November 15, 2024

विक्रम चरिर्त सुनकर करें चरित्र निर्माण: आचार्यश्री

रतलाम22 सितम्बर(इ खबरटुडे)। जीवन की स्थिति का आकलन आचारों से होता है। चरित्र के आलेखन भी इसीलिए होते हैं कि हम महापुरुषों के जीवन के गुणों का अनुकरण कर सके। उनका जीवन हमारे लिए आदर्श बनता है। जीवन जीने की रीत एवं शैली में भी परिवर्तन आता है। विक्रम चरित्र सुनकर चरित्र निर्माण की शिक्षा ले।

यह आशीवर्चन गुरुवार को जैनाचार्य, लोकसन्त श्रीमद् विजय जयन्तसेन सूरीश्वरजी म.सा. ने जयन्तसेन धाम में विक्रम चरित्र का वाचन करते हुए कहे। उन्होंने कहा कि किसी भी जीव में अच्छा गुण दिखे, तो उसे तुरन्त ग्रहण करना चाहिए। गुण ग्रहण करने पर एक सद्गुण हमें भी मिलता है। विक्रम चरित्र ऐसे ही सदगुणों की प्रेरणा हमे देता है। इससे पूर्व मुनिश्री निपुणरत्न विजयजी म.सा. ने उत्तराध्ययन सूत्र की विवेचना करते हुए कहा कि त्याग के बिना वैराग्य नहीं होता है। त्याग के परिणाम मानव जीवन में ही आते हैं।

उन्होंने कहा पशुओं के भव में जो सहज है, ऐसे भोग छोडऩा और इन्द्र के भव में जो दुर्लभ है, ऐसे त्याग को अपनाने का सौभाग्य मनुष्य जीवन में ही मिलता है। भोगसुख तुच्छ होता है, जबकि त्यागभाव अनमोल होता है। त्याग-वैराग्य के बाद ही वीतरागता आती है। मनुष्य ही मुनि बनकर मात्र साधना के लिए देह का पालन करता है। संसारी जीव देह द्वारा राग-द्वेष, विषय-कषाय एवं कर्म बंधनरूप प्रवृति करता है। संयमी जीव देह की रक्षा मात्र साधना के लिए ही करता है। इसलिए मात्र ज्ञान ही नहीं, अपितु ज्ञान के संग आचार भी आवश्यक है।

गुरुभक्तों के दर्शनार्थ आने का क्रम जारी –
लोकसन्त श्रीमद् विजय जयन्तसेन सूरीश्वरजी म.सा. के दर्शन-वन्दन हेतु देश-विदेश से गुरुभक्तों के आने का क्रम लगातार जारी है । गुरुवार को विजयवाडा, सायला, सियाणा, खाचरौद श्रीसंघों ने जयन्तसेन धाम पहुंचकर आचार्यश्री से आशीर्वाद लिया। चातुर्मास आयोजक चेतन्य कुमार काश्यप परिवार की ओर से श्रवण काश्यप ने जोधपुर के संघपति पारसमल जेठमल पोरवाल का बहुमान किया। खाचरौद श्रीसंघ के सुरेश मेहता, विजयवाडा श्रीसंघ के भंवरलाल जैन, सायला श्रीसंघ के मांगीलाल कबदी का बहुमान संघ अध्यक्ष डॉ. ओ.सी. जैन, पारसमल खेड़ावाला, सुरेशचन्द्र बोराणा मामाजी, विमल खाबिया, संतोष राजावत ने किया। खाचरौद श्रीसंघ द्वारा श्रीमती तेजकुंवरबाई काश्यप का अभिनन्दन किया गया। बचपन प्ले स्कूल डोंगरे नगर के 45 नन्हें-मुन्ने बच्चों ने भी प्राचार्या सीमा जैकब और दीपशिखा जैन के साथ उपस्थित होकर जैनाचार्यश्री से आशीर्वाद लिया। दादा गुरुदेव की आरती का लाभ विजयवाडा श्रीसंघ द्वारा लिया गया।

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