लाड़ली लक्ष्मी योजना के नियम जारी, मध्य प्रदेश के बाहर गोद गई बालिका का पंजीयन होगा निरस्त
भोपाल,19नवंबर (इ खबरटुडे)। लाड़ली लक्ष्मी योजना को कानूनी जामा पहनाने के बाद राज्य सरकार ने योजना के नियम जारी कर दिए हैं। इनके तहत बाल देख-रेख संस्थाओं में जन्मी योजना का लाभ लेने वाली बालिकाएं प्रदेश के बाहर गोद ली जाती हैं, तो उनका पंजीयन निरस्त होगा। वहीं सामान्य मामलों में बाल विवाह होने पर पंजीयन स्वत: ही निरस्त हो जाएगा। ऐसे मामलों में हितग्राही को योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
चुनाव 2018 से पहले शिवराज सरकार ने योजना को कानूनी रूप दे दिया था
विधानसभा चुनाव 2018 से पहले शिवराज सरकार ने योजना को कानूनी रूप दे दिया था। सरकार को डर था कि प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हुआ, तो योजना बंद की जा सकती है। ऐसे में योजना का लाभ ले रहीं बालिकाओं को आर्थिक नुकसान हो सकता है। इसलिए वर्ष 2018 में (मध्य प्रदेश लाड़ली लक्ष्मी बालिका प्रोत्साहन) कानून बनाया गया।
नियम जारी होने से पहले चुनाव हो गए और प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हो गया
कानून तो बन गया, पर उसके नियम जारी होने से पहले चुनाव हो गए और प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हो गया। तब से नियम बनाने की कार्यवाही चल रही थी। तीन दिन पहले सरकार ने इसके नियम जारी कर दिए हैं।
नियमों में योजना में पंजीयन कराने की प्रक्रिया से लेकर पंजीयन निरस्त होने के कारण गिनाए गए हैं। अव्वल तो योजना का लाभ ले रही किसी बालिका द्वारा दी गई जानकारी गलत पाई जाती है, तो उसका पंजीयन निरस्त किया जाएगा और लाभ भी रोक दिया जाएगा। वहीं बालिका का बाल विवाह किया जाता है, तो भी पंजीयन स्वत: निरस्त हो जाएगा। बालिका की मृत्यु होने पर परिवार को योजना का लाभ नहीं मिलेगा, वहीं बाल देख-रेख संस्थाओं में जन्मी बालिकाओं को प्रदेश से बाहर कोई दत्तक लेता है, तो न्यायालय की मंजूरी के दो साल बाद पंजीयन निरस्त हो जाएगा।