व्यवस्था परिवर्तन के लिए समाज जागरण आवश्यक
आरएसएस के विशेष शिविर के समापन में सह प्रान्तप्रचारक डॉ श्रीकान्त ने कहा
रतलाम,11 जनवरी(इ खबरटुडे)। सत्ता परिवर्तन से व्यवस्था परिवर्तन नहीं होता,बल्कि व्यवस्था परिवर्तन के लिए समाज जागरण आवश्यक है। इसलिए संघ का प्रत्येक स्वयंसेवक समाज जागरण में अपनी भूमिका तय करे। पिछले 90 वर्षों में हमने बहुत कुछ प्राप्त किया है,परन्तु लक्ष्य अभी दूर है। उक्त उद्गार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मालवा प्रान्त के सह प्रान्त प्रचारक डॉ.श्रीकान्त ने स्थानीय सरस्वती शिशु मन्दिर पर चल रहे तीन दिवसीय विशेष शिविर के समापन समारोह को सम्बोधित करते हुए कहे।
डॉ श्रीकान्त ने कहा कि हम स्वामी विवेकानन्द जी के सपनों को साकार करने का कार्य कर रहे है,जो वे अपने जीवनकाल में नहीं कर सके। संघ व्यक्ति निर्माण की कार्यशाला है। इस कार्यशाला में निर्मित स्वयंसेवक समाज की दुर्बलता को दूर कर उसमें स्वाभिमान का भाव उत्पन्न करते है।
इससे पहले विशेष शिविर के शिविर अधिकारी राष्ट्रीय दलित महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रदीप करोसिया ने भी शिविरार्थियों को सम्बोधित किया। उन्होने कहा कि सामाजिक समरसता के समाज में स्थापित करने मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले महापुरुषों केकार्य को धरातल पर उतारने का का कार्य राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का रहा है और हम पूर्णत: निश्चिन्त है कि समाज में समरसता स्थापित करने में हम सफल होंगे।
संघ के इस तीन दिवसीय विशेष शिविर में उज्जैन विभाग के पांच जिलों के एक सौ पचास से अधिक स्वयंसेवक उपस्थित थे। समापन सत्र में विभाग कार्यवाह बलराज भट्ट एवं प्रान्त अधिकारी विजय केवलिया समेत प्रान्त व विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।