November 27, 2024

शहर के कुछ निजी अस्पतालों में धडल्ले से जारी है भ्रूणहत्या और अवैध गर्भपात,नहीं लग पा रही है रोक

रतलाम,21 जनवरी (इ खबरटुडे)। शहर के कुछ भ्रष्ट चिकित्सकों और निजी अस्पतालों में भ्रूणहत्या और अवैध गर्भपात जैसे जघन्य कृत्य धडल्ले से जारी है। कडे कानूनों के बावजूद इस तरह के जघन्य अपराधों पर रोक नहीं लग पा रही है। हाल ही में दीनदयाल नगर थाना क्षेत्र में हुई दिल दहला देने वाली घटना इसका प्रमाण है,जब जन्म देने वाली मां ने अपनी ही नवजात पुत्री को मरने के लिए नाले में फिंकवा दिया।
उल्लेखनीय है कि दीनदयाल नगर पुलिस थाना क्षेत्र में विगत 16 जनवरी को एक नवजात बालिका मृत अवस्था में नाले में पडी मिली थी। दीनदयाल पुलिस ने इस मामले में मर्ग कायम कर जांच की और नवजात बच्ची को मरने के लिए फेंकने वाली उसकी मां बेबी उर्फ मीनल पिता रामेश्वर जटिया 19 वर्ष,बच्ची को नाले में फेंकने वाली उसकी सहेली मोना उर्फ अफसाना पति जब्बार 23 और बेबी के प्रेमी सोनू उर्फ चेतन पिता दुलीचन्द जटिया 23 वर्ष को गिरफ्तार कर लिया है। इन आरोपियों के विरुध्द बच्चों का अवैध रुप से परित्याग करने की भादवि की धारा 317 और सदोष मानव वध की भादवि की धारा 304  के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है। इन आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया है।

कई सवाल अनुत्तरित

शहर में नवजात शिशुओं को फेंकने जैसी लोमहर्षक और दिल दहला देने वाली घटनाएं पहले भी होती रही है। यह संभवतया पहला मामला है,जिसमें पुलिस ने नवजात शिशु की हत्या करने वाले आरोपियों को धर दबोचने में सफलता प्राप्त की है। लेकिन इस सफलता के बावजूद कई सवाल अभी भी अनुत्तरित रह गए है। जब भी कहीं अवैध नवजात शिशु का शव बरामद होता है,यह तथ्य साबित होता है कि शहर में कहीं न कहीं अवैध गर्भपात और भ्रूणहत्या जैसे जघन्य अपराध किए जा रहे है। चिकित्सा व्यवसाय से जुडा कोई ना कोई तत्व रुपयों के लालच में मानवता को शर्मसार कर देने वाले कृत्य कर रहा है। अमूमन नवजात शिशुओं के शव मिलने के बाद पुलिस मर्ग कायम करती है,लेकिन इसके आगे जांच नहीं बढ पाती। दीनदयाल नगर के इस मामले में पहली बार क्षेत्र के नागरिकों द्वारा दी गई सूचनाओं के आधार पर पुलिस ने इन हत्यारों को गिरफ्तार तो कर लिया,लेकिन इस बिन्दु को गंभीरता से नहीं लिया कि आखिर  महिला की प्रसूति कहां और कैसे हुई और किसने करवाई। पुलिस का अधिकारिक तौर पर कहना है कि बेबी उर्फ मीनल की प्रसूती उसकी सहेली सह अभियुक्त मोना उर्फ अफसाना ने अपने घर पर ही करवा दी। किसी महिला का प्रसव करवाना किसी सामान्य महिला के बस का काम नहीं होता। इसके लिए प्रशिक्षित दाई या महिला चिकित्सक की आवश्यकता होती है। लेकिन पुलिस ने आरोपियों के कहने को ही सही मान लिया। यहां तक कि अभियुक्तों की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ के लिए पुलिस रिमाण्ड तक की मांग नहीं की। अभियुक्तों को सीधे न्यायिक  रिमाण्ड पर भेज दिया।
नवजात शिशुओं के शव कूडे के ढेर या नाले नालियों में मिलना किसी भी सभ्य समाज को शर्मसार करने के लिए काफी है। ऐसे में आवश्यक है कि इस तरह के मामलों को अत्यधिक गंभीरता से लेते हुए अवैध रुप से गर्भपात और भू्रण हत्या करने वाले तत्वों की खोजबीन कर उन्हे दण्डित करवाया जाए।

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