November 25, 2024

सिंहस्थ केन्द्रीय समिति अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री-प्रभारी मंत्री की उपस्थिति में पदभार संभाला

सिरे से परखे काम, बैठक में वन-टू-वन चर्चा

लोक निर्माण विभाग को 15 दिसंबर की डेट लाइन, प्रभारी मंत्री के आज के कार्यक्रम निरस्त, सिंहस्थ निर्माण कार्यों की समीक्षा

उज्जैन 28 नवम्बर(इ खबरटुडे)। सिंहस्थ केन्द्रीय समिति अध्यक्ष माखनसिंह चौहान ने गुरुवार को मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान, प्रभारी मंत्री भूपेन्द्रसिंह सहित स्थानीय नेताओं की उपस्थिति में पदभार संभाला। समारोहपूर्वक प्राधिकरण कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने उन्हें कार्यभार ग्रहण करवाया। इससे पूर्व श्री माखनसिंह उज्जैन आने के साथ ही बाबा महाकाल के दर्शन-पूजन के लिये पहुंचे थे। दोपहर उपरांत केन्द्रीय समिति अध्यक्ष ने प्रभारी मंत्री के साथ सिंहस्थ के निर्माण कार्य का स्थल पर अवलोकन किया। शाम को सिंहस्थ मेला कार्यालय में विभागीय अधिकारियों से  वन-टू-वन चर्चा की।
सिंहस्थ केन्द्रीय समिति के अध्यक्ष माखनसिंह चौहान ने गुरुवार पूर्वान्ह अध्यक्ष पद का कार्यभार ग्रहण किया।केन्द्रीय समिति की घोषणा के एक पखवाड़े उपरांत वे उज्जैन आये और उन्होंने कार्यभार ग्रहण किया है। सादे समारोह में उन्हें कार्यभार ग्रहण करवाने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान खुद आये थे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सिंहस्थ की गौरवशाली इतिहास और परंपरा है। यह पर्व संपूर्ण उज्जैनवासियों का है। सिंहस्थ के आयोजन में कोई कसर नहीं छोड़ी जायेगी। सिंहस्थ के दौरान वैचारिक कुंभ आयोजित हो रहा है। कृषि कुंभ के आयोजन पर भी विचार किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने अपने उद्बोधन में किसी का नाम लिये बगैर ही कहा कि किसी भी काम को करना कठिन होता है, आलोचना सरल होती है। स्थानीय अधिकारी परिश्रम से सिंहस्थ के कार्य कर रहे हैं। उन्होंने प्रति सप्ताह स्वच्छता अभियान चलाने और उसमें प्रति सप्ताह राज्य शासन के एक नये मंत्री के शामिल होने का कहा है। इससे पूर्व मुख्यमंत्री की जिला पुलिस लाइन हेलीपेड पर जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों ने अगवानी की।

हर गली में श्रद्धालुओं का स्वागत होगा -माखनसिंह

सिंहस्थ में आने वाले श्रद्धालु हमारे लिये पूज्यनीय हैं। शहर के निवासी यहां अपने जन्म को सार्थकता प्रदान करते हुए प्रत्येक गली में आने वाले श्रद्धालुओं का सामना करेंगे। यह सुअवसर सौभाग्य से प्राप्त हो रहा है। यह बात सिंहस्थ केन्द्रीय समिति के अध्यक्ष माखनसिंह ने पदभार ग्रहण आयोजन के बाद कही। पदभार ग्रहण से पूर्व श्री चौहान सुबह उज्जैन पहुंचे और बाबा महाकाल के दर्शन-पूजन के लिये मंदिर गये, जहां उन्होंने दर्शन-पूजन कर बाबा महाकाल से आशीर्वाद ग्रहण किया। इसके बाद वे पदभार ग्रहण करने के लिये रवाना हुए।

सुसज्जित कार्यालय में पदभार ग्रहण

लघु उद्योग विकास निगम द्वारा मात्र 2 दिन में सिंहस्थ केन्द्रीय समिति के अध्यक्ष माखनसिंह के कक्ष की साज-सज्जा एवं डेकोरेशन के साथ ही बैठक को अंजाम दिया। इसी कार्यालय में गुरुवार को मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने केन्द्रीय समिति अध्यक्ष माखनसिंह को पदभार ग्रहण करवाया। इस अवसर पर आयोजित पूजा में भी वे सम्मिलित हुए।

1730 हितग्राही, 6.57 करोड़ का लाभ मिला

दोपहर में नरवर में आयोजित अंत्योदय मेले में प्रभारी मंत्री भूपेन्द्रसिंह पहुंचे। उन्होंने दीनदयाल अंत्योदय मेले में शासन की कल्याणकारी योजनाओं के तहत 1730 हितग्राहियों को 6 करोड़ 57 लाख 73 हजार रुपये के लाभ वितरित किये। यहां उन्होंने कहा कि अब आगे चलकर लोकसभा केन्द्र पंचायत स्तर पर भी स्थापित होंगे। अन्त्योदय मेले के सुव्यवस्थित आयोजन को लेकर उन्होंने कलेक्टर एवं सीईओ जिला पंचायत की सराहना की। मेले में विधायकों ने कल्याणकारी योजनाओं का जिक्र किया। प्रभारी मंत्री ने दोपहर में श्री महाकालेश्वर मंदिर में भगवान के दर्शन कर पूजा-अर्चना की।

मंदिर समिति ने किया सम्मान

सुबह के समय सिंहस्थ केन्द्रीय समिति अध्यक्ष माखनसिंह चौहान श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे थे। दोपहर में प्रभारी मंत्री भूपेन्द्रसिंह पहुंचे। यहां उन्होंने पूजन-अर्चन किया था। महाकाल मंदिर समिति की ओर से अध्यक्ष एवं कलेक्टर ने उनके साथ ही अन्य अतिथियों का दुशाला ओढ़ाकर भगवान महाकालेश्वर की तस्वीर एवं प्रसाद भेंटकर किया।

माखनसिंहजी 46 वर्षों से संघ प्रचारक

सिंहस्थ केन्द्रीय समिति के अध्यक्ष माखनसिंह चौहान उज्जैन संभाग के शाजापुर जिले के ग्राम पोलायखुर्द के निवासी हैं। 18 अगस्त 1949 को उनका जन्म हुआ। वे पिछले 46 वर्षों से संघ प्रचारक हैं। उज्जैन में जिला प्रचारक, विभाग प्रचारक, क्षेत्रीय सेवा प्रमुख रहे। 2006 से 2011 तक भाजपा के संगठन महामंत्री रहे। इसके बाद भाजपा के अंत्योदय एवं प्रशिक्षण के केन्द्रीय स्तर पर संगठन मंत्री रहे। वर्तमान में स्वच्छ भारत अभियान का केन्द्रीय स्तर का कार्य देख रहे हैं। राज्य शासन ने सिंहस्थ-2016 के लिये मध्यभारत सिंहस्थ मेला अधिनियम 1955 की धारा 05 की उपधारा-1 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए नगरीय विकास एवं पर्यावरण विभाग ने समस्त आदेशों को अधिक्रमित करते हुए केन्द्रीय समिति का गठन किया है। इसका उन्हें अध्यक्ष बनाया गया है।

सिरे से देखे काम

दोपहर उपरांत प्रभारी मंत्री केन्द्रीय समिति अध्यक्ष माखनसिंहजी के साथ सिंहस्थ के निर्माण कार्यों का स्थल निरीक्षण करने पहुंचे। गऊघाट जलशोधन संयंत्र से उन्होंने इसकी शुरुआत की। लालपुल के नीचे शिप्रा के पूर्वी और पश्चिमी छोर पर निर्माणाधीन घाट, खान डायवर्सन, चिंतामण गणेश ओवरब्रिज, हरसिद्धि-लालपुल रोड, रुद्र सागर, विक्रम टीला, महाकाल मंदिर परिसर निर्माण, मंगलनाथ क्षेत्र में बन रहे शौचालय का निर्माण देखने वे पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने लालपुल के नीचे बने घाट पर सुरक्षा की दृष्टि से रेलिंग लगाने के लिये कहा। स्थानीय वरिष्ठ अधिकारी ने उन्हें इस संबंध में जानकारी दी। इस दरमियान प्रभारी मंत्री ने खान डायवर्सन के इंजीनियर से कार्य की स्थितियों को जाना। इंजीनियर ने बताया कि 28 फरवरी तक कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य है। प्रभारी मंत्री को प्रभारी मंत्री चिंतामण गणेश, लालपुल, सेटेलाइट टाउन वाला क्षेत्र महत्वपूर्ण बताया। तब उन्होंने कहा कि इसे 5 दिसंबर तक खाली करवायें और इसके पश्चात कार्य त्वरित गति से प्रारंभ हो। चिंतामण गणेश ओवरब्रिज निरीक्षण के दौरान प्रभारी मंत्री को लोक निर्माण विभाग सेतु की कार्यपालन यंत्री शोभा खन्ना ने शहर के निर्माणाधीन और निर्मित 11 ब्रिज के बारे में ब्यौरा दिया। ब्रिज के नीचे नक्शा चस्पा कर पूरी कार्ययोजना बताई गई। स्थानीय वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने कहा कि कुल खर्च का 80 प्रतिशत स्थायी कार्यों में और 20 प्रतिशत मेला क्षेत्र के लिये पैसा लगाया जा रहा है। प्रभारी मंत्री ने रुद्रसागर में बनाये जा रहे नाला निर्माण को देखा और योजना जानी। उन्होंने मुआयने के पश्चात कहा कि यहां शौचालय और साफ-सफाई की व्यवस्था अव्वल दर्जे की होना चाहिये। प्रभारी मंत्री बोले शौचालय और साफ-सफाई सिंहस्थ के दौरान बड़ी चुनौती है। मंगलनाथ घाट निर्माण देखने के बाद उन्होंने सवाल किया कि रामघाट पर रेडस्टोन क्यों नहीं? सबसे ज्यादा श्रद्धालु वहीं होंगे। इस संबंध में तत्काल कार्रवाई के निर्देश लोक निर्माण विभाग को दिये गये। निरीक्षण के दौरान देवास रोड रेस्ट हाउस के निर्माण कार्यों को भी देखा गया। कमरों में जाकर टाइल्स, बिस्तर, सीट, दीवारों की जानकारी ली। दो बिस्तर के बावजूद काफी स्थान खाली होने पर मंत्री ने कहा कि सिंहस्थ में रेस्ट हाउस काफी व्यस्त रहेगा। कमरों में दो अतिरिक्त बेड लगाने की जगह है तो फिर चार बेडेड क्यों नहीं किया जा रहा? इसे 4 बेडेड करें। रेस्ट हाउस के बाहर बाउंड्री वाल बनाने के लिये योजना के निर्देश दिये गये।

पीएचई के 20 में से 17 काम शेष

सिंहस्थ मेला कार्यालय में शाम को निर्माण कार्यों की समीक्षा की गई। प्रभारी मंत्री ने केन्द्रीय समिति अध्यक्ष माखनसिंहजी के साथ अधिकारियों से वन-टू-वन अधिकारियों से चर्चा की। लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिये कि सभी निर्माण 15 दिसंबर तक पूर्ण करें। सेतु निगम को निर्देश दिये गये कि रेलवे से समन्वय कर सभी पुलों का निर्माण समय सीमा में तय करें। सिंहस्थ के सभी विभागों के 447 कार्य स्वीकृत हैं। इनमें से 141 कार्य पूर्ण हो चुके हैं। 226 जारी हैं। निर्माण कार्यों के लिये राज्य शासन ने 2591 करोड़ राशि स्वीकृत की है। बैठक में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने जानकारी दी कि 20 कार्य स्वीकृत किये गये, तीन कार्य पूर्ण हो चुके हैं। शेष जारी हैं। इनमें से गऊघाट व साहेबखेड़ी जल संवर्धन का कार्य 90 फीसदी पूर्ण हो चुका है। गंभीर इंटकवेल का कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है। प्रभारी मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये कि मेला क्षेत्र में मात्र 30 फीसदी काम हुए हैं। कार्यों की गति बढ़ाएं। सीवर लाइन, पेयजल लाइन का काम शीघ्र पूरा करें, जिससे सडक़ निर्माण कार्य हो सके। सीवर लाइन की जाँच एक अन्य एजेंसी से कराने के निर्देश दिये गये हैं जिससे कि भविष्य में रुकावट पैदा न हो। नगर निगम को कहा गया कि 34 हजार शौचालय के अलावा 10 हजार शौचालय अधिक बनाने का प्रस्ताव तैयार करें, जिससे श्रद्धालुओं को सुविधा हो सके। कचरा निपटान की पुख्ता योजना बनाई जाये। जल संसाधन विभाग को अस्थाई घाट निर्माण किये जाने का सुझाव दिया। एसपी एम.एस. वर्मा ने बताया कि 29 में से 3 कार्य पूर्ण हो चुके हैं, 25 प्रचलित हैं। 25 हजार पुलिस बल सिंहस्थ के दौरान तैनात किया जायेगा। बैठक में केन्द्रीय समिति अध्यक्ष माखनसिंह ने कहा कि अधिकारी अपनेपन के भाव से कार्य करें। यदि कोई कमी सामने किसी माध्यम से आती है तो स्वच्छ मानसिकता के साथ नकारात्मक रुप लेकर उसे दूर करने का प्रयास करें। उनका कहना था यदि हम अपने कार्य से संतुष्ट हो गये तो हमारी प्रगति रुक जायेगी। अपने कार्य से असंतुष्ट रहें और निरंतर प्रगतिशील रहें। उन्होंने कहा कि कार्यों को समय से पूरा करें। उसमें देरी न होने दें। कार्य में छोटी सी लापरवाही बड़ा रुप ले सकती है। सावधानी के साथ काम करें। अधिकारी एक-दूसरे के पूरक बने। पूरे समन्वय से कार्य को अंजाम दें। कार्य गुणवत्तापूर्ण होने चाहिये।

ये आये सुझाव

बैठक में सुझाव आमंत्रित किये गये तो जनप्रतिनिधियों ने उज्जैन में नाइट लैंडिंग फेसेलिटी, एक अच्छा हेलीपेड का सुझाव रखा। इसके साथ ही सिंहस्थ में जिन किसानों की भूमि पर शौचालय आदि अस्थाई निर्माण किये गये हैं सिंहस्थ उपरांत संबंधित एजेंसी उन निर्माणों को हटाकर ही वापस जायें। इस संबंध में किसानों से एन.ओ.सी. लिये जाने के बाद ही ठेकेदारों का भुगतान हो। सिंहस्थ क्षेत्र से मांस की दुकानों पर प्रतिबंध लगाया जाये। अतिक्रमण प्राथमिकता के साथ हटाये जायें।
प्रभारी मंत्री के आज के सभी कार्यक्रम निरस्त
प्रभारी मंत्री भूपेन्द्रसिंह के शुक्रवार के सभी कार्यक्रम निरस्त कर दिये गये हैं। अपरिहार्य कारणों से शुक्रवार के कार्यक्रम निरस्त किये गये हैं। प्रभारी मंत्री 27 नवंबर को अधिकारियों एवं संचार प्रतिनिधियों के साथ चर्चा करने वाले थे।

ये थे उपस्थित

सिंहस्थ प्राधिकरण अध्यक्ष दिवाकर नातू, संगठन महामंत्री अरविंद मेनन, विधायक दिलीपसिंह शेखावत, अनिल फिरोजिया, सतीश मालवीय, बहादुरसिंह चौहान, महापौर मीना जोनवाल, यूडीए अध्यक्ष जगदीश अग्रवाल, नगर अध्यक्ष इकबालसिंह गांधी, जिला अध्यक्ष श्याम बंसल, जन अभियान परिषद उपाध्यक्ष प्रदीप पाण्डे, लालसिंह राणावत, किशनसिंह भटोल, संगठन मंत्री राकेश डागोर, तनवीर एहमद, संभागायुक्त डॉ. रवीन्द्र पस्तौर, आईजी व्ही. मधुकुमार, डीआईजी राकेश गुप्ता, कलेक्टर कवीन्द्र कियावत, एसपी एम.एस. वर्मा, मेला अधिकारी अविनाश लवानिया।

कुर्सियां अधिक उपस्थिति कम

सिंहस्थ मेला कार्यालय में गुरुवार को आयोजित कार्यक्रम के लिये पर्याप्त मात्रा में आमंत्रण पत्र छपवाये गये थे लेकिन वितरण व्यवस्था ठीक नहीं होने के कारण पर्याप्त तौर पर वितरण कार्य व्यवस्थित नहीं हो सका। इसी के चलते कार्यक्रम में खाली कुर्सियां काफी पड़ी रही और लोगों की उपस्थिति कम रही जबकि केन्द्रीय सिंहस्थ समिति अध्यक्ष माखनसिंहजी का व्यक्तिगत तौर पर शहर में बड़ा संपर्क है। इसके बावजूद भी मेला कार्यालय की आमंत्रण व्यवस्था भंग होने से यह स्थिति बनी है।

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