December 25, 2024

शहर में 24 घंटे पानी सप्लाय अब भी दिवास्वप्न

तापी ने ‘तमाशा’ बना दिया योजना को
एक भी वार्ड में कंपनी पूरा कार्य नहीं कर सकी और न ही डेमो वार्ड विकसित कर सकी

उज्जैन  7 अप्रैल (इ खबरटुडे)। शहर में 24 घंटे मीटर से जल सप्लाय की योजना दिवास्वप्न सी हो गई है। तापी कंपनी ने 3 साल से अधिक समय में भी एक भी वार्ड में पूरा काम नहीं किया है और न ही एक भी वार्ड डेमो के रुप में विकसित किया है। हालत यह है कि तापी कंपनी ने पूरी योजना को ‘तमाशा’ बनाकर रख दिया है। काम इतना धीमा कि समझ नहीं आता कि चल रहा है या बंद है।
जेएनएनयूआरएम योजना के तहत शहर में नई पाइप लाइन डालने का काम तापी कंपनी को दिया गया था। करोड़ों की लागत के इस काम को 3 साल से अधिक समय व्यतीत हो गया। अब भी शहर में पूरी तरह पाइप लाइन नहीं डल सकी है। बार-बार तापी और नगर निगम अधिकारियों के बीच काम और भुगतान को लेकर तनाव की स्थिति बनती है। न काम होता है और न ही बात आगे बढ़ती है। इन हालातों के बीच तीन साल से अधिक समय होने के बावजूद आम नागरिकों को पुरानी पाइप लाइन से मिल रहा गंदा पानी पीने को मजबूर होना पड़ रहा है।

क्या करना था कंपनी को

सूत्रों के अनुसार तापी कंपनी को लाइन डालकर उसे सप्लाय लाइन से जोड़ना था, जिससे नई लाइन में पानी शुरु हो जाये। कुछ क्षेत्रों में लाइन डालने के बाद कंपनी ने सप्लाय लाइन से जोड़ दिया है और पानी भी शुरु हो चुका है लेकिन कंपनी ने उपभोक्ताओं के कनेक्शन के लिये कनेक्शन पाइंट नहीं निकाले हैं। यह समस्या आगे जाकर बड़े रुप में सामने आयेगी। कई क्षेत्रों में तो अभी लाइन डलना बाकी है। जब तक उपभोक्ता कनेक्शन के पाइंट नहीं छोड़े जाते, प्रोजेक्ट पूरा नहीं माना जा सकता। इसके तहत एक किलोमीटर लाइन भी पूरी नहीं कही जा सकती।

टी की जगह क्लेम्प कनेक्शन

सूत्रों के अनुसार भैरवगढ़ क्षेत्र में कंपनी ने लाइन डालने का काम किया है। यहां सप्लाय लाइन से पाइप लाइन को जोड़ दिया गया है। पानी भी उसमें चालू हो गया है। इसी क्षेत्र में कंपनी को कुछ स्थानों पर टी कनेक्शन करना थे। सूत्रों का कहना है कि टी की जगह कई स्थानों पर क्लेम्प कनेक्शन कर दिये गये जो कि नियम विरुध्द है।

6 लाख गैलन की टंकी फिर भी पानी की किल्लत

भैरवगढ़ क्षेत्र में 6 लाख गैलन की नई पानी की टंकी निर्मित की गई है। इसके बावजूद क्षेत्र में पानी की किल्लत आम नागरिक भुगत रहा है। सूत्रों का कहना है कि कंपनी भैरवगढ़ वार्ड क्र. 1 को डेमो वार्ड के रुप में विकसित करते हुए यहां सिरे से कार्य करती तो यह समस्या नहीं आती। सूत्र बताते हैं कि कंपनी अपर्याप्त संसाधन और अप्रशिक्षित लेबर का उपयोग करते हुए काम को धीमी गति से कर रही है।

योजना की रकम के सदुपयोग पर सवाल

शहरी नवीनीकरण योजना अंतर्गत जेएनएनयूआरएम के तहत शहर में नई पाइप लाइन और स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिये केन्द्र ने यह राशि स्वीकृत की थी। करीब 78 करोड़ क़ी इस राशि के सदुपयोग पर अब सवाल खड़ा हो रहा है। प्रारंभिक रुप से यह बात स्पष्ट हुई थी कि नागरिकों के घरों में मीटर लगाकर 24 घंटे पेयजल उपलब्ध कराया जायेगा। इसके विपरीत योजना के पूर्ण होने में ही सवाल खड़ा हो रहा है। सूत्रों के अनुसार जिस गति से काम चल रहा है, उससे योजना के पूर्ण होने में संशय बन गया है।

12 साल में टंकी पूर्ण होगी, पाइप लाइन कब डलेगी?

सूत्रों का कहना है कि नागझिरी क्षेत्र में पिछले सिंहस्थ के समय एक टंकी का निर्माण शुरु हुआ था। यह टंकी 12 साल बाद भी पूर्णता की स्थिति में नहीं आ पाई है। यही हश्र नई पाइप लाइन का भी होता प्रतीत हो रहा है। तीन साल में कंपनी की ओर से जितना काम किया गया है, उसमें अब तक पूर्णता कहीं नजर नहीं आ रही है।

… तो फिर क्या सड़कें खुदेंगी?

शहर के कुछ क्षेत्रों में सड़क बनाने का काम जारी है। भैरवगढ़ क्षेत्र में कुछ सड़कों का निर्माण किया जा चुका है। क्षेत्रीय स्तर पर अब तक नई पाइप लाइन से उपभोक्ताओं के लिये कनेक्शन नहीं निकाले गये हैं। ऐसी स्थिति में जब भी कंपनी उपभोक्ताओं के लिये कनेक्शन निकालेगी तो सड़कों की खुदाई होना तय है। कनेक्शन नहीं निकालने की स्थिति में प्रोजेक्ट अधूरा माना जायेगा। फिर से सड़कें बेहाल स्थिति में आयेगी।

एक समय सप्लाय में दम फूल रहा, 24 घंटे सप्लाय कैसे देंगे?

सूत्र यह भी सवाल उठा रहे हैं कि वर्तमान में एक समय जल सप्लाय में ही दम फूल रहा है। पिछले 30 दिनों में 5 बार ऐसा रहा है जबकि शहर में जल सप्लाय नहीं हो सका। 4 बार तो पूरे शहर को इस विपरीत परिस्थिति से गंभीर में भरपूर पानी होने के बावजूद जल संकट सहना पड़ा। 5वीं बार शहर के एक दर्जन से अधिक क्षेत्रों में जल अभाव की स्थिति शनिवार को बनी थी। सूत्रों का कहना है कि इन हालातों के चलते 24 घंटे सप्लाय देना अपने आपमें प्रश्न खड़ा कर रहा है। सूत्र यह भी कहते हैं कि अगर कंपनी कुछ क्षेत्रों में कम्पलीट काम करते हुए आगे बढ़ती तो इससे उपभोक्ताओं को नये कनेक्शन निकालकर देने में नगर निगम पीएचई को भी राजस्व की प्राप्ति होना शुरु हो जाती। पुराने बकायादार से पैसा वसूलने के बाद ही उन्हें नये कनेक्शन दिये जाते हैं, जिससे पीएचई को अच्छा राजस्व मिल सकता था।

You may have missed

Here can be your custom HTML or Shortcode

This will close in 20 seconds