November 24, 2024

संकट की इस घड़ी में राज्य सरकार किसानों के साथ

आदर्श फसल बीमा योजना बनेगी 
ऋण राहत आयोग बनेगा

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आपात बैठक ली 
हौसला रखें -किसानों से अपील 

इस संकट को केन्द्र राष्ट्रीय आपदा घोषित करे 

भोपाल 28 फरवरी (इ खबरटुडे) मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि गंभीर संकट की इस घड़ी में हम किसानों के साथ पूरी ताकत से खड़े हैं। राज्य सरकार किसानों को राहत देने के लिये असाधारण फैसले लेगी। प्रदेश सरकार आदर्श फसल बीमा योजना बनायेगी। इस तरह की परिस्थितियों से निपटने के लिये ऋण राहत आयोग बनाया जायेगा। साथ ही किसानों को तत्काल राहत देने के लिये प्राकृतिक आपदा राहत कोष भी बनाया जायेगा। मुख्यमंत्री  चौहान ने किसानों से अपील की है कि धैर्य रखें, हौसला रखें। किसानों की हरसंभव मदद की जायेगी। मुख्यमंत्री चौहान आज यहाँ ओला एवं अति वृष्टि से फसलों को हुए नुकसान के संबंध में उच्च स्तरीय आपात बैठक ले रहे थे। बैठक में मंत्रि-परिषद के सदस्य तथा वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आरंभिक रूप से प्रदेश के 49 जिलों के 9,584 ग्राम में फसलों को नुकसान की सूचना है। यह किसानों के लिये असाधारण संकट की घड़ी है। इससे निपटने के लिये राज्य सरकार हरसंभव कदम उठा रही है। फसलों को नुकसान का सर्वे पूरी प्रामाणिकता से करने के निर्देश दिये गये हैं। किसानों की ऋण वसूली स्थगित कर दी गयी है तथा इस अवधि का ब्याज राज्य सरकार भरेगी। किसानों को पचास प्रतिशत से अधिक नुकसान होने पर शत-प्रतिशत क्षति मानकर 15 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर राहत दी जायेगी। ऐसे किसानों को बेटी की शादी की सहायता के लिये 25 हजार रूपये की मदद दी जायेगी। पच्चीस से पचास प्रतिशत नुकसान होने पर भी राज्य सरकार किसानों को राहत राशि देगी। उन्होंने जिला अधिकारियों को निर्देशित किया है कि कोई भी साहूकार ओला प्रभावित किसानों से जबरन वसूली नहीं करे यह सुनिश्चित किया जाय। पचास प्रतिशत से अधिक नुकसान वाले किसानों को एक रूपये किलो गेहूँ और एक रूपये किलो चावल उपलब्ध करवाया जायेगा। शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण लेने वाले किसानों को ऋण चुकाने की अवधि बढ़ाई जायेगी।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सभी मंत्रियों को जिलों में जाकर राहत की निगरानी के निर्देश दिये हैं। सर्वे कार्य पूरी पारदर्शिता से हो इसके लिये राजस्व, कृषि और पंचायत विभाग के संयुक्त दल बनाये गये हैं। फसल बीमा योजना का लाभ किसानों को मिले इसके लिये वरिष्ठ अधिकारियों का दल मॉनीटरिंग करेगा। सर्वे और राहत राशि वितरण की केन्द्रीय निगरानी का कार्य कृषि उत्पादन आयुक्त, अपर मुख्य सचिव वित्त तथा प्रमुख सचिव राजस्व की समिति करेगी। सर्वे में लापरवाही पर कठोर कार्रवाई की जायेगी। लेखा अनुदान में किसानों को राहत के लिये अतिरिक्त बजट की व्यवस्था की जायेगी। जरूरत हुई तो विकास कार्यों के बजट में कटौती कर किसानों को राहत पहुँचायी जायेगी। श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश की जनता भी इस त्याग के लिये तैयार रहे। उन्होंने केन्द्र से आग्रह किया है कि इस संकट को राष्ट्रीय आपदा घोषित करे। नुकसान के आकलन के लिये केन्द्रीय दल शीघ्र भेजे।

बैठक में मंत्रियों ने फसल कटाई प्रयोग समय-सीमा में तथा ठीक से करने, किसानों के लिये वैकल्पिक फसल के रूप में मूंग की फसल की तैयारी, प्रभावित वन ग्रामों के किसानों को भी राहत राशि देने के सुझाव दिये। बैठक में गृह मंत्री  बाबूलाल गौर, वित्त मंत्री जयंत मलैया, कृषि मंत्री  गौरीशंकर बिसेन, लोक निर्माण मंत्री श्री सरताज सिंह, वन मंत्री  गौरीशंकर शेजवार, राजस्व मंत्री रामपाल सिंह, खाद्य-नागरिक आपूर्ति मंत्री  विजय शाह, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री सुश्री कुसुम महदेले, उच्च शिक्षा मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता, स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री  दीपक जोशी, पर्यटन एवं संस्कृति राज्य मंत्री  सुरेन्द्र पटवा, मुख्य सचिव अन्टोनी डिसा, पुलिस महानिदेशक  नंदन दुबे सहित वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।

हर खेत का सर्वे हो

इस बैठक के तत्काल बाद वीडियो कान्फ्रेंस में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कमिश्नर और कलेक्टरों को इस प्राकृतिक आपदा की स्थिति में पूरी ताकत से किसानों को राहत पहुँचाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि सामान्य प्रशासनिक कार्य छोड़ वरिष्ठ अधिकारी किसानों के बीच पहुँचें। तत्काल राहत के लिये सर्वे का काम शुरू करें। सर्वे पूरी ईमानदारी से हो। हर खेत का सर्वे हो, किसी भी तरह की कोताही और लापरवाही पर प्राथमिक जिम्मेदारी कलेक्टर की रहेगी। सर्वे कार्य पूरी सजगता और मानवीय दृष्टिकोण से किया जाय। वन ग्रामों का भी सर्वे करें तथा यह सुनिश्चित करें कि कोई भी खेत सर्वे से नहीं छूटे। फसल बीमा योजना का लाभ किसानों को दिलाया जाये। ऋण वसूली स्थगित की गयी है। निजी साहूकार किसानों से जबरदस्ती ऋण वसूली नहीं करें, इसके लिये मनी लेंडिंग एक्ट का उपयोग किया जाये। जिन किसानों की फसलों का पचास प्रतिशत से ज्यादा नुकसान हुआ है उन्हें अगले आठ माह तक एक रूपये किलो गेहूँ और एक रूपये किलो चावल उपलब्ध करवाया जाये। अगली फसल के लिये खाद-बीज की व्यवस्था अभी से की जाये। उन्होंने कहा कि संकट की यह घड़ी शासन के नेतृत्व और प्रशासनिक दक्षता की परीक्षा है। गेहूँ, चने के अलावा जो अन्य फसलें और सब्जियाँ नष्ट हुई हैं उसका भी सर्वे करवायें। जिन लोगों के पास वन भूमि के पट्टे हैं तथा फसलों का नुकसान हुआ है उन्हें भी राहत राशि उपलब्ध करवायी जाये।

मुख्य सचिव  डिसा ने निर्देश दिये कि फसलों के नुकसान का प्रारंभिक सर्वे अगले पाँच दिन में पूरा कर लिया जाये। पचास प्रतिशत से ज्यादा हानि वाले किसानों की सूची बनायी जाये। बैठक में विभिन्न जिलों के कलेक्टरों ने नुकसान के बारे में जानकारी दी। बैठक में मंत्रि-परिषद के सदस्य तथा संबंधित विभागों के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।

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