अधिकारियों की समीक्षा बैठक में कांग्रेस नेता डॉ.विक्रान्त भूरिया की मौजूदगी सवालों के घेरे में,भाजपा ने जताई आपत्ति
रतलाम, 27 जनवरी (इ खबरटुडे)। गणतंत्र दिवस पर प्रभारी मंत्री सचिन यादव की अध्यक्षता में हुई अधिकारियों की समीक्षा बैठक में कांग्रेस नेता डॉ.विक्रान्त भूरिया की मौजूदगी सवालों के घेरे में है। पूछा जा रहा है कि शासकीय बैठक में,झाबुआ के कांग्रेस नेता डॉ.भूरिया किस हैसियत से मौजूद थे और जिला प्रशासन ने इस पर आपत्ति क्यों नहीं ली? भाजपा ने इसे सीधे सीधे सत्ता के दुरुपयोग का उदाहरण बताया है।
गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने आए जिला प्रभारी मंत्री सचिन यादव ने मुख्य समारोह के बाद कलेक्टोरेट भवन के सभाकक्ष में जिले के समस्त अधिकारियों की समीक्षा बैठक आहूत की थी। इस बैठक में कलेक्टर रुचिका चौहान,एसपी गौरव तिवारी,एडीएम जीतेन्द्र सिंह चौहान,निशा डामोर,जिपं सीईओ सोमेश मिश्रा के अलावा जिले के समस्त विभागों के जिला अधिकारियों को बुलाया गया था। जनप्रतिनिधियों में जिला प्रभारीमंत्री सचिन यादव के अलावा सांसद कांतिलाल भूरिया,सैलाना विधायक हर्षविजय गेहलोत,आलोट विधायक मनोज चावला,जिपं उपाध्यक्ष डीपी धाकड भी इस बैठक में आमंत्रित थे।
लेकिन इसी बैठक में झाबुआ से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव हारे सांसद कांतिलाल भूरिया के पुत्र डॉ.विक्रान्त भूरिया भी मौजूद थे। इतना ही नहीं बैठक के बाद जनसम्पर्क विभाग द्वारा जारी समाचार में उनके नाम का उल्लेख भी किया गया और जनसम्पर्क विभाग द्वारा जारी बैठक के फोटो में भी डॉ.भूरिया स्पष्ट दिखाई दे रहे है।
शासकीय बैठकों में निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को शासन का प्रतिनिधि होने के नाते उपस्थित रहने का अधिकार होता है,परन्तु किसी राजनीतिक दल के नेता को शासकीय बैठकों में बैठने की अधिकारिता नहीं होती। यही कारण है कि डॉ.विक्रान्त भूरिया की इस बैठक में उपस्थिति अब सवालों के घेरे में है।
भाजपा जिला महामंत्री प्रदीप उपाध्याय ने शासकीय बैठकों में कांग्रेस नेताओं की अनाधिकार उपस्थिति पर आपत्ति दर्ज करते हुए कहा है कि कांग्रेसी नेताओं को सत्ता के दुरुपयोग की पुरानी आदत है। शासकीय बैठकों में अनाधिकार उपस्थित रहकर कांग्रेस के नेता प्रशासन पर दबाव बनाने की कोशिश करते है। श्री उपाध्याय ने कहा कि शासकीय बैठक में अनाधिकृत व्यक्ति की उपस्थिति पर प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा आपत्ति ना लिया जाना भी विचारणीय प्रश्न है। जबकि प्रशासनिक अधिकारियों का दायित्व है कि वे अनाधिकृत व्यक्तियों को प्रवेश ना करने दें। श्री उपाध्याय ने कहा कि वे इस मामले की शिकायत प्रदेश शासन के उच्चाधिकारियों से करेंगे।
कलेक्टर रुचिका चौहान से जब पूछा गया कि शासकीय बैठक में डॉ.विक्रान्त भूरिया किस हैसियत से मौजूद थे? तो उनका कहना था कि वे माननीय जिला प्रभारी मंत्री के साथ आए थे और जिला प्रभारी मंत्री ने उन्हे विशेष रुप से आमंत्रित किया था।