अमानक बीज मामले में किसान को बुलाया कृषि मंत्री ने
मुख्य सचिव कृषि के साथ ही मुख्यमंत्री से भी करेंगे भ्रष्ट व्यापारी और अधिकारियों की शिकायत
उज्जैन,09 जून (इ खबरटुडे)।कलेक्टर कवीन्द्र कियावत से शिकायत करने के बाद अमानक बीज मामले में सदावल के किसान ने कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन से भी फोन पर शिकायत कर दी। कृषि मंत्री ने किसान को तीन दिन बाद रिपोर्ट के साथ भोपाल आने को कहा साथ ही यह भी कहा कि यदि अधिकारी और व्यापारी दोषी पाए गए तो उन्हें जेल भिजवा दूंगा।
किसान तीन दिन बाद भोपाल पहुंचकर कृषि मंत्री के साथ ही मुख्य सचिव कृषि तथा मुख्यमंत्री के समक्ष शहर को बदनाम करने वाले व्यापारी तथा अधिकारियों की भी शिकायत करेंगे। नवंबर 2015 में चिमनगंज मंडी स्थित अरिहंत ट्रेडर्स से पोषक वेरायटी का एफ 1 श्रेणी का गेहूं खरीदने वाले सदावल निवासी किसान देवीलाल ने गुरूवार फोन पर कृषि मंत्री से शिकायत कर दी। देवीलाल के अनुसार तीन दिन बाद वे भोपाल जाकर कृषि मंत्री से मिलेंगे तथा उन्हें बताएंगे कि अधिकारियों नेकिस तरह अमानक बीज मामले में गोलमोल रिपोर्ट बनाकर पहले उसे ही आरोपी बनाया और बाद में मुख्यमंत्री से शिकायत करने के बाद हुई जांच में बीज अमानक पाया गया। बावजूद इसके अब तक व्यापारी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।भोपाल पहुंचकर किसान मुख्य सचिव कृषि राजेश राजौरा से भी शिकायत करेंगे।
मुख्यमंत्री के सामने भी शहर को बदनाम करने वाले ऐसे भ्रष्ट व्यापारी और अधिकारियों की शिकायत की जाएगी। मुख्यमंत्री, कृषि मंत्री तथा मुख्य सचिव को शिकायत करेंगे कि किस तरह किसान कल्याण विभाग, क्षेत्रीय कृषि वैज्ञानिकों, बीज प्रमाणीकरण संस्थाओं द्वारा किस तरह से सांठगांठ कर नकली बीज का कारोबार चलाया जा रहा है। किसान देवीलाल के अनुसार कृषि मंत्री से शिकायत करेंगे कि अरिहंत ट्रेडर्स के पास लाइसेंस मंडी में बीज विक्रय का है और व्यवसाय गौंसा स्थित वेयर हाउस से कर रहे हैं। यह राष्ट्रीय बीज विकास निगम लिमिटेड का अधिकृत विक्रेता है या नहीं इसकी भी जांच नहीं की गई। यदि कृषि संबंधी व्यवसायी के यहां स्टाॅक गड़बड़ हो, सामान्य से अधिक हो या व्यवस्थित मेंटेन नहीं किया हो तो भी उसका लाइसेंस निरस्त कर दिया जाता है लेकिन अमानक बीज पाए जाने पर उक्त व्यापारी परकार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है। किसान के नुकसान की जवाबदारी लेने को कोई तैयार नहीं। क्योंकि विक्रेता ही बेचे गए माल का जवाबदार होता है। कार्रवाई न कर पाने को लेकर कृषि उपसंचालक पर किसका दबाव है यह वे स्पष्ट नहीं बता पा रहे हैं।
मामले को यहीं खत्म कर दो और व्यापारी से समझौता कर लो-उपसंचालक
उल्लेखनीय है कि सदावल निवासी किसान देवीलाल ने नवंबर 2015 में चिमनगंज मंडी स्थित अरिहंत ट्रेडर्स से पोषक वेरायटी का एफ 1 श्रेणी का गेहूंखरीदने वाले था। गेहूं बोया तो विभिन्न प्रकार के गेहूं का मिश्रण दिखने लगा। देवीलाल द्वारा शिकायत करने पर कृषि वैज्ञानिकों एवं कृषि अधिकारियों द्वारा खेत की जांच कर गोलमाल रिपोर्ट बनाकर किसान को ही आरोपी बना दिया था। दोबारा मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान को ज्ञापन देने के बाद जांच दल भेजा गया। एसएडीओ भगवान अर्गल, सहायक बीज प्रमाणीकरण अधिकारी ओ.पी. पटवा, जांच दल के सदस्य सुबोध पाठक द्वारा दो महीने पहले खेत के निरीक्षण किया गया जिसमें पाया गया था कि खेत में अन्य किस्मों के गेहूं का मिश्रण है। मौके पर वास्तविक अवलोकन कर पंचनामा बनाया। जिसमें मिश्रण मानक स्तर से कहीं अधिक पाया गया और यह सिध्द हो गया कि किसान के साथ धोखाधड़ी हो गई है। रिपोर्ट के पश्चात जब कृषि उपसंचालक को कार्रवाई के लिए कहा गया तो उपसंचालक ने किसान को ही समझाईश दी कि मामले को यहीं खत्म कर दो और व्यापारी से समझौता कर लो। मैं इसमें कार्रवाई नहीं कर सकता मुझ पर दबाव है। मामले में किसान ने कृषि मंत्री, मुख्यमंत्री से पुनः शिकायत की लेकिन रिपोर्ट आ जाने के बाद दो माह बीतने पर भी अब तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है।