December 25, 2024

आजमगढ़ से पिता की विरासत संभालेंगे अखिलेश, रामपुर से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे आजम खान

akhilesh

लखनऊ, 24 मार्च(इ खबरटुडे)। उत्तर प्रदेश में जिस नाम को लेकर इंतजार चल रहा था, वो अब खत्म हो गया है और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपनी सीट का ऐलान कर दिया है. अखिलेश यादव अपने पिता की विरासत संभालते हुए आजमगढ़ सीट से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. जबकि पार्टी ने एक और बड़ा फैसला लेते हुए कद्दावर नेता व मौजूदा विधायक आजम खान को रामपुर सीट से चुनाव लड़ाने का फैसला किया है.

रविवार को समाजवादी पार्टी ने दो उम्मदीवारों की सूची जारी की है. इसमें मोहम्मद आजम खान को रामपुर लोकसभा क्षेत्र और अखिलेश यादव को आजमगढ़ सीट से प्रत्याशी घोषित किया गया है. अखिलेश यादव के बारे में पहले से ही कयास लगाए जा रहे थे कि वो अपने पिता मुलायम सिंह यादव की सीट यानी आजमगढ़ से चुनाव लड़ सकते हैं. लेकिन आजम खान को लेकर पार्टी ने चौंकाने वाला निर्णय लिया है.

आजम खान ने तमाम उम्र यूपी विधानसभा की राजनीति की है. वह 9 बार विधायक बन चुके हैं और पांच बार यूपी सरकार में मंत्री पद संभाल चुके हैं. संसद की राजनीति का उनका तजुर्बा बेहद कम है और वह सिर्फ राज्यसभा सांसद (1996-2002) ही रहे हैं. हालांकि, 2009 में उन्होंने बगावत कर सपा उम्मीदवार जया प्रदा के खिलाफ चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्हें शिकस्त झेलनी पड़ी थी. अब एक बार फिर उन्हें लोकसभा चुनाव में उतारा गया है.

वहीं, अखिलेश यादव ने यादवों के सबसे बड़े गढ़ आजमगढ़ को ही चुना है. इस सीट से उनके पिता मुलायम सिंह यादव ने 2014 में चुनाव जीता था. अब मुलायम सिंह मैनपुरी से लड़ रहे हैं, ऐसे में अखिलेश ने यहां से चुनाव लड़ने का फैसला लिया है.

2017 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को करारी शिकस्त मिलने के बाद अखिलेश यादव यादव ने एक बार फिर लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है. हालांकि, उनकी राजनीति की शुरुआत ही सांसद बनकर हुई थी, जब उनके पिता ने कन्नौज लोकसभा सीट खाली की और साल 2000 में हुए उपचुनाव में उन्होंने जीत दर्ज की. 2004 के आम चुनाव में भी अखिलेश यादव ने कन्नौज सीट से चुनाव लड़ा और बीएसपी के ठाकुर राजेश को एकतरफा हराया. 2009 में भी अखिलेश की जीत का सिलसिला नहीं रुका और उन्होंने कन्नौज सीट से ही बीएसपी के महेश चंद्र वर्मा को शिकस्त दी. इसी साल उन्होंने फिरोजाबाद सीट पर हुए उपचुनाव में भी जीत दर्ज की, हालांकि बाद में यह सीट खाली कर दी. अब एक बार फिर अखिलेश यादव उस सीट से चुनावी मैदान में उतरे हैं, जो उनके पिता मुलायम सिंह ने छोड़ी है.

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