सम्यक ज्ञान के बिना नहीं होती सुंदर गुणों की प्राप्ति- मुनिराजश्री
रतलाम,11 अक्टूबर(इ खबरटुडे)।लोकसन्त, आचार्य, गच्छाधिपति श्रीमद् विजय जयन्तसेन सूरीश्वरजी म.सा. की निश्रा में चल रही शाश्वती सिद्धचक्र नवपद ओलीजी की आराधना का चौथा दिन उपाध्याय पद की आराधना में बिता। मुनिराजश्री निपुणरत्न विजयजी म.सा. ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि सम्यक ज्ञान के बिना जीवन में सुन्दर गुणों की प्राप्ति नहीं हो सकती। सम्यक ज्ञान की प्राप्ति उपाध्याय के सान्निध्य में ही होती है।
मुनिराजश्री ने कहा कि जमीन, बीज, पानी, खाद आदि होने पर भी जैसे बिना किसान के खेती नहीं होती, वैसे ही बिना उपाध्याय के सद्गुणी फसल नहीं हो सकती। इसलिए उपाध्याय पद की आराधना एक दिन तक सीमित नहीं रखकर प्रतिदिन करते हुए कुछ समय ज्ञान प्राप्ति में व्यतित करना चाहिए। इससे मानव जीवन को सार्थकता मिलेगी। रतलाम में चातुर्मास बीत रहा है लेकिन इन चार महीनों में उसी की आत्मा जागी, जिसने धर्म श्रवण किया। मोक्ष की प्राप्ति परमात्मा के बिम्ब और शान्नें के आधार पर ही होना है, इसके लिए चातुर्मास सुवअर होता है। इसका लाभ लेने वाले को फल अवश्य मिलेगा। उन्होंने कहा कि ज्ञान की बहुत आवश्यकता है। संसार की जो भी गुलामी कर रहे हैं, वे सब अज्ञानी हैं। ज्ञान जिसके पास होता है, वह सबकुछ एक पल में छोड़ देता है । श्रीपाल रास का वाचन करते हुए मुनिराजश्री ने महिलाओं से सहनशील बनने का आह्नान किया। उन्होंने कहा कि बेटियां दो कुलों को रोशन करती हैं, लेकिन सहनशीलता के अभाव में कितने ही घर बिगड रहे हैं। प्रवचन के अन्त में दादा गुरुदेव की आरती का लाभ बक्तावरमलजी हरण मदुरई वाले ने लिया।
विभाग प्रचारक श्री शर्मा ने लिया आशीर्वाद –
राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के विभाग प्रचारक योगेश शर्मा ने जयन्तसेन धाम पहुंचकर लोकसन्तश्री के दर्शन-वन्दन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। उनके साथ जिला प्रचारक भालचन्द तारे भी थे। चातुर्मास आयोजक व राज्य योजना आयोग उपाध्यक्ष चेतन्य काश्यप ने स्वागत किया। प्रचारकद्वय ने लोकसन्तश्री से ज्वलंत विषयों पर ज्ञानवद्र्धक चर्चा की। इससे पूर्व उन्होंने जयन्तसेन धाम का अवलोकन किया।
16 को मनेगा ‘अमृत महोत्सव’ –
लोकसन्तश्री की निश्रा में 16 अक्टूबर को जयन्तसेन धाम में चातुर्मास आयोजक श्री काश्यप की मातुश्री तेजकुंवरबाई काश्यप का ‘अमृत महोत्सव’ आयोजित होगा। इसमें युवा संगीतकार सिद्धार्थ काश्यप संगीतमय मातृ-वन्दना की प्रस्तुति देंगे। महोत्सव के दौरान अ.भा.सौ. वृ. त्रिस्तुतिक जैन श्वेताम्बर श्रीसंघ एवं रतलाम श्रीसंघ द्वारा श्रीमती काश्यप को श्राविका रत्न का अलंकरण प्रदान किया जाएगा।