रतलाम जिले के अष्टपद जैन तीर्थ से अष्टधातु की मूर्तियां चोरी
रतलाम08 दिसम्बर(इ खबरटुडे)। जिले की जावरा तहसील में ग्राम हाटपिपलिया के पास स्थित अष्टपद जैन तीर्थ के मंदिर (जिनालय) में चोरों ने वारदात को अंजाम दिया। चोर पहाड़ी पर बने तीर्थ के ऊपरी हिस्से में बने मंदिर से पचास हजार रुपए कीमत की अष्टधातु की तीन मूर्तियां और दानपत्र से 30 से 40 हजार रुपए चुराकर ले गए। चोरी की खबर से क्षेत्र में सनसनी फैल गई। पुलिस दल व डॉग स्क्वाड घटनास्थल पहुंचा और जांच की। दो चोर सीसीटीवी कैमरे में कैद हुए हैं लेकिन उनके चेहरे स्पष्ट नहीं दिख रहे हैं। पुलिस चोरों की तलाश कर रही है।
तीन मुर्तियां तथा दानपात्र तोड़कर उसमें रखी राशि निकालकर भाग गए
जानकारी के अनुसार जावरा नगर से ताल रोड पर 16 किलोमीटर दूर स्थित हाटपिपलिया के पास स्थित भव्य तीर्थ स्थल पर 2014 में ही मूर्तियों की प्रतिष्ठा की गई थी। बुधवार-गुरुवार की दरमियानी रात करीब सवा एक बजे चोर मंदिर में पहुंचे। चोर सीढ़ियों चढ़कर 32 फीट की ऊंचाई पर बने मंदिर में पहुंचे। वहां कांच के दरवाजे लगे है। चोरों ने कांच के दरवाजे को खोलकर अंदर प्रवेश किया और तीन मुर्तियां तथा दानपात्र तोड़कर उसमें रखी राशि निकालकर भाग गए।
तीर्थ परिसर में गार्ड (चौकीदार) तैनात था लेकिन उसे चोरों के आने की भनक तक नहीं लगी। चोर पिछे के रास्ते से आए थे और पीछे के रास्ते से ही भाग गए। गुरुवार सुबह पुजारी पहुंचे तो दानपात्र टूटा देख वारदात का पता चला। सूचना मिलने पर ट्रस्टी निर्मलकुमार चत्तर, अन्य ट्रस्टी और अन्य समाजजन, पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे।
रतलाम से एफएसएल अधिकारी डॉ. अतुल मित्तल व डॉग स्क्वाड को बुलाया गया। डॉग मंदिर में यहां-वहां घुमता हुआ पीछे के रास्ते बाहर जाकर रूक गया। सीसीटीवी कैमरे के फुटैज के अनुसार चोर मंदिर में रात 1.23 बजे से 1.45 बजे तक रहे।
पुजारी पहुंचे तो पता चला
ट्रस्टी निर्मलकुमार चत्तर ने बताया कि गुरुवार सुबह साढ़े पांच बजे पुजारी प्रदीप शर्मा व धर्मेंद्र जैन मंदिर पहुंचे तो दानपात्र टूटा मिला। इसके बाद उन्होंने उन्हें अन्य ट्रस्टियों को सूचना दी। सीसीटीवी कैमरे चेक करने पर दो चोर दिखाई दिए। पुलिस चोरों की खोजबीन कर रही है।
चोर मंदिर से आदिनाथ भगवान की एक मूर्ति और स्नात्रपूजा में रखी जाने वाली दो मूर्तियां तथा दानपात्र से 30 से 40 हजार रुपए निकालकर ले गए। दानपत्र हर माह खोला जाता है। पिछली बार 15 नवंबर को दानपात्र खोला गया था। तब करीब पचास हजार रुपए उसमें निकले थे।