुलासा किया।
खुद को ही बनाया निशाना
यह सुनने में थोड़ा अजीब लगता है लेकिन 1956 में अमेरिकी पायलट 20 एमएम की तोप से टेस्ट फायरिंग कर रहा था, मगर इस दौरान वह खुद को ही गोली मार बैठा।