November 15, 2024

स्कूल में रह गया बच्चा, ताला लगाकर घर चला गया स्टाफ

बाजखेड़ी (मंदसौर),02 अक्टूबर (ई खबरटूडे)। ग्राम पानपुर के शासकीय प्राथमिक विद्यालय में शिक्षकों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। सोमवार शाम छुट्टी के बाद स्कूल स्टाफ ताला लगाकर घर चला गया। इस दौरान चार साल का बच्चा स्कूल में ही रह गया। ताला लगाने के दौरान स्टाफ ने कक्षों को देखा तक नही। बाद में रोने की आवाज सुन गांववासी एकत्र हुए और प्रभारी को सूचना देकर ढाई घंटे बाद ताला खुलवाया। इस मामले में जिला शिक्षा केंद्र के जिला परियोजना समन्वयक (डीपीसी) ने दोषी शिक्षकों पर कार्रवाई की बात कही है।

सोमवार शाम करीब 4 बजे पानपुर के शासकीय प्राथमिक विद्यालय की छुट्टी हुई। इस दौरान पहली में पढ़ने वाला प्रदीप अहिरवार कक्षा में ही रह गया, बाकी बच्चे चले गए। मौजूद शिक्षक-शिक्षकाओं ने कक्षाओं को देखे बिना स्कू ल में ताला लगाकर घर चले गए। बाद में बच्चा अके ला पाकर घबरा गया, जोर-जोर से रोने लगा।

 

इस दौरान ग्राम के कारूलाल स्कूल के पास से निकल रहे थे, तो उन्हें रोने की आवाज आई। उन्होंने खिड़की से झांककर देखा तो मासूम अंदर रो रहा था। उन्होंने चौपाटी पर बैठे लोगों को सूचना दी। ग्रामीण सहित बच्चे के दादा भुवान अहिरवार भी आ गए।

इसके बाद स्कूल प्रभारी लोकेंध सिंह परसवाल को फोन से जानकारी दी गई। कुछ देर बाद लोकेंध सिंह पहुंचे और ताला खोलकर बच्चे को बाहर निकाला। लोकेंध सिंह ने बताया कि मैं तो मीटिंग में था, यहां पर तो टीचर व सहायक अध्यापक प्रतिभा बैरागी थे, अब वे कै से भूल गए? ग्रामीणों का कहना है कि यह तो समय रहते मालूम पड़ गया नहीं तो बच्चे के साथ कुछ भी हो सकता था।
लोगों से जब पता चला कि बच्चा स्कूल में बंद है तो मैं वहां गया। ग्रामवासियों की मदद से ताला खोलकर बच्चे को बाहर निकाला। यह तो स्कू ल वालों की बड़ी लापरवाही है। कड़ी कार्रवाई हो। -भुवान अहिरवार, बच्चे के दादाजी

मैं तो 2.30 बजे मीटिंग में चला गया था। छुट्टी कि तने बजे करके मैडम गईं, यह पता कि या जाएगा। हो सकता है बच्चे को अंदर नींद आ गई हो। ग्रामीणों का फोन आने पर मैं आ गया और बच्चे को बाहर निकाल। बच्चा स्वस्थ है। – लोकेंध सिंह परसवाल, स्कूल प्रभारी, प्राथमिक विद्यालय,पानपुर

मामला संज्ञान में आया है। बच्चा कै से स्कू ल में रह गया? टीचर की जवाबदारी है। जांच कर लापरवाही बरतने वाले टीचर पर कार्रवाई की जाएगी। -अनिल भट्ट, डीपीसी, मंदसौर

You may have missed

This will close in 0 seconds