November 22, 2024

सतर्कता एवं मॉनिटरिंग समिति की बैठक में कलेक्टर का सख्त रूख

अधिकारियों का गैरजिम्मेदाराना रवैया बर्दाश्त नहीं

रतलाम 30 जून  (इ खबरटुडे)। आज यहां सम्पन्न जिला स्तरीय सतर्कता एवं मॉनिटरिंग समिति की बैठक में कलेक्टर डॉ. संजय गोयल ने सख्त रूख अपनाते हुए साफ तौर पर कहा कि समिति के सदस्य अधिकारियों का गैरजिम्मेदाराना रवैया बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
कलेक्टर ने निर्देश दिये कि पूर्व वर्ष एवं इस वर्ष अब तक के समस्त ऐसे प्रकरणों को सूचीबध्द किया जाए जिनमें आरोपी बरी हुए हैं। यह जानकारी तैयार करने के भी निर्देश दिए कि कितने प्रकरणों में अपील न किये जाने का निर्णय सक्षम अधिकारी द्वारा लिया गया तथा ऐसे कितने प्रकरण हैं जिनमें अपील करने का निर्णय लिया गया किन्तु आज दिनांक तक इसकी जानकारी प्रस्तुत नहीं की गई। डॉ. गोयल ने कहा कि एसडीएम एवं डीएसपी द्वारा घटना स्थल के संयुक्त निरीक्षण का प्रावधान है। उन्होंने बैठक में मौजूद एसडीएम रतलाम श्री सुनील झा एवं एसडीएम जावरा हरजिन्दरसिंह से जानना चाहा कि कितने प्रकरणों में उन्होंने पुलिस अधिकारी के साथ घटना स्थल का मुआयना किया है। कलेक्टर ने निर्देशित किया कि भविष्य में निर्देशानुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि सम्बन्धित थाने के प्रभारी अधिकारी से भी यह अपेक्षित है कि वे अत्याचार के गंभीर प्रकरण्ाों की जानकारी तत्काल टेलीफोन पर सम्बन्धित एसडीएम को दें। श्री गोयल ने कहा कि मौका निरीक्षण के सम्बन्ध में जिला अभियोजन अधिकारी सभी थाना प्रभारियों को आवश्यक प्रक्रिया तथा प्रपत्रों की जानकारी उपलब्ध कराएं। यह जानकारी सहायक आयुक्त आदिवासी विकास द्वारा दी जाएगी।
कलेक्टर ने कहा कि एफआईआर सबसे भरोसेमंद दस्तावेज माना जाता है किन्तु एफआईआर दर्ज करने में होने वाला विलम्ब इसकी विश्वसनीयता को कम करता है। अतएव मजिस्ट्रेट एवं पुलिस अधिकारी को एफआईआर दर्ज करने की कार्यवाही शीघ्रतिशीघ्र करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अत्याचार के गंभीर मामलों में एसडीएम की भूमिका बडी हद तक अनुसंधानिक होती है। जाति प्रमाण पत्र के मसले में डॉ. गोयल ने निर्देश दिए कि प्रकरण दर्ज होने के एक सप्ताह के भीतर पुलिस अधिकारियों को सीधे जाति प्रमाण-पत्र के आवेदन प्रस्तुत कराना चाहिए। ताकि प्रमाण-पत्र मिलने में निरर्थक विलम्ब न हो। उन्होंने अत्याचार सम्बन्धी शिकायते पंजी में दर्ज करने बाबत भी निर्देश दिए। डा. गोयल ने अत्याचार पीड़ितों के पुनर्वास एवं अन्य सुविधाओं के बारे में सहायक आयुक्त से जानकारी ली।
बैठक में विशेष लोक अभियोजक अक्षय पाटीदार की अनुपस्थिति को लेकर कलेक्टर ने सख्त नाराजगी का इजहार किया। टेलीफोन लगाये जाने पर भी उनसे सम्पर्क नहीं हो सका। इस पर कलेक्टर ने निराकृत प्रकरणों में सजा की दर बेहद कम होने का जिक्र करते हुए  विशेष लोक अभियोजक के रवैए को खेदजनक करार दिया। उन्होंने निर्देश दिए कि एक सप्ताह में इस बारे में परीक्षण किया जाए। कलेक्टर ने कहा कि जरूरी होने पर इस बारे में शासन को अवगत कराया जाएगा।
बैठक मेें जिला लोक अभियोजन अधिकारी आर.के.रामनानी ,डीएसपी अजाक ए.आर.खान,संयुक्त कलेक्टर आर.के.नागराज तथा रतलाम और जावरा के एसडीएम व सहायक आयुक्त आदिवासी विकास श्रीमती मधु गुप्ता भी मौजूद थे।

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