November 18, 2024

आतंक के मददगारों पर NIA का शिकंजा, अलगाववादी नेता शब्बीर शाह गिरफ्तार

श्रीनगर/नई दिल्ली, ,26 जुलाई (इ खबर टुडे )। आतंकियों को फंडिंग कर कश्मीर में हालात बिगा़डने के मामले में एनआईए ने मंगलवार रात अलगाववादी नेता शब्बीर शाह को कश्मीर से गिरफ्तार कर लिया गया। शाह को पूछताछ के लिए दिल्ली लाया जाएगा। सोमवार को गिरफ्तार सातों अलगाववादी नेताओं को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 10 दिन की एनआईए रिमांड पर भेज दिया है। गिरफ्तारियों के विरोध में मंगलवार को जम्मू–कश्मीर बंद के आह्वान का मामूली असर रहा।
गिलानी, उमर नजरबंद
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी व मौलवी उमर फारक को नजरबंद कर दिया है। ये कदम आतंकी फंडिंग में गिरफ्तारियों से कश्मीर में माहौल न बिग़़डे, इसलिए ऐहतियात के तौर पर उठाया गया है। वैसे मंगलवार को हुर्रियत नेताओं ने बंद विफल रहा। जम्मू-कश्मीर के डीजीपी एसपी वेद ने बताया कि लोगों ने बंद का नजरअंदाज किया। ऐहतियात के तौर पर कुछ क्षेत्रों में प्रतिबंधात्मक कदम उठाए गए थे।
शाह को आज दिल्ली लाएंगे
शब्बीर शाह को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उन्हें बुधवार को दिल्ली लाया जाएगा। पुलिस उन्हें ईडी व एनआईए को सौंप सकती है।
दो करो़ड बरामद हुए थे
उधर, दिल्ली कोर्ट की विशेषष एनआईए न्यायाधीश पूनम बांबा ने सोमवार को गिरफ्तार किए गए सातों आरोपियों को 10 दिन की एनआईए रिमांड पर सौंप दिया। एनआईए ने कोर्ट से 18 दिन की रिमांड मांगी थी। यह भी बताया कि सातों को जांच के लिए अलग-अलग स्थानों पर ले जाना प़़ड सकता है। गिरफ्तारी के दौरान की गई छापेमारी में दो करो़़ड रपए, कुछ किताबें और आतंकी संगठनों के लेटर हेड बरामद हुए हैं। मामले की अगली सुनवाई 4 अगस्त को होगी।
एनआईए ने आतंकी फंडिंग के मामले में 30 मई को कई अलगाववादी नेताओं और हुर्रियत के सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इसके बाद सोमवार को पूर्व आतंकी कमांडर फारक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे को दिल्ली से, नईम खान, अल्ताफ अहमद शाह गिलानी [ हुर्रियत प्रमुख सैयद अली शाह गिलानी का दामाद ], अयाज अकबर, पीर सैफुल्लाह, राजा मेहराजुद्दीन, आफताब हिलाली शाह उर्फ शाहिद उल इस्लाम को श्रीनगर से गिरफ्तार किया गया था। उन्हें सोमवार को ही दिल्ली लाया गया था। इन सभी पर कश्मीर में आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन, लश्कर-ए-तैयबा समेत अन्य संगठनों की गतिविधियों को ब़़ढावा देने के लिए अवैध तरीके से फंड एकत्रित कर आतंकियों तक पहुंचाने का आरोप है। बताया जा रहा है कि ज्यादातर फंडिंग पाकिस्तान से हो रही थी।

महबूबा मुफ्ती को रास नहीं आई गिरफ्तारी, राजनाथ से की बात
नई दिल्ली। आतंकी फंडिंग के आरोप में अलगाववादी संगठन हुर्रियत कांफ्रेंस के नेताओं की गिरफ्तारी जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को रास नहीं आई है। नाराज महबूबा ने केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह को फोन कर गिरफ्तारी की जरूरत पर सवाल उठाया। लेकिन राजनाथ सिंह ने यह कहकर उन्हें शांत कर दिया कि कानून को अपना काम करने देना चाहिए। उनका कहना था कि कश्मीर में स्थायी शांति के लिए आतंकी फंडिंग को रोकना जरूरी है।
 
पैसा कहां से आ रहा है, कहां इस्तेमाल हो रहा है, सभी लोगों को पता चलना चाहिएः फारुख
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि एनआइए को आतंकी फंडिंग की जांच करने के साथ यह भी पता लगाना चाहिए कि क्या कभी भारत सरकार ने भी हुर्रियत नेताओं की फंडिंग की है या नहीं।

फारूक ने कहा कि हुर्रियत नेताओं को मिलने वाले पैसे की जांच करने के लिए मैं एनआइए को मुबारक देता हूं। पैसा कहां से आ रहा है, कहां इस्तेमाल हो रहा है, यह हम सभी लोगों को पता चलना चाहिए। पाकिस्तान किस रास्ते और किसलिए यहां पैसा भेज रहा है। इसके साथ ही एनआइए को यह भी छानबीन करनी चाहिए कि क्या नई दिल्ली भी हुर्रियत कांफ्रेंस को वित्तीय मदद देती रही है या नहीं।

फारूक ने कहा कि हुर्रियत नेताओं पर पाकिस्तान से ही नहीं नई दिल्ली के साथ भी साठगांठ के आरोप लगते रहे हैं। इसलिए सभी तथ्यों की जांच होनी चाहिए। यह कहना कि हुर्रियत नेताओं पर शिकंजा कसने से कश्मीर मसला हल हो जाएगा या आतंकवाद समाप्त हो जाएगा, सही नहीं है। कश्मीर में आतंकवाद या कश्मीर विवाद तभी हल होगा जब भारत-पाकिस्तान आपस में बातचीत के जरिये इस मसले को हल करेंगे।

फारूक ने कहा कि यह जरूरी नहीं कि हर बार प्रधानमंत्री ही बात करें। मेरी राय में केंद्र सरकार को सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव सरीखे वरिष्ठ सांसद व नेता हों, पाकिस्तानी सांसदों के साथ बातचीत की प्रक्रिया शुरू करने के लिए पाकिस्तान भेजा जाए।

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